जयपुर: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शनिवार को जयपुर की एक निजी यूनिवर्सिटी में यूनिवर्सिटी की छात्राओं के साथ 'विकसित भारत 2047 में महिलाओं और शिक्षा की भूमिका' पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने शिक्षा के महत्व, महिला सशक्तिकरण और विकसित भारत की दिशा में बढ़ने के लिए आवश्यक कदमों पर जोर दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग देश के खिलाफ बोलते हैं, उनके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए.
महिला शिक्षा पर जोर: उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश को विकसित भारत बनने के सामने कई चुनौतियां हैं. शिक्षा के बिना बदलाव नहीं हो सकता. खासकर विकसित भारत का सपना पूरा करने के लिए महिला शिक्षा व सशक्त बनाना काफी जरूरी है. उन्होंने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में स्किल एजुकेशन पर जोर देने की बात कही, जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें. महिला शिक्षा पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि विकसित भारत महिला शिक्षा के बगैर संभव नहीं. वैदिक काल में महिलाओं को समानता थी, वे शिक्षा ग्रहण करती थीं और मार्गदर्शक थी. उन्होंने महिला आरक्षण को लेकर प्रावधानों की बात कही. उन्होंने कहा कि आज महिलाएं संसद में कानून बनाने से लेकर संसदीय कार्य में हिस्सा ले रही हैं.
फेलियर से डरे नहीं: उपराष्ट्रपति ने छात्राओं से चर्चा करते हुए कहा कि ये सीखते रहना काफी जरूरी है और हमें बार-बार प्रयास करते रहना चाहिए और फेलियर से नहीं डरना चाहिए. इसके साथ ही जो लोग देश के खिलाफ आवाज उठाते हैं. उनका डटकर सामना करना चाहिए और उनके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. भारत देश की संस्कृति 5 हजार साल पुरानी है और इस संस्कृति को आगे बढ़ाना हमारा कर्तव्य है. विकसित भारत का सपना तभी पूरा होगा, जब इसमें युवाओं और खासकर महिलाओं की भागीदारी होगी.