वाराणसी: काशी के घाटों पर शवदाह के लिए अब लंबी वेटिंग मिल रही है. घाटों पर शवों की लंबी कतारें लगीं हुई हैं. परिजन घंटों अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं. शवदाह घाटों से थोड़ा हटकर किया जा रहा है. इसकी वजह चलिए आगे बताते हैं.
दरअसल, पहाड़ों पर जबरदस्त बारिश की वजह से धीरे-धीरे बांध खोले जा रहे हैं. इसके कारण अब मैदानी इलाकों की नदियों में इसका असर देखने को मिल रहा है, लगातार बारिश की वजह से नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी 2 दिन से तेज हो गई है. वाराणसी में भी गंगा का जलस्तर जिस तेजी से बढ़ रहा है वह लोगों को डराने वाला है. देखते ही देखते दो दिनों में गंगा लगभग चार मीटर से भी ऊपर चढ़ चुकी है और अभी भी 4 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा में बढ़ोतरी जारी है. इसके कारण अब काशी के अस्सी गंगा घाट पूरी तरह से पानी में समा चुके हैं और गंगा का जलस्तर अब तेजी से गलियों और सड़कों की तरफ रुख करता नजर आ रहा है.
गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी की वजह से दशाश्वमेध घाट पर जल पुलिस चौकी भी अब पानी में डूबती दिख रही है. महाश्मशान मणिकर्णिका घाट और हरिशचंद्र घाट पर भी दुश्वारियां बढ़ गई हैं. हालात यह हैं कि दोनों घाटों पर शवदाह के लिए लंबी कतार लगी है और लोगों को जगह कम होने की वजह से घण्टों इंतजार करना पड़ रहा है.गंगा का जलस्तर में लगभग तीन दिनों से तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है. वाराणसी में गंगा का जलस्तर सभी घाटों को पूरी तरह से जलमग्न कर चुका है और अब सीढ़ियों से होता हुआ गंगा का पानी गली और सड़क की तरफ अपना रुख कर रहा है.
गलियों में भी दुश्वारियां बढ़ने लगी हैं और गंगा घाट पूरी तरह से पानी में डूबने के कारण यहां आने वाले पर्यटकों से लेकर स्थानीय लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.वाराणसी का प्रसिद्ध शीतला माता मंदिर भी गंगा के आगोश में समा चुका है और गंगा ने मां शीतला का अभिषेक भी कर लिया है. इसके बाद अब गंगा का पानी तेजी से सड़क की तरफ अग्रसर हो रहा है. गंगा के साथ उसकी सहायक नदी वरुणा भी तबाही मचा रही है और यहां से इलाकों में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है. इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.