विदिशा: बुधवार को श्वेतांबर जैन समाज के पर्वधीराज पर्यूषण पर्व के पांचवें दिन समाज जनों की उपस्थिति में महावीर जन्म कल्याणक बड़ी धूमधाम से मनाया गया. भगवान महावीर की माता त्रिशला को आए 14 स्वप्न को झुलाने की बोलियां बोली गई. बोली बोलने वाले लाभार्थी परिवार द्वारा भगवान के स्वप्न को झुलाया गया. प्रवचन कारों ने बताया कि "इन सपनों को भगवान महावीर के दिव्य गुणों और उनके भविष्य की महानता की भविष्यवाणी के रूप में देखा जाता है. पर्यूषण पर्व के दौरान इन सपनों की चर्चा और पूजा भक्तों को महावीर के जीवन और शिक्षाओं से जुड़ने का अवसर प्रदान करती है.
स्वप्न झूलाने के बोलियां लगीं
माता त्रिशला को आया प्रत्येक स्वप्न भगवान महावीर के चरित्र और भविष्य को दर्शाता है. इसी तरह भगवान महावीर के दिखाएं रास्तों पर चलने का प्रयास हम सभी को करना चाहिए. ऐसा मुंबई से पधारे आराधकों ने समझाया. बोलियां बोलने के पश्चात प्रवचन कारों ने ग्रंथ धी, ग्रंथ कल्प सूत्र का वाचन कर भगवान महावीर के पालने की आरती की. इसके बाद भगवान महावीर के झूले को झूलने की बोली मोहन जी कल्याणी परिवार द्वारा ली गई.
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भगवान को चढ़ाया गया चांदी छत्र
भगवान महावीर के जन्म कल्याणक की भक्ति रखी गई. जिसमें पूरे समाज ने बढ़-चढ़कर भगवान महावीर के भजनों की स्तुति करने के बाद गरबा खेल कर भगवान महावीर के जन्म का हर्ष मनाया. वहीं इस मौके पर दीपेश प्रफुल्ल शाह परिवार द्वारा सवा किलो चांदी का छत्र भगवान को चढ़ाया गया. जैन धर्म के शास्त्र को बढ़ाने की बोलियां बोली गई.