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स्कूल भवन बेहाल, जान हथेली पर रखकर पढ़ रहे नौनिहाल, अधिकारियों को है किसी बड़े हादसे का इंतजार - VIDISHA SCHOOL CONDITION POOR

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 17, 2024, 2:28 PM IST

Updated : Jul 17, 2024, 2:36 PM IST

विदिशा के लटेरी में एक पाठशाला के भवन की हालत एकदम जर्जर हो चुकी है. शाला में 15 बच्चे पढ़ते हैं और एक शिक्षिका उन्हें पढ़ाती है. कई बार मौखिक शिकायत करने के बाद भी अधिकारी कोई सुध नहीं ले रहे हैं.

VIDISHA SCHOOL CONDITION POOR
पाठशाला की जर्जर बिल्डिंग (ETV Bharat)

विदिशा। लटेरी में जर्जर हाल में एक पाठशाला चल रही है. शाला के भवन की हालत इतनी खराब है कि ऐसा लगता है मानों कभी भी वह धराशायी हो जाएगी. भवन की दीवारें चारों तरफ से क्षतिग्रस्त हो गई हैं. अभिभावक अपने बच्चों की जान जोखिम में डालकर पढ़ने भेजते हैं. पाठशाला में पढ़ाने वाली शिक्षिका कई बार अधिकारियों से मौखिक रूप से इसकी शिकायत कर चुकी हैं. लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगती. अधिकारी शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हों.

स्कूल की जर्जर बिल्डिंग के बारे में बताती शिक्षिका (ETV Bharat)

भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है

विदिशा के लटेरी में संकुल केन्द्र झुकर जोगी के अंतर्गत आने वाली शासकीय प्राथमिक शाला की हालत जर्जर हो चुकी है. इस शाला में अभी 15 बच्चे पढ़ते हैं और इनको पढ़ाने के लिए एक महिला शिक्षक की नियुक्ति है. पाठशाला के भवन की दिवारे पूरी तरह से जर्जर हो चुकी हैं. छत मानों हवा में लटक रहा हो. अभिभावक अपने बच्चों की जान जोखिम में डालकर शाला पढ़ने भेजते हैं. शिक्षिका ने भवन के जर्जर हालत की शिकायत मौखिक तौर पर उच्च अधिकारियों से की है लेकिन किसी भी अधिकारी के कान में जूं तक नहीं रेंगी. शिक्षिका ने अब प्रस्ताव बनाकर उच्च अधिकारियों को भेजने की तैयारी में है.

यह भी पढ़ें:

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अधिकारियों को कोई परवाह नहीं है

जर्जर हो चुके शाला में पढ़ने वाले मासूमों की जिंदगी की परवाह ना तो सरकार को है ना सरकार द्वारा जनता की सेवा के लिए तैनात किए गए अधिकारियों को. बार बार फोन करने पर भी जिम्मेदार अधिकारी किसी का फोन नहीं उठाते. इससे पहले भी एक अन्य मामले लटेरी की एसडीएम अनुभा जैन ने क्षतिग्रस्त भवनों और खुले में संचालित की जा रही शालाओं के बारे में कहा था कि क्षतिग्रस्त शालाओं को आस पास के नए भवनों में संचालिक किया जाएगा लेकिन अभी तक वह सिर्फ कहनी बनकर रह गया है. हाल ही में सडाबता में स्कूल के किचन की दिवार गिरने से 9 साल की छात्रा का पैर फ्रैक्चर हो गया था. इसके बाद भी प्रशासन की आखें नहीं खूल रही हैं.

इनका कहना है
शिक्षका राधा तिवारी का कहना है कि, ''मैं स्कूल में सिंगल टीचर हूं. स्कूल बहुत ही जर्जर अवस्था में है. मरम्मत के लिए कई बार अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन किसी ने भी इस और ध्यान नहीं दिया. इसलिए अब मैं प्रस्ताव बनाकर उच्च अधिकारियों को भेज रही हूं.''

विदिशा। लटेरी में जर्जर हाल में एक पाठशाला चल रही है. शाला के भवन की हालत इतनी खराब है कि ऐसा लगता है मानों कभी भी वह धराशायी हो जाएगी. भवन की दीवारें चारों तरफ से क्षतिग्रस्त हो गई हैं. अभिभावक अपने बच्चों की जान जोखिम में डालकर पढ़ने भेजते हैं. पाठशाला में पढ़ाने वाली शिक्षिका कई बार अधिकारियों से मौखिक रूप से इसकी शिकायत कर चुकी हैं. लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगती. अधिकारी शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हों.

स्कूल की जर्जर बिल्डिंग के बारे में बताती शिक्षिका (ETV Bharat)

भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है

विदिशा के लटेरी में संकुल केन्द्र झुकर जोगी के अंतर्गत आने वाली शासकीय प्राथमिक शाला की हालत जर्जर हो चुकी है. इस शाला में अभी 15 बच्चे पढ़ते हैं और इनको पढ़ाने के लिए एक महिला शिक्षक की नियुक्ति है. पाठशाला के भवन की दिवारे पूरी तरह से जर्जर हो चुकी हैं. छत मानों हवा में लटक रहा हो. अभिभावक अपने बच्चों की जान जोखिम में डालकर शाला पढ़ने भेजते हैं. शिक्षिका ने भवन के जर्जर हालत की शिकायत मौखिक तौर पर उच्च अधिकारियों से की है लेकिन किसी भी अधिकारी के कान में जूं तक नहीं रेंगी. शिक्षिका ने अब प्रस्ताव बनाकर उच्च अधिकारियों को भेजने की तैयारी में है.

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अधिकारियों को कोई परवाह नहीं है

जर्जर हो चुके शाला में पढ़ने वाले मासूमों की जिंदगी की परवाह ना तो सरकार को है ना सरकार द्वारा जनता की सेवा के लिए तैनात किए गए अधिकारियों को. बार बार फोन करने पर भी जिम्मेदार अधिकारी किसी का फोन नहीं उठाते. इससे पहले भी एक अन्य मामले लटेरी की एसडीएम अनुभा जैन ने क्षतिग्रस्त भवनों और खुले में संचालित की जा रही शालाओं के बारे में कहा था कि क्षतिग्रस्त शालाओं को आस पास के नए भवनों में संचालिक किया जाएगा लेकिन अभी तक वह सिर्फ कहनी बनकर रह गया है. हाल ही में सडाबता में स्कूल के किचन की दिवार गिरने से 9 साल की छात्रा का पैर फ्रैक्चर हो गया था. इसके बाद भी प्रशासन की आखें नहीं खूल रही हैं.

इनका कहना है
शिक्षका राधा तिवारी का कहना है कि, ''मैं स्कूल में सिंगल टीचर हूं. स्कूल बहुत ही जर्जर अवस्था में है. मरम्मत के लिए कई बार अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन किसी ने भी इस और ध्यान नहीं दिया. इसलिए अब मैं प्रस्ताव बनाकर उच्च अधिकारियों को भेज रही हूं.''

Last Updated : Jul 17, 2024, 2:36 PM IST
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