पटना: बिहार के करीब एक दर्जन जिले में बाढ़ के हालात ने महंगाई को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया है. अगले कुछ दिनों तक आपको सब्जियों और फलों की ऊंची कीमतों से राहत नहीं मिलने वाली है. राजधानी पटना में मुख्य रूप से सब्जी पटना के दियारा इलाकों एवं आरा, समस्तीपुर और नालंदा से आती है, लेकिन गंगा के किनारे बसे शहर में बाढ़ आने से सब्जी की फसल बर्बाद हो गई है. ऐसे में अगले कुछ दिनों तक आप सस्ती सब्जियां और फलों के बारे में भूल जाइए.
सब्जियों के थोक मूल्य में भी बड़ी तेजी: खुदरा मूल्य के साथ-साथ सब्जी और फलों के थोक मूल्य में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. एक हफ्ते में यहां हरी सब्जियों से लेकर आलू-प्याज और फलों के दाम तेजी से बढ़ गए हैं. एक हफ्ते में सब्जियों और फलो की कीमत 10 से 30 फीसदी तक बढ़ गए हैं. बीते एक हफ्ते में सब्जियों की कीमत रॉकेट की रफ्तार सेल भाग रही है.
गंगा में आई बाढ़ का असर: गंगा में आई भीषण बाढ़ से राजधानी पटना सहित गंगा के किनारे बसा जिला प्रभावित हुआ है. पटना के दियारा इलाकों सोनपुर, मनेर, दानापुर के इलाके में किसान सब्जी की खेती करते हैं, लेकिन गंगा में आई भीषण बाढ़ से इन इलाकों की सब्जी की फसल बर्बाद हो गई है. जिस कारण 1 सप्ताह के भीतर सब्जी की कीमत दुगुनी हो गई है. बाढ़ ने सब्जियों का जायका का बिगाड़ दिया है.
महंगाई से सब परेशान: सब्जियों की कीमत में हुई बढ़ोतरी से व्यापारी से लेकर ग्राहक तक परेशान हैं. सब्जी दुकानदार बब्लू कुमार का कहना है की गंगा में आई बाढ़ के कारण सब्जी की कीमत अचानक बढ़ गई है. बाढ़ के कारण सब्जी की फसल बर्बाद हो गई है यही कारण है कि भिंडी, झिगनी, नेनुआ, बैगन, कद्दू गोभी, हरी मिर्च, धनिया पत्ता सब महंगा हो गया है. ग्राहक बढ़ी हुई कीमत से परेशान हैं.
"सब्जियों की कीमत में हुई बढ़ोतरी से बहुत परेशान हैं. एक सप्ताह के अंदर सब्जियों की कीमत में 30 से 40 रु प्रति किलो बढ़ोतरी हुई है. जिसका सीधा कर बजट पर पढ़ने लगा है."-गौरव कुमार, पटना
गृहणी हैं सबसे ज्यादा परेशान: बढ़ी हुई महंगाई का असर अब घरेलू किचन पर साफ दिखने लगा है. पटना की गर्दनीबाग रहने वाली मनीषा कुमारी के पति प्राइवेट नौकरी करते हैं. मनीषा ने कहा कि घर चलाने की जिम्मेदारी महिलाओं की होती है और किचन के बजट के लिए 10 से 15000 रुपए मिलता है. पिछले एक हफ्ते में सब्जी की कीमत में दुगनी बढ़ोतरी हुई है. जिसका सीधा असर उनकी थाली पर दिखने लगा है.
परिवार चलाने में परेशानी: मनीषा कुमारी का कहना है कि घर मे हर लोगों का अलग अलग डिमांड होता है. सास, ससुर, शुगर के पेशेंट हैं, उनके लिए हरी सब्जी जरूर है, लेकिन अचानक सब्जी की कीमत बढ़ गई है. टमाटर 30 से 35 रु किलो था अब 80 रु मिल रहा है. भिंडी 20 रु किलो था अब 40 रु किलो मिल रहा है नेनुआ का भी यही हाल है.
"हर महिला अपने परिवार वालों से छुपा कर कुछ पैसा जमा करती है, लेकिन बढ़ी हुई महंगाई से हर महीने के घरेलू खर्च में अपना बचाया हुआ पैसा लगाना पड़ रहा है. बढ़ी हुई महंगाई का सीधा असर यदि सबसे ज्यादा किसी पर पड़ रहा है." -मनीषा कुमारी, गृहणी
त्योहार के सीजन में महंगाई का डर: मनीषा कुमारी का कहना है कि कुछ दिन के बाद त्यौहार का सीजन शुरू हो रहा है. दुर्गापूजा, दीपावली, छठ आने वाला है. त्योहार के सीजन में सभी सब्जी और फलों की कीमत में बढ़ोतरी होती है. जिस तरह से कीमत बढ़ रहा है उसको देख कर सरकार को कुछ निर्णय लेना होगा जिससे लोगों को कुछ राहत मिले.
ये भी पढ़ें
बाढ़ ने जीना किया मुहाल, ऊपर से चक्रवात की एंट्री से सहमे लोग, बारिश हुई तो भगवान बचाए - BIHAR FLOOD