वाराणसी: कचरे से कोयला बनाने के प्रोजेक्ट पर वाराणसी नगर निगम ने काम शुरू कर दिया है. इसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन भी करेंगे, लेकिन इन सब के बीच अब एक नया प्रयास भी नगर निगम वाराणसी ने शुरू कर दिया है. वाराणसी के रमण इलाके में नगर निगम की तरफ से 200 टन क्षमता का एक ऐसा प्लांट भी स्थापित किया जा रहा है, जो घर प्रतिष्ठान या किसी भी अन्य जगह से निकलने वाले मलबे को ईंट या किसी अन्य चीज में कन्वर्ट करेगा.
इसके लिए घर से निकलने वाले मलबे से ईंट बनाने वाली एजेंसी मलबे को खरीदने का भी काम करेगी. जिसका ट्रायल शुरू हुआ है और अभी 50 टन माल को जुटाकर ट्रायल के तौर पर आरसीसी की ईंट बनाने का काम किया जा रहा है. जिसका इस्तेमाल सरकारी कार्यों के अलावा कॉमर्शियल तौर पर किया जाएगा.
नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनपी सिंह का कहना है कि 200 मेट्रिक टन क्षमता के तीन प्लांट लगाए जा रहे हैं. इसे फरवरी के अंत तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन कुछ काम बचा है जिसकी वजह से इसमें थोड़ा वक्त लगेगा.
नई योजना से क्या होगा फायदा
- उचित दर पर बिक सकेगा आपका मलबा
- ईंट भट्ठों के संचालन से होने वाले प्रदूषण पर लगेगा नियंत्रण
- भट्ठों में मिट्टी के दोहन को रोकने में मदद मिलेगी
- मलबे के जरिए सीमेंटेड ईंट, सीमेंटेड बेंच और पोल्स बनाने के अलावा गमले व अन्य चीज तैयार की जाएंगी
- 200 मिट्रिक टन क्षमता का प्लांट मार्च से होगा फुल फंक्शनिंग में
- प्रतिदिन लगभग 100 टन से ज्यादा मालवा निस्तारण के लिए उचित दर पर खरीदा जाएगा
मकान के मलबे से इंटरलॉकिंग के लिए ईंट ब्लॉक और टाइल्स बनाने का काम इस साइट पर शुरू किया जाएगा. कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट में जल्द इन चीजों को बनाने का काम शुरू करने के बाद इसका इस्तेमाल कमर्शियल तौर पर करने के अलावा सरकारी कार्यों में भी किया जाएगा, जो कम लागत के साथ बेहतर तरीके से बेहतर क्वालिटी की चीज प्रस्तुत करने का काम करेंगे.
उन्होंने बताया कि नगर निगम ने प्लांट के संचालन की जिम्मेदारी इंडो इंक्वारी इंटीग्रेशन सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को दी है. प्लांट में मलबे यानी घर से निकलने वाले ईंट, पत्थर मिट्टी और सीमेंट के बड़े-बड़े हिस्से जो आरसीसी के कटिंग के दौरान भी निकलते हैं. इन सारी चीजों को रिसाइकल करने के लिए एक क्रशर मशीन का प्रयोग किया जा रहा है.
ईंट और ब्लॉक और टाइल्स बनाने का उपयोग इन चीजों के जरिए ही किया जाएगा. प्लांट में पुराने घरों से निकलने वाले मलबे को अलग-अलग तरीके से रीसाईकल करने की तैयारी की जा रही है. रीसाईकल करने के बाद इन सारे पदार्थ को मिलाकर विभिन्न प्रकार के ब्लॉक, ड्रेन कवर, सीटिंग बेंच, पार्किंग ब्रिक टाइल्स, सीमेंटेड विंडो, पोल्स जैसी चीजों का निर्माण किया जाएगा.
इससे रीसाईकल कर पुराने मलबे का प्रयोग भी हो सकेगा और मलबे की उचित कीमत भी लोगों को देने की तैयारी चल रही है. नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि यह चीज अब तक लोग उठाकर सड़क पर यूं ही फेंक देते थे या फिर मलवा फेंकने के लिए भी पैसा लगता था, लेकिन एक जेनुइन रेट के साथ किया मलबा खरीद कर हम इनका निर्माण कार्य करने का काम करेंगे, यानी मलबे से भी कंस्ट्रक्शन की बेहतर चीजों को तैयार किया जाएगा.