झुंझुनू. राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी रविवार को एक दिवसीय दौरे पर झुंझुनू पहुंचे. यहां मां माटी प्रन्यास व भारत विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. वहीं, अयोध्या में श्री रामलला मंदिर निर्माण एक नए युग का शुभारंभ विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि राम मंदिर केवल मंदिर नहीं है, बल्कि ये भारतीय संस्कृति का वाहक है. साथ ही भारत के विश्व गुरु बनने की पहली मंजिल भी है. आगे विधानसभा कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा कि पक्ष-विपक्ष को एक साथ लेकर अधिक से अधिक जनता के मुद्दों पर चर्चा कराने की उनकी कोशिश रहेगी, ताकि आमजन लाभान्वित हो सके. इतना ही नहीं देवनानी ने कहा कि विधानसभा को पूरी तरह से पेपर मुक्त करने की दिशा में प्रक्रिया जारी है.
मैकाले की शिक्षा पद्धति को दरकिनार करने की जरूरत : साथ ही राज्य की स्कूली शिक्षा पर अपनी बातें रखते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों को भारत का इतिहास इसीलिए पढ़ाए जाने की जरूरत है, ताकि वे वीर शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों की गौरव गाथाओं को याद रख सके और उनसे प्रेरणा ले सके. गुलामी की प्रतीक मैकाले की शिक्षा पद्धति को न पढ़कर भारत के गौरवमयी इतिहास को पढ़ाए जाने की आवश्यकता है, क्योंकि जब तक देश के बच्चों को उनके वीर शहीदों का इतिहास और उनकी गाथाओं के बारे में नहीं पता होगा, तब तक वो सही दिशा में आगे नहीं बढ़ सकेंगे.
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शिक्षकों के तबादले को लेकर कही ये बड़ी बात : थर्ड ग्रेड शिक्षक तबादलों को लेकर उन्होंने कहा कि जब वो शिक्षा मंत्री थे तब उन्होंने तबादले की थी, लेकिन पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इस दिशा में हिम्मत नहीं दिखाई. उन्होंने कहा कि हमारी नीति तैयार है. ऐसे में जिस दिन सरकार चाहेगी, तभी से तबादले शुरू कर दिए जाएंगे.