जोधपुर. मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने में लगातार अग्रणी जोधपुर एम्स में अब मिर्गी के मरीजों के दिमाग की वीडियो ईईजी हो सकेगी. इससे दौरे के दौरान और बाद के मस्तिष्क में होने वाले परिवर्तन की डॉक्टर्स मॉनिटरिंग कर सकेंगे. साथ ही इससे उपचार के निष्कर्ष तक पहुंचने में भी मदद मिलेगी. जोधपुर एम्स में न्यूरोलॉजी विभाग के तहत बने मिर्गी मॉनिटरिंग इकाई का मंगलवार को उद्घाटन हुआ. इसका उद्घाटन न्यूरोलॉजी विभाग के कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ. गोवर्धन दत्त पुरी ने किया. वहीं, न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. सम्हिता पांडा ने बताया कि यह इकाई अब अत्याधुनिक 256 चैनल वीडियो ईईजी प्रणाली से सुसज्जित है, जिसका उपयोग इंट्राक्रैनियल और स्टीरियो ईईजी इलेक्ट्रोड लगाने के लिए किया जाएगा.
इससे मिर्गी दौरे की शुरुआत की जगह को सही ढंग से चित्रित करने के लिए इंट्राक्रेनियल वीडियो ईईजी मॉनिटरिंग की जाएगी. इस ईईजी से प्राप्त होने वाले असंगतडेटा, मस्तिष्क के कई क्षेत्रों में घाव जैसे रोगियों के लिए काफी उपयोगी होगा. वीडियो ईईजी एम्स जोधपुर में व्यापक मिर्गी देखभाल कार्यक्रम के लिए एक वरदान होगा, क्योंकि यह मिर्गी के इलाज के दौरान होने वाली कठिनाइयों के प्रबंधन में एक नया आयाम जोड़ेगा.
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एम्स में होती है मिर्गी रोगी की सर्जरी : नवंबर 2019 को एम्स जोधपुर में मेसियल टेम्पोरल स्केलेरोसिस के कारण ड्रग रिफ्रैक्टरी मिर्गी के पहले मरीज का ऑपरेशन किया गया था. बीते समय में यहां पर गंभीर मरीजों को इस सर्जरी से राहत दी गई. हाल ही में एम्स जोधपुर में 50वें मिर्गी रोगी का ड्रग रिफ्रैक्टरी मिर्गी का सफलतापूर्वक ऑपरेशन करने की उपलब्धि हासिल की है.
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उपचार से देरी से जुड़ते हैं मरीज : मारवाड़ में मिर्गी के मरीजों की संख्या काफी अधिक है, लेकिन अज्ञानता और जानकारी के भाव में ग्रामीण क्षेत्र के मरीज मिर्गी आने पर भी उपचार से जुड़ने की बजाय तंत्र मंत्र के चक्कर में पड़ जाते हैं. जहां वे बीमारी को बढ़ा लेते हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि अगर शुरुआत में ही मरीज उपचार से जुड़ जाए तो वो पूरी तरह से ठीक हो सकता है.