भीलवाड़ा: विश्व हिंदू परिषद के 60 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में परिषद के अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार शनिवार को भीलवाड़ा दौरे पर रहे. इस दौरान उन्होंने अजमेर ब्लैकमेल कांड में दोषियों को फांसी देने की मांग की. वहीं उदयपुर के देवराज हत्याकांड को लेकर कहा कि ऐसी घटना जिहादियों के जहर की देन है.
उन्होंने शहर के उपनगर पुर में हिंदू संगठन से जुड़े पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि अजमेर ब्लैकमेल कांड में 32 वर्ष पहले 11, 12 व 14 साल की बच्चियों के साथ कितनी बड़ी घटना हुई थी. ब्लैकमेल करने से बड़ा कोई जघन्य अपराध नहीं हो सकता. इस केस में मृत्युदंड मिलना चाहिए था, लेकिन कोर्ट ने उन्हे उम्र कैद की सजा सुनाई है. वीएचपी ने राज्य सरकार से कहा है कि आप इस आदेश के खिलाफ अपील कर यह सुनिश्चित कर कि उन अपराधियों को फांसी मिलनी चाहिए.
वहीं देवराज हत्याकांड को लेकर उन्होंने कहा कि उदयपुर में आखिर वह फतवों की कौनसी वृद्धि है, जो एक माइनर बच्चे को अपने स्कूल बैग में तेज धार वाला चाकू लेकर आने के लिए प्रेरित करती है. यह चाकू ऐसे ही नहीं चलता है. इसको चलाने के लिए विधि होती है. उदयपुर में छात्र ने अपने साथी की चाकू से गोदकर हत्या की है. पहले उदयपुर में कन्हैया की हत्या हुई. वह तालिबान की तरह हत्या थी. उस दौरान कन्हैया के हत्यारे ने खुलेआम हत्या कर वीडियो वायरल किया था और चाकू लहराते हुए कहा था कि अभी तो कन्हैया को मारा है, अब पीएम के पास भी जाएंगे. यह सिर्फ जिहादी की भावना है.
सरकार दिलाए सख्त सजा, वरना वीएचपी दिखाएगा अपना बल: आलोक कुमार ने कहा कि वर्तमान दौर में अवयस्क बच्चों में भी जिहाद का दौर शुरू हो गया है. उदयपुर में देवराज हत्याकांड में अकेले पर कार्रवाई करने से काम नहीं चलेगा. जिसने हथियार दिया, हथियार जिसने सिखाए और बच्चे के मन में जिन्होंने जहर भरा, वे सब देवराज की हत्या के दोषी हैं. उन सबको दंड मिलना चाहिए. यह सरकार की जिम्मेदारी है. अगर सरकार उदयपुर मामले में कोताही बरतेगी, तो विश्व हिंदू परिषद अपने बल से सरकार को याद करवाएगा. यह काम पूरा करना है. इसके बिना देवराज की श्रद्धांजलि पूरी नहीं होगी. देवराज के हत्यारे को फांसी होनी चाहिए.
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बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार पर भारत सरकार सख्त: आलोक कुमार ने कहा कि बांग्लादेश में अभी दंगे हुए. विश्व में हिंदू समाज जागृत है. सबसे पहले विश्व हिंदू परिषद ने हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का विरोध किया. भारत सरकार ने तीन मांगे रखी जिसमें पहली मांग थी की हिन्दुओं के जितने भी घर, मकान व मंदिर का नुकसान हुआ, उसको पूरा मुआवजा दिया जाए. दूसरी हिंदुओं की सुरक्षा व विकास सुनिश्चित किया जाए और तीसरी मांग दोषियों को दंड दिया जाए. बांग्लादेश की सरकार ने तीनों मांगों को स्वीकार किया और बांग्लादेश के प्रधानमंत्री धारकेश्वरी देवी के मंदिर में आए. सरकार व विश्व हिंदू परिषद हमेशा हिंदुओं के साथ खड़ी है.
कार्यक्रम की समाप्ति के बाद मीडिया से बातचीत में आलोक कुमार ने कहा कि 21 तारीख को भारत बंद हुआ था. उस दौरान देशभर में लोगों को थोड़ी गलतफहमी हुई. सुप्रीम कोर्ट ने क्रीमीलेयर के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया. कुछ टिप्पणियां की, वह टिप्पणियां बाध्यकारी नहीं हैं. केंद्र सरकार ने कहा कि हम क्रीमीलेयर को लागू नहीं करेंगे. आरक्षण अनुसूचित समाज को दिया जा रहा है. वह संविधान सभा ने सर्वसम्मति से किया था. यह पूरे हिंदू समाज का संकल्प है. इसको जारी रहना चाहिए.
कृष्ण जन्मभूमि को लेकर उन्होंने कहा कि केवल मथुरा में ही मुकदमा नहीं चल रहा है. काशी में भी चल रहा है. दोनों जगह के मुकदमे हैं. उनमें कार्रवाई तेजी से हो रही है. मैं उनकी फाइलों को जानता हूं. मुझे पूरा विश्वास है कि हिंदू समाज को विजय प्राप्त होगी और कोर्ट के रास्ते से कृष्ण जन्मभूमि पर मंदिर बनेगा.