वाराणसी: काशी के मुस्लिम बाहुल्य इलाके मदनपुरा में मिले पौराणिक सिद्धिश्वर महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार और पूजा पाठ सेंटर फॉर सनातन रिसर्च और ट्राइडेंट सेवा समिति ट्रस्ट कराएगा. ये निर्णय शनिवार को सेंटर और ट्रस्ट की आवश्यक बैठक में लिया गया. दरअसल हाल ही में मदनपुरा के गोल चबूतरा इलाके में सालों से बंद पड़े पौराणिक सिद्धिश्वर महादेव के मंदिर की जानकारी मिली थी. जिसके बाद से इस मंदिर का ताला खोलने और पूजन पाठ कराए जाने की मांग लगातार उठ रही है.
सेंटर फॉर सनातन रिसर्च और ट्राइडेंट सेवा समिति ट्रस्ट की बैठक में मौजूद लोगों ने कहा कि प्राचीनकाल में काशी के हरिकेश वन में विद्यमान देवी-देवताओं के रक्षार्थ राजा मदनपाल ने काशी के प्रथम मुहल्ला को विकसित किया था, जिसे आज मदनपुरा के नाम से जाना जाता है. इलाके में मौजूद गोलचबूतरा और स्थापित शिवलिंग और देवतीर्थ का वर्णन काशीखण्ड ४ अध्याय 97 में भी किया गया है.
ट्रस्ट के लोगों का मानना है कि काशीखंड में जिस पुष्पदन्तेश्वर से दक्षिण परमसिद्धिप्रद सिद्धीश्वर के होने का जिक्र है वो यही सिद्धिश्वर महादेव मंदिर हैं, वहीं नजदीक में सिद्धतीर्थ कूप भी विद्यमान है, जिसे लोग गोल चबूतरा बोलते हैं, वह सिद्धकूप या सिद्धतीर्थ है. जिस दिन इस मंदिर की जानकारी सनातनप्रेमियों को हुई वे वहां जुट गए और मंदिर का ताला खोलने की मांग करने लगे. तब प्रशासन ने कागजातों का जांच करने के लिए हिंदू समाज से वक्त मांगा था. दस्तावेजों की जांच में ये पाया गया कि ये मंदिर हिंदुओं की सार्वजनिक संपत्ति है. हालांकि प्रशासन इस मामले में भी कुछ बोल नहीं रहा है और जांच जारी रखने की बात कह रहा है.
सेंटर और ट्रस्ट का मानना है कि मंदिर किसी वर्ग विशेष के स्वामित्व में नहीं है तो प्रशासन उसका ताला खोलने और पूजन पाठ की अनुमति दे. इस संबंध में सेंटर और ट्रस्ट जल्द ही जिला प्रशासन से मिलकर जीर्णोद्धार और पूजन पाठ शुरू कराने का अनुरोध करेगा. काशी विशालाक्षी मंदिर के महंत राजनाथ तिवारी की अध्यक्षता में ये बठक संपन्न हुई.
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