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विदिशा के आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचे राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष कानूनगो तो चौंक गए - Vidisha Anganwadi centers

राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष (NCPCR) प्रियंका कानूनगो ने विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया. इस दौरान एक आंगनवाड़ी बंद मिलने के बाद पंचनामा बनाया. बता दें कि विदिशा जिले में कुपोषित बच्चों के आंकड़े चिंताजनक हैं. इसी को देखते हुए आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया गया.

Vidisha Anganwadi centers
आंगनवाड़ी बंद मिलने के बाद पंचनामा बनाया (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 24, 2024, 4:00 PM IST

राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंका कानूनगो (ETV BHARAT)

विदिशा। विदिशा जिले में 5 वर्ष तक के कई बच्चे कम पोषण आहार के कारण पूर्ण रूप से स्वस्थ नहीं हैं. कई बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्रों पर ठीक ढंग से पोषण आहार उपलब्ध न कराने का मामला गर्माता है. जिला अस्पताल सहित जिले की कुल 5 स्थानों पर पोषण पुनर्वास केंद्र भी बनाए गए हैं. जहां कुपोषित बच्चों को 14 दिन तक देखरेख में रखा जाता है. उन्हें पोषण आहार उपलब्ध कराया जाता है. साथ ही आवश्यक दवाई भी दी जाती हैं.

आंगनबाड़ी केंद्र में लगा मिला ताला

आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से ऐसे बच्चों को चिह्नित कर पोषण पुनर्वास केंद्रों में भेजा जाता है. कई महिलाओं ने माना कि उनके बच्चों का जो भोजन उम्र के हिसाब से होना चाहिए, वह नहीं मिलता. विदिशा जिला मध्य प्रदेश में 35वें स्थान पर है और लगातार कुपोषण से लड़ाई जारी है. इसी के मद्देनजर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो विदिशा पहुंचे. विदिशा उनका गृह जिला भी है. कुपोषण के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रियंक विदिशा के एक आंगनवाड़ी में पहुंचे यहां उन्हें ताला लगा मिला.

Vidisha Anganwadi centers
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष लोगों से बात करते हुए (ETV BHARAT)

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विदिशा में कुपोषित बच्चों की संख्या

मीडिया से बात करते हुए प्रियंका ने बताया "विदिशा में कुपोषण की समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. शिकायतों से यही पता चला था आंगनबाड़ियों की व्यवस्था सुचारु न होने से कुपोषण का संकट बढ़ रहा है. यह जिला आकांक्षी जिला कार्यक्रम में है. सवेरे हम जब इस आंगनबाड़ी केंद्र पर आए जो कि तमुरिया में है. ये केंद्र बंटी नगर में वार्ड क्रमांक 33 में में है. ये आंगनबाड़ी केंद्र हमको बंद मिला. इस तरीके से आंगनबाड़ी केंद्र का बंद मिलना अव्यवस्थाओं की ओर इशारा करता है. यहां पर आवश्यकता है सख्त कदम उठाए जाने की."

राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंका कानूनगो (ETV BHARAT)

विदिशा। विदिशा जिले में 5 वर्ष तक के कई बच्चे कम पोषण आहार के कारण पूर्ण रूप से स्वस्थ नहीं हैं. कई बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्रों पर ठीक ढंग से पोषण आहार उपलब्ध न कराने का मामला गर्माता है. जिला अस्पताल सहित जिले की कुल 5 स्थानों पर पोषण पुनर्वास केंद्र भी बनाए गए हैं. जहां कुपोषित बच्चों को 14 दिन तक देखरेख में रखा जाता है. उन्हें पोषण आहार उपलब्ध कराया जाता है. साथ ही आवश्यक दवाई भी दी जाती हैं.

आंगनबाड़ी केंद्र में लगा मिला ताला

आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से ऐसे बच्चों को चिह्नित कर पोषण पुनर्वास केंद्रों में भेजा जाता है. कई महिलाओं ने माना कि उनके बच्चों का जो भोजन उम्र के हिसाब से होना चाहिए, वह नहीं मिलता. विदिशा जिला मध्य प्रदेश में 35वें स्थान पर है और लगातार कुपोषण से लड़ाई जारी है. इसी के मद्देनजर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो विदिशा पहुंचे. विदिशा उनका गृह जिला भी है. कुपोषण के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रियंक विदिशा के एक आंगनवाड़ी में पहुंचे यहां उन्हें ताला लगा मिला.

Vidisha Anganwadi centers
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष लोगों से बात करते हुए (ETV BHARAT)

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विदिशा में कुपोषित बच्चों की संख्या

मीडिया से बात करते हुए प्रियंका ने बताया "विदिशा में कुपोषण की समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. शिकायतों से यही पता चला था आंगनबाड़ियों की व्यवस्था सुचारु न होने से कुपोषण का संकट बढ़ रहा है. यह जिला आकांक्षी जिला कार्यक्रम में है. सवेरे हम जब इस आंगनबाड़ी केंद्र पर आए जो कि तमुरिया में है. ये केंद्र बंटी नगर में वार्ड क्रमांक 33 में में है. ये आंगनबाड़ी केंद्र हमको बंद मिला. इस तरीके से आंगनबाड़ी केंद्र का बंद मिलना अव्यवस्थाओं की ओर इशारा करता है. यहां पर आवश्यकता है सख्त कदम उठाए जाने की."

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