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बनारस सामूहिक हत्याकांड; अहमदाबाद में भी नहीं मिला विक्की, 20 अक्टूबर को ही छोड़ दिया था फ्लैट - BANARAS MASS MURDER CASE

RAJENDRA GUPTA FAMILY MURDER : राजेंद्र की रात 12 से 1 बजे के बीच जबकि परिवार के अन्य सदस्यों की सुबह 5 बजे हुई हत्या.

पुलिस को संदिग्ध विक्की की लोकेशन नहीं मिल पा रही है.
पुलिस को संदिग्ध विक्की की लोकेशन नहीं मिल पा रही है. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 10, 2024, 7:03 AM IST

वाराणसी : भेलूपुर इलाके के धर्मानगर में 5 नवंबर को एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या कर दी गई थी. 4 लोगों के शव एक घर में जबकि एक शख्स की लाश निर्माणाधीन दूसरे मकान में मिली थी. इस सामूहिक हत्याकांड के 5 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. पुलिस राजेंद्र गुप्ता के भतीजे विशाल उर्फ विक्की को संदिग्ध मानकर उसकी तलाश कर रही है. पुलिस को उसकी सही लोकेशन नहीं मिल पा रही है. हालांकि पुलिस की जांच में कुछ हैरान करने वाली जानकारियां भी सामने आईं हैं.

पुलिस की एक टीम महाराष्ट्र जबकि दूसरी टीम अहमदाबाद में डेरा डाले हुए हैं. विक्की अहमदाबाद की एक सॉफ्टवेयर डेवलपर कंपनी में काम करता था. पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि अहमदाबाद में विक्की जिस फ्लैट में किराए पर रहता था. उसे उसने 20 अक्टूबर को यह कहकर छोड़ा था कि उसकी नौकरी कहीं और लग गई है. वह अहमदाबाद छोड़कर जा रहा है. फिलहाल पुलिस ने 20 अक्टूबर के बाद उसकी लोकेशन उत्तर प्रदेश में ही ट्रेस की है.

यह भी पढ़ें : बनारस सामूहिक हत्याकांड; कौन थे वो 4 लड़के, जो रात में भागे, क्या है राजेंद्र के रजिस्टरों की कहानी

24 अक्टूबर को उसने आखिरी बार बैंक से कुछ पैसे भी निकाले. इससे यूपी के किसी शहर में उसकी लोकेशन मिली. पुलिस अब सोमवार को बैंक खुलने का इंतजार कर रही है ताकि पूरी डिटेल निकाली जा सके. पुलिस जांच में कुछ और बातें सामने आईं हैं जो इस पूरे हत्याकांड के पीछे पुरानी रंजिश को और भी बल दे रही है.

पुलिस की जांच और फॉरेंसिक टीम की तरफ से की गई जांच के बाद यह बात सामने आई है कि 5 नवंबर को सुबह 5:00 के बाद राजेंद्र की पत्नी नीतू और बाकी तीन बच्चों की हत्या की गई है, जबकि राजेंद्र की हत्या 4 नवंबर की रात 12:30 से 1:00 के बीच ही हो गई थी, यानी हत्यारे ने पहले राजेंद्र को मौत के घाट उतारा था और उसके बाद पूरे परिवार की हत्या की.

यह भी पढ़ें : बनारस सामूहिक हत्याकांड : 5 हत्याओं के संदिग्ध भतीजे का फोन बंद, पुलिस को अब महिला मित्र और दोस्तों की तलाश

पुलिस जांच में यह बात भी पता चला है कि राजेंद्र का बड़ा बेटा नवनेंद्र 7 तारीख को वापस बेंगलुरु जाने वाला था, लेकिन उसके पहले 4 नवंबर की रात सभी लोग लेट नाइट मूवी देखने के लिए एक सिनेमा हॉल में गए थे. इसमें नीतू, नवनेंद्र, सुबेन्द्र और बहन गौरंगी शामिल थीं. रात करीब 1 बजे सभी घर वापस आए थे.

वहीं इस पूरे हत्याकांड के बाद अहमदाबाद जांच के लिए पहुंची पुलिस टीम को विक्की के कुछ दोस्त भी मिले हैं. जिनसे पुलिस ने पूछताछ की है. पुलिस पूछताछ में पता चला है कि विक्की की कोई गर्लफ्रेंड मुंबई में रहती है. पुलिस उस लड़की की भी तलाश कर रही है.

बता दें कि भदैनी निवासी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, पत्नी नीतू और बेटे नवनेंद्र, सुबेंद्र के अलावा बेटी गौरांगी की हत्या कर दी गई थी. 4 लोगों के शव एक मकान में जबकि राजेंद्र की लाश दूसरे मकान में मिली थी. 22 साल पुरानी रंजिश में वारदात को अंजाम दिया गया. पुलिस के अनुसार राजेंद्र ने अपने भाई कृष्णा गुप्ता, उसकी पत्नी की हत्या कर दी थी. मामले में राजेंद्र के पिता लक्ष्मी नारायण गुप्ता गवाह थे. इसके बाद 1996-97 में उनकी और एक गार्ड भी हत्या कर दी गई थी.

वारदात के दौरान कृष्णा के दो बेटे जुगनू और विक्की छोटे थे. इन दोनों बेटों ने राजेंद्र को सजा दिलाने के लिए पैरवी की, लेकिन राजेंद्र को जमानत मिल गई. 5 लोगों की हत्या की इस पूरी साजिश में पुलिस विक्की को ही मुख्य आरोपी मानकर चल रही है. मामले में डीसीपी काशी जोन गौरव वंशवाल ने बताया कि विक्की की तलाश की जा रही है. अभी उसकी लोकेशन नहीं मिल रही है.

यह भी पढ़ें : बनारस सामूहिक हत्याकांड; पेशेवर शूटर ने मारीं 11 गोलियां, क्या 5 परिजनों के मर्डर के पीछे 22 साल पुरानी रंजिश?

वाराणसी : भेलूपुर इलाके के धर्मानगर में 5 नवंबर को एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या कर दी गई थी. 4 लोगों के शव एक घर में जबकि एक शख्स की लाश निर्माणाधीन दूसरे मकान में मिली थी. इस सामूहिक हत्याकांड के 5 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. पुलिस राजेंद्र गुप्ता के भतीजे विशाल उर्फ विक्की को संदिग्ध मानकर उसकी तलाश कर रही है. पुलिस को उसकी सही लोकेशन नहीं मिल पा रही है. हालांकि पुलिस की जांच में कुछ हैरान करने वाली जानकारियां भी सामने आईं हैं.

पुलिस की एक टीम महाराष्ट्र जबकि दूसरी टीम अहमदाबाद में डेरा डाले हुए हैं. विक्की अहमदाबाद की एक सॉफ्टवेयर डेवलपर कंपनी में काम करता था. पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि अहमदाबाद में विक्की जिस फ्लैट में किराए पर रहता था. उसे उसने 20 अक्टूबर को यह कहकर छोड़ा था कि उसकी नौकरी कहीं और लग गई है. वह अहमदाबाद छोड़कर जा रहा है. फिलहाल पुलिस ने 20 अक्टूबर के बाद उसकी लोकेशन उत्तर प्रदेश में ही ट्रेस की है.

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24 अक्टूबर को उसने आखिरी बार बैंक से कुछ पैसे भी निकाले. इससे यूपी के किसी शहर में उसकी लोकेशन मिली. पुलिस अब सोमवार को बैंक खुलने का इंतजार कर रही है ताकि पूरी डिटेल निकाली जा सके. पुलिस जांच में कुछ और बातें सामने आईं हैं जो इस पूरे हत्याकांड के पीछे पुरानी रंजिश को और भी बल दे रही है.

पुलिस की जांच और फॉरेंसिक टीम की तरफ से की गई जांच के बाद यह बात सामने आई है कि 5 नवंबर को सुबह 5:00 के बाद राजेंद्र की पत्नी नीतू और बाकी तीन बच्चों की हत्या की गई है, जबकि राजेंद्र की हत्या 4 नवंबर की रात 12:30 से 1:00 के बीच ही हो गई थी, यानी हत्यारे ने पहले राजेंद्र को मौत के घाट उतारा था और उसके बाद पूरे परिवार की हत्या की.

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पुलिस जांच में यह बात भी पता चला है कि राजेंद्र का बड़ा बेटा नवनेंद्र 7 तारीख को वापस बेंगलुरु जाने वाला था, लेकिन उसके पहले 4 नवंबर की रात सभी लोग लेट नाइट मूवी देखने के लिए एक सिनेमा हॉल में गए थे. इसमें नीतू, नवनेंद्र, सुबेन्द्र और बहन गौरंगी शामिल थीं. रात करीब 1 बजे सभी घर वापस आए थे.

वहीं इस पूरे हत्याकांड के बाद अहमदाबाद जांच के लिए पहुंची पुलिस टीम को विक्की के कुछ दोस्त भी मिले हैं. जिनसे पुलिस ने पूछताछ की है. पुलिस पूछताछ में पता चला है कि विक्की की कोई गर्लफ्रेंड मुंबई में रहती है. पुलिस उस लड़की की भी तलाश कर रही है.

बता दें कि भदैनी निवासी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, पत्नी नीतू और बेटे नवनेंद्र, सुबेंद्र के अलावा बेटी गौरांगी की हत्या कर दी गई थी. 4 लोगों के शव एक मकान में जबकि राजेंद्र की लाश दूसरे मकान में मिली थी. 22 साल पुरानी रंजिश में वारदात को अंजाम दिया गया. पुलिस के अनुसार राजेंद्र ने अपने भाई कृष्णा गुप्ता, उसकी पत्नी की हत्या कर दी थी. मामले में राजेंद्र के पिता लक्ष्मी नारायण गुप्ता गवाह थे. इसके बाद 1996-97 में उनकी और एक गार्ड भी हत्या कर दी गई थी.

वारदात के दौरान कृष्णा के दो बेटे जुगनू और विक्की छोटे थे. इन दोनों बेटों ने राजेंद्र को सजा दिलाने के लिए पैरवी की, लेकिन राजेंद्र को जमानत मिल गई. 5 लोगों की हत्या की इस पूरी साजिश में पुलिस विक्की को ही मुख्य आरोपी मानकर चल रही है. मामले में डीसीपी काशी जोन गौरव वंशवाल ने बताया कि विक्की की तलाश की जा रही है. अभी उसकी लोकेशन नहीं मिल रही है.

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