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शिवराज सिंह चौहान के क्षेत्र में डीएपी के लिए मची हाहाकार, किसानों में चले लात-घूंसे

मध्य प्रदेश के विदिशा में खाद की किल्लत बढ़ गई है. ग्यारसपुर में टोकन के लिए किसानों में धक्का मुक्की और मारपीट भी हो गई.

VIDISHA DAP FERTILIZER CRISIS
विदिशा में खाद की किल्लत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

विदिशा: मध्य प्रदेश में डीएपी खाद की किल्लत की लगातार खबरें आ रही हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का संसदीय क्षेत्र विदिशा भी इससे अछूता नहीं है. यहां भी किसानों को डीएपी के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है, इसके बाद भी खाद नहीं मिल पा रही है. जिला प्रशासन ने टोकन व्यवस्था लागू की है. इसके बावजूद हालात नियंत्रण से बाहर नजर आ रहे हैं. कई जगह तो धक्का-मुक्की और मारपीट की भी घटनाएं सामने आई हैं.

ग्यारसपुर में टोकन के लिए धक्का-मुक्की

जिले के खाद वितरण केन्द्रों पर सुबह से ही किसानों की भीड़ जमा होना शुरू हो जाती है. किसान खाद लेने के लिए सुबह 6 बजे से ही लाइन में लग जाते हैं. इसमें से कुछ को ही टोकन मिल पाता है बाकि को निराश होकर घर लौटना पड़ता है. ग्यारसपुर और सिरोंज में बुधवार को टोकन वितरण के दौरान हालात बहुत खराब हो गए. टोकन के लिए किसानों में धक्का-मुक्की और मारपीट भी हो गई. ग्यारसपुर में बड़ी मुश्किल से 200 टोकन मिल पाए जबकि यहां 400 से अधिक किसान पहुंचे थे.

खाद के लिए परेशान किसान (ETV Bharat)

किसानों की शिवराज सिंह चौहान से गुहार

किसानों का कहना है, "15 दिन से यहां आ रहे हैं, पर हर बार कहा जाता है कि अगले दिन आओ. रबी का सीजन सिर पर है, अब बोवनी लेट हो रही है". किसानों ने स्थानीय सांसद और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी गुहार लगाते हुए कहा, "शिवराज सिंह चौहान किसान के बेटे हैं, वे ही हमारी बात सुन लें." किसानों का कहना है कि उन्हें जितनी खाद की जरूरत है, उसका आधा भी नहीं मिल रही है. प्राइवेट दुकानों में डीएपी खाद मिल रही है, लेकिन कीमत 2 हजार रुपये प्रति बोरी है. बेबस किसानों का कहना है, अगर उन्हें 5 बोरी चाहिए तो सरकार 2 ही बोरी दे, लेकिन खाद मिल जाए ताकि समय से बोवनी हो सके.

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'व्यवस्था को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा'

डीएपी खाद के लिए परेशान किसान संतोष शर्मा करते हैं, "कई किसान ऐसे हैं जो पिछले एक महीने से खाद के लिए परेशान हैं लेकिन उन्हें पर्याप्त मात्रा में डीएपी नहीं मिल पा रही है. पलेवा के 5 दिन बाद बुवाई करनी होती है, लेकिन खाद नहीं मिलने की वजह से फसल लेट हो रही है. इससे पैदावार भी प्रभावित होगी." विदिशा एसडीएम क्षितिज शर्मा ने कहा, "हमने कल (मंगलवार) लगभग 250 किसानों को पर्ची बांटी थी और आज उन्हें खाद वितरित की जा रही है. व्यवस्था को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है. कल सुबह फिर से टोकने बांटे जाएंगे और खाद का वितरण किया जाएगा."

विदिशा: मध्य प्रदेश में डीएपी खाद की किल्लत की लगातार खबरें आ रही हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का संसदीय क्षेत्र विदिशा भी इससे अछूता नहीं है. यहां भी किसानों को डीएपी के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है, इसके बाद भी खाद नहीं मिल पा रही है. जिला प्रशासन ने टोकन व्यवस्था लागू की है. इसके बावजूद हालात नियंत्रण से बाहर नजर आ रहे हैं. कई जगह तो धक्का-मुक्की और मारपीट की भी घटनाएं सामने आई हैं.

ग्यारसपुर में टोकन के लिए धक्का-मुक्की

जिले के खाद वितरण केन्द्रों पर सुबह से ही किसानों की भीड़ जमा होना शुरू हो जाती है. किसान खाद लेने के लिए सुबह 6 बजे से ही लाइन में लग जाते हैं. इसमें से कुछ को ही टोकन मिल पाता है बाकि को निराश होकर घर लौटना पड़ता है. ग्यारसपुर और सिरोंज में बुधवार को टोकन वितरण के दौरान हालात बहुत खराब हो गए. टोकन के लिए किसानों में धक्का-मुक्की और मारपीट भी हो गई. ग्यारसपुर में बड़ी मुश्किल से 200 टोकन मिल पाए जबकि यहां 400 से अधिक किसान पहुंचे थे.

खाद के लिए परेशान किसान (ETV Bharat)

किसानों की शिवराज सिंह चौहान से गुहार

किसानों का कहना है, "15 दिन से यहां आ रहे हैं, पर हर बार कहा जाता है कि अगले दिन आओ. रबी का सीजन सिर पर है, अब बोवनी लेट हो रही है". किसानों ने स्थानीय सांसद और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी गुहार लगाते हुए कहा, "शिवराज सिंह चौहान किसान के बेटे हैं, वे ही हमारी बात सुन लें." किसानों का कहना है कि उन्हें जितनी खाद की जरूरत है, उसका आधा भी नहीं मिल रही है. प्राइवेट दुकानों में डीएपी खाद मिल रही है, लेकिन कीमत 2 हजार रुपये प्रति बोरी है. बेबस किसानों का कहना है, अगर उन्हें 5 बोरी चाहिए तो सरकार 2 ही बोरी दे, लेकिन खाद मिल जाए ताकि समय से बोवनी हो सके.

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'व्यवस्था को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा'

डीएपी खाद के लिए परेशान किसान संतोष शर्मा करते हैं, "कई किसान ऐसे हैं जो पिछले एक महीने से खाद के लिए परेशान हैं लेकिन उन्हें पर्याप्त मात्रा में डीएपी नहीं मिल पा रही है. पलेवा के 5 दिन बाद बुवाई करनी होती है, लेकिन खाद नहीं मिलने की वजह से फसल लेट हो रही है. इससे पैदावार भी प्रभावित होगी." विदिशा एसडीएम क्षितिज शर्मा ने कहा, "हमने कल (मंगलवार) लगभग 250 किसानों को पर्ची बांटी थी और आज उन्हें खाद वितरित की जा रही है. व्यवस्था को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है. कल सुबह फिर से टोकने बांटे जाएंगे और खाद का वितरण किया जाएगा."

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