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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ : यूजी और पीजी कक्षाओं में 4 क्रेडिट की शोध अनिवार्य, पढ़िए डिटेल

नई शिक्षा नीति के तहत महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने यूजी और पीजी कक्षाओं में चार क्रेडिट की शोध परियोजनाओं को अनिवार्य कर दिया है. इस शर्त के बाद स्नातक स्तर पर तृतीय वर्ष के पांचवें व छठवें सेमेस्टर और पीजी के छात्रों के लिए हर सेमेस्टर में रिसर्च प्रोजेक्ट करने होंगे. New Education Policy

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 9, 2024, 2:29 PM IST

वाराणसी : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने नई शिक्षा नीति के तहत यूजी और पीजी कक्षाओं में 4 क्रेडिट की शोध परियोजनाओं को अनिवार्य कर दिया है. काशी विद्यापीठ से संबद्ध वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र और भदोही के महाविद्यालयों ने शोध परियोजना को लेकर अपनी मुहर लगा दी है. इसके लागू होने के बाद स्नातक स्तर पर तृतीय वर्ष के पांचवें व छठवें सेमेस्टर और पीजी के विद्यार्थियों के लिए हर सेमेस्टर में रिसर्च प्रोजेक्ट करने होंगे. छात्र को तीसरे साल में लघु शोध परियोजना और चौथे व पांचवें वर्ष में वृहद शोध परियोजना करनी होगी.

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. एके त्यागी ने बताया कि स्नातक के लिए छात्र के चुने गए तीसरे वर्ष के दो मुख्य विषयों में से किसी एक विषय पर और पीजी स्तर के मुख्य विषय से संबंधित विषय पर रिसर्च होगा. ये अंतरविषयी भी हो सकता है. यह इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग की रिपोर्ट, इंटर्नशिप की रिपोर्ट या सर्वे वर्क आदि के रूप में हो सकता है. शोध परियोजना एक सुपरवाइजर के निर्देशन में पूरी की जाएगी. साथ ही एक अन्य किसी उद्योग, कंपनी, तकनीकि संस्थान या शोध संस्थान के भी सुपरवाइजर हो सकते हैं. इन्हें भी शामिल किया जा सकता है.

मूल्यांकन प्रक्रिया : यूजी तृतीय वर्ष में पांचवें और छठवें सेमेस्टर में की गई शोध परियोजना का संयुक्त मूल्यांकन सातवें सेमेस्टर के अंत में एक आंतरिक और विश्वविद्यालय द्वारा नामित बाह्य परीक्षक द्वारा जमा किए गए शोध प्रबंध की मौखिकी पर किया जाएगा. इसके लिए 100 अंक निर्धारित होंगे. पीजी में शोध परियोजनाओं का मूल्यांकन दूसरे और चौथे सेमेस्टर में होगा. पीजी प्रथम वर्ष के पहले और दूसरे सेमेस्टर में किए शोध का संयुक्त मूल्यांकन दूसरे सेमेस्टर के अंत में 100 अंकों में किया जाएगा. मूल्यांकन जो शोध प्रबंध विद्यार्थियों ने जमा किया है, उस पर आधारित होगा.

सीजीपीए की गणना : स्नातक स्तर के विद्यार्थी की ग्रेड शीट पर शोध परियोजनाओं के प्राप्तांकों पर आधारित ग्रेड तो अंकित होंगे, लेकिन उनको सीजीपीए की गणना में शामिल नहीं किया जाएगा. यूजी और पीजी के विद्यार्थी को हर सेमेस्टर में चार क्रेडिट की शोध परियोजना करनी होगी. शोध परियोजना के प्राप्तांकों पर आधारित ग्रेड अंकित होंगे और उन्हें सीजीपीए की गणना में शामिल किया जाएगा. शोध परियोजनाओं के मूल्यांकन की प्रक्रिया विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग की देखरेख में होगी. यूजी द्वितीय वर्ष के तीसरे और चौथे सेमेस्टर में की गई शोध परियोजना का संयुक्त मूल्यांकन चौथे सेमेस्टर के अंत में एक आंतरिक और विश्वविद्यालय द्वारा नामित बाह्य परीक्षक द्वारा किया जाएगा.

यह भी पढ़ें : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में दोबारा होगी प्रैक्टिकल परीक्षा, भुगतान करने होंगे 500 रुपये

यह भी पढ़ें : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की सेमेस्टर परीक्षाओं की तारीख घोषित, 8 जनवरी शुरू हो रहे एग्जाम

वाराणसी : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने नई शिक्षा नीति के तहत यूजी और पीजी कक्षाओं में 4 क्रेडिट की शोध परियोजनाओं को अनिवार्य कर दिया है. काशी विद्यापीठ से संबद्ध वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र और भदोही के महाविद्यालयों ने शोध परियोजना को लेकर अपनी मुहर लगा दी है. इसके लागू होने के बाद स्नातक स्तर पर तृतीय वर्ष के पांचवें व छठवें सेमेस्टर और पीजी के विद्यार्थियों के लिए हर सेमेस्टर में रिसर्च प्रोजेक्ट करने होंगे. छात्र को तीसरे साल में लघु शोध परियोजना और चौथे व पांचवें वर्ष में वृहद शोध परियोजना करनी होगी.

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. एके त्यागी ने बताया कि स्नातक के लिए छात्र के चुने गए तीसरे वर्ष के दो मुख्य विषयों में से किसी एक विषय पर और पीजी स्तर के मुख्य विषय से संबंधित विषय पर रिसर्च होगा. ये अंतरविषयी भी हो सकता है. यह इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग की रिपोर्ट, इंटर्नशिप की रिपोर्ट या सर्वे वर्क आदि के रूप में हो सकता है. शोध परियोजना एक सुपरवाइजर के निर्देशन में पूरी की जाएगी. साथ ही एक अन्य किसी उद्योग, कंपनी, तकनीकि संस्थान या शोध संस्थान के भी सुपरवाइजर हो सकते हैं. इन्हें भी शामिल किया जा सकता है.

मूल्यांकन प्रक्रिया : यूजी तृतीय वर्ष में पांचवें और छठवें सेमेस्टर में की गई शोध परियोजना का संयुक्त मूल्यांकन सातवें सेमेस्टर के अंत में एक आंतरिक और विश्वविद्यालय द्वारा नामित बाह्य परीक्षक द्वारा जमा किए गए शोध प्रबंध की मौखिकी पर किया जाएगा. इसके लिए 100 अंक निर्धारित होंगे. पीजी में शोध परियोजनाओं का मूल्यांकन दूसरे और चौथे सेमेस्टर में होगा. पीजी प्रथम वर्ष के पहले और दूसरे सेमेस्टर में किए शोध का संयुक्त मूल्यांकन दूसरे सेमेस्टर के अंत में 100 अंकों में किया जाएगा. मूल्यांकन जो शोध प्रबंध विद्यार्थियों ने जमा किया है, उस पर आधारित होगा.

सीजीपीए की गणना : स्नातक स्तर के विद्यार्थी की ग्रेड शीट पर शोध परियोजनाओं के प्राप्तांकों पर आधारित ग्रेड तो अंकित होंगे, लेकिन उनको सीजीपीए की गणना में शामिल नहीं किया जाएगा. यूजी और पीजी के विद्यार्थी को हर सेमेस्टर में चार क्रेडिट की शोध परियोजना करनी होगी. शोध परियोजना के प्राप्तांकों पर आधारित ग्रेड अंकित होंगे और उन्हें सीजीपीए की गणना में शामिल किया जाएगा. शोध परियोजनाओं के मूल्यांकन की प्रक्रिया विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग की देखरेख में होगी. यूजी द्वितीय वर्ष के तीसरे और चौथे सेमेस्टर में की गई शोध परियोजना का संयुक्त मूल्यांकन चौथे सेमेस्टर के अंत में एक आंतरिक और विश्वविद्यालय द्वारा नामित बाह्य परीक्षक द्वारा किया जाएगा.

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