वाराणसी : वाराणसी में गंगा पार बसी टेंट सिटी को लेकर जुर्माने की राशि वाराणसी या चंदौली प्रशासन वसूलेगा, इस पर संशय है. दो साल पहले बनारस में बसी टेंट सिटी को लेकर 10 माह पहले एजेंसियों पर 17-17 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था. एनजीटी की तरफ से लगाए गए जुर्माने के बाद अब तक इसकी वसूली नहीं हुई है. इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वाराणसी प्रशासन को आदेश दिया था. वाराणसी प्रशासन की तरफ से भेजे गए पत्र में बसी टेंट सिटी का एरिया चंदौली क्षेत्र में होने की बात कही गई है.
बता दें, अहमदाबाद की प्रवेश कम्युनिकेशंस इंडिया लिमिटेड और लल्लू जी एंड संस ने गंगा पार 15 जनवरी से 31 मई 2023 तक टेंट सिटी बसाई थी. इसकी सशर्त उन्हें अनुमति दी गई थी. इसमें कहा गया था कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन नई दिल्ली से अनुमति मिलने के बाद ही टेंट सिटी बसाई जाए, लेकिन एजेंसियों ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कोई जानकारी नहीं दी.
जिस पर एनजीटी के निर्देश पर सरकार ने दोनों एजेंसियों पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति के लिए प्रतिदिन 12 हजार 500 का जुर्माना लगाया. इस हिसाब से प्रत्येक एजेंसी पर 17 लाख 12 हजार 500 का जुर्माना लगाया गया है. 10 माह बीत जाने के बाद भी अब तक जुर्माने की राशि वसूल नहीं की गई है. इसके बाद उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव संजीव कुमार सिंह ने जुर्माना राशि की वसूली की रिकवरी के लिए वाराणसी के जिला अधिकारी को पत्र लिखा था. डीएम वाराणसी एसराज लिंगम ने इस पर जवाब दिया है कि यह मामला चंदौली क्षेत्र में आता है. इसलिए वाराणसी जिला प्रशासन जुर्माना वसूल नहीं कर सकता.
चंदौली जिला प्रशासन इसके लिए जुर्माना वसूल करें तो ज्यादा बेहतर है. प्रकरण पर एनजीटी ले जाने वाले वकील सौरभ तिवारी का कहना है कि सरकार ने जुर्माना लगाया है. वसूली भी उसी की जिम्मेदारी है. अब यह वसूली जिला अधिकारी वाराणसी करें या चंदौली यह बाद की बात है, लेकिन आदेश का पालन होना चाहिए और वसूली जल्द हो जानी चाहिए, ताकि इस पर आगे की कार्रवाई की जा सके.
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