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रायसेन गेट की दीवार धराशायी, प्रशासन की अनदेखी से कहीं इतिहास के पन्नों में न सिमट जाये यह प्राचीन दरवाजा - Raisen gate wall collapsed - RAISEN GATE WALL COLLAPSED

विदिशा के किले के रायसेन गेट की दीवार अचानक भर भराकर गिर गई. गेट काफी जर्जर हो चुका है. स्थानीय लोगों की मांग के बावजूद जिला प्रशासन इसके संरक्षण पर ध्यान नहीं दे रहा है. अगर प्रशासन की इसी तरह उदासीनता रही तो किले की एकमात्र निशानी के रूप में बचा यह गेट भी इतिहास के पन्नों में सिमट कर रह जायेगा.

RAISEN GATE WALL COLLAPSED
भर भराकर गिरी रायसेन दरवाजे की दिवार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 20, 2024, 2:07 PM IST

विदिशा। मध्य प्रदेश के विदिशा के प्राचीन किले के रायसेन गेट का एक हिस्सा बुधवार को अचानक भर-भराकर गिर पड़ा. दीवार का मलवा गिरने से पास की दुकान क्षतिग्रस्त हो गई. दुकान में रखा सारा सामान नुकसान गया. घटना की जानकारी लगते ही पार्षद प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे. उन्होंने घटना की जानकारी जिला प्रशासन को दी और जरूरी कदम उठाने की मांग की. स्थानीय लोगों ने कई बार इस गेट के संरक्षण की मांग की लेकिन पुरातत्व विभाग, जिला प्रशासन, नगर पालिका किसी ने भी इस पर कोई ध्यान नहीं दिया.

रायसेन दरवाजे का इतिहास (ETV Bharat)

दीवार गिरने से हुआ नुकसान

रायसेन गेट की दीवार गिरने से आस-पास की दुकानों में भारी नुकसान हो गया. गेट के पास स्थित दुकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई और दुकान में रखे सारे सामान का नुकसान हो गया. मौके पर पहुंचे वार्ड पार्षद प्रतिनिधि राजेश नेम ने बताया कि, नगर पालिका में गेट के रिपेयरिंग का प्रस्ताव पारित हुआ है. उन्होंने घटना की जानकारी विधायक और वार्ड पार्षद अध्यक्ष को दे दी है.

Raisen gate wall collapsed
जर्जर हाल में प्राचीन रायसेन दरवाजा (ETV Bharat)

रायसेन दरवाजे का इतिहास

एडवोकेट और इतिहासकार गोविंग देवलिया का कहना है कि, 'विदिशा के किले की एकमात्र जीवंत निशानी बचा रायसेन के गेट एक हिस्सा गिरा है अगर समय रहते इसकी मरम्मत नहीं की गई तो किले का दरवाजा ही गिर जायेगा. प्राचीन किले का यही गेट बचा है जिससे यह कहा जा सकता है कि यहां कभी किला हुआ करता था. इसलिए इसका संरक्षण करना बेहद जरूरी है. यह हमारे वैभव की अतीत की विरासत है.'' उन्होंने रायसेन गेट का संरक्षण करने के लिए किये गये प्रयासों के बारे में बताते हुए कहते हैं कि, ''दो साल पहले हमने कलेक्टर से भेंट कर रायसेन दरवाजे के संरक्षण की मांग की थी. कलेक्टर के आदेश के बाद नगर पालिका ने साफ सफाई और हल्की रिपेयरिंग का काम कराया था लेकिन यह फिर से जर्जर हो गया है.''

वीजा मंदिर के पत्थर से बना है दरवाजा

गोविंद देवलिया ने दरवाजे की बनावट का जिक्र करते हुए कहा कि, 'दरवाजे में एक शहतीर लगी हुई है जिसे देखने पर उसमें सूर्य की प्रतिमा दिखाई देती है. जो दरवाजे को और खास बनाती है. इससे यह समझ में आता है कि प्रसिद्ध वीजा मंदिर में इस्तेमाल हुए पत्थर को यहां पर लगाया गया है. जिससे एक बात और निकल कर सामने आती है कि, बीजा मंदिर पर आखिरी आक्रमण औरंगजेब ने किया था तो संभवत:औरंगजेब ने ही इस किले का निर्माण कराया हो और मंदिर के पत्थर का इस्तेमाल किया हो.' इस दरवाजे के नामकरण के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, 'इस किले में चार दरवाजा था. उस समय रायसेन जाने का यह एकमात्र रास्ता था इसलिए इसको रायसेन दरवाजा कहा जाया जाने लगा.''

यह भी पढ़ें:

1100 साल पुरानी टेक्नोलॉजी का कमाल, गर्मी-अकाल कुछ भी पड़े, नहीं होता रायसेन किले में पानी खत्म

खजुराहो के 400 साल पुराने गुलगंज किले में छिपा है अनमोल खजाना, महारानी की आत्मा करती है दरों दीवार की रक्षा !

संरक्षण नहीं हुआ तो जल्द बन जायेगा इतिहास

गोविंद देवलिया ने जिला प्रशासन से इस दरवाजे का संरक्षण करने की अपील करते हुए कहा कि, 'किले के वजूद के रूप में अब सिर्फ यही दरवाजा बचा हुआ है. अपनी विरासत को संजोकर रखने के लिए प्रशासन को इसकी मरम्मत करानी चाहिए और इसके अस्तित्व को पूरी तरह से मिटने से बचाना चाहिए. यह दरवाजा हजारों लोगों के आने जाने का रास्ता है. किले के अन्दर वाले इलाके मे रहने वालों के लिए यह सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला रास्ता है. इसलिए प्रशासन को इसकी सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए'.

विदिशा। मध्य प्रदेश के विदिशा के प्राचीन किले के रायसेन गेट का एक हिस्सा बुधवार को अचानक भर-भराकर गिर पड़ा. दीवार का मलवा गिरने से पास की दुकान क्षतिग्रस्त हो गई. दुकान में रखा सारा सामान नुकसान गया. घटना की जानकारी लगते ही पार्षद प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे. उन्होंने घटना की जानकारी जिला प्रशासन को दी और जरूरी कदम उठाने की मांग की. स्थानीय लोगों ने कई बार इस गेट के संरक्षण की मांग की लेकिन पुरातत्व विभाग, जिला प्रशासन, नगर पालिका किसी ने भी इस पर कोई ध्यान नहीं दिया.

रायसेन दरवाजे का इतिहास (ETV Bharat)

दीवार गिरने से हुआ नुकसान

रायसेन गेट की दीवार गिरने से आस-पास की दुकानों में भारी नुकसान हो गया. गेट के पास स्थित दुकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई और दुकान में रखे सारे सामान का नुकसान हो गया. मौके पर पहुंचे वार्ड पार्षद प्रतिनिधि राजेश नेम ने बताया कि, नगर पालिका में गेट के रिपेयरिंग का प्रस्ताव पारित हुआ है. उन्होंने घटना की जानकारी विधायक और वार्ड पार्षद अध्यक्ष को दे दी है.

Raisen gate wall collapsed
जर्जर हाल में प्राचीन रायसेन दरवाजा (ETV Bharat)

रायसेन दरवाजे का इतिहास

एडवोकेट और इतिहासकार गोविंग देवलिया का कहना है कि, 'विदिशा के किले की एकमात्र जीवंत निशानी बचा रायसेन के गेट एक हिस्सा गिरा है अगर समय रहते इसकी मरम्मत नहीं की गई तो किले का दरवाजा ही गिर जायेगा. प्राचीन किले का यही गेट बचा है जिससे यह कहा जा सकता है कि यहां कभी किला हुआ करता था. इसलिए इसका संरक्षण करना बेहद जरूरी है. यह हमारे वैभव की अतीत की विरासत है.'' उन्होंने रायसेन गेट का संरक्षण करने के लिए किये गये प्रयासों के बारे में बताते हुए कहते हैं कि, ''दो साल पहले हमने कलेक्टर से भेंट कर रायसेन दरवाजे के संरक्षण की मांग की थी. कलेक्टर के आदेश के बाद नगर पालिका ने साफ सफाई और हल्की रिपेयरिंग का काम कराया था लेकिन यह फिर से जर्जर हो गया है.''

वीजा मंदिर के पत्थर से बना है दरवाजा

गोविंद देवलिया ने दरवाजे की बनावट का जिक्र करते हुए कहा कि, 'दरवाजे में एक शहतीर लगी हुई है जिसे देखने पर उसमें सूर्य की प्रतिमा दिखाई देती है. जो दरवाजे को और खास बनाती है. इससे यह समझ में आता है कि प्रसिद्ध वीजा मंदिर में इस्तेमाल हुए पत्थर को यहां पर लगाया गया है. जिससे एक बात और निकल कर सामने आती है कि, बीजा मंदिर पर आखिरी आक्रमण औरंगजेब ने किया था तो संभवत:औरंगजेब ने ही इस किले का निर्माण कराया हो और मंदिर के पत्थर का इस्तेमाल किया हो.' इस दरवाजे के नामकरण के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, 'इस किले में चार दरवाजा था. उस समय रायसेन जाने का यह एकमात्र रास्ता था इसलिए इसको रायसेन दरवाजा कहा जाया जाने लगा.''

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संरक्षण नहीं हुआ तो जल्द बन जायेगा इतिहास

गोविंद देवलिया ने जिला प्रशासन से इस दरवाजे का संरक्षण करने की अपील करते हुए कहा कि, 'किले के वजूद के रूप में अब सिर्फ यही दरवाजा बचा हुआ है. अपनी विरासत को संजोकर रखने के लिए प्रशासन को इसकी मरम्मत करानी चाहिए और इसके अस्तित्व को पूरी तरह से मिटने से बचाना चाहिए. यह दरवाजा हजारों लोगों के आने जाने का रास्ता है. किले के अन्दर वाले इलाके मे रहने वालों के लिए यह सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला रास्ता है. इसलिए प्रशासन को इसकी सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए'.

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