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वाराणसी BHU एक सप्ताह में शुरू हो सकती है पीएचडी एडमिशन की प्रक्रिया, NTA भेजेगा डेटा - BHU PHD ADMISSION PROCESS

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में पीएचडी में एडमिशन के लिए हो रही है देरी.

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काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में पीएचडी में एडमिशन के लिए हो रही है देरी. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 30, 2024, 3:35 PM IST

वाराणसी : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में पीएचडी में एडमिशन की प्रक्रिया अभी भी नहीं शुरू हो सकी है. एडमिशन के इंतजार में बैठे विद्यार्थियों को अभी एक सप्ताह और इंतजार करना पड़ सकता है. एनटीए की ओर से नेट-जेआरएफ की परीक्षा परिणाम का डेटा अभी तक विश्वविद्यालय को ट्रांसफर नहीं किया गया है, जिससे कि आवेदनकर्ता विद्यार्थियों के भरे गए आंकड़ों से मिलान किया जा सके. ऐसे में विश्वविद्यालय ने पीएचडी में ऑनलाइन आवेदन के लिए लिंक नहीं जारी किया है.


काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में पीएचडी में एडमिशन के लिए देरी हो रही है, और अभ्यर्थियों का इंतजार भी बढ़ता जा रहा है. विश्वविद्यालय की ओर से मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (ओमओयू) नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को भेजा गया है. अब इसके बाद जब एनटीए की ओर से इस पर हस्ताक्षर होंगे, तब जाकर नेट-जेआरएफ के सफल-असफल अभ्यर्थियों का डेटा विश्वविद्यालय को ट्रांसफर किया जाएगा. इसके बाद ही आवेदन प्रक्रिया शुरू हो सकेगी.



नंबरों के साथ नहीं हो सकेगी छेड़छाड़: विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक, नेट-जेआरएफ परीक्षा में जिन अभ्यर्थियों को सफलता मिली है, एनटीए उनकी पूरी डिटेल विश्वविद्यालय को देगा. अगर एनटीए से डेटा सीधे बीएचयू को मिल जाता है तो डेटा की एंट्री ऑनलाइन आवेदन के लिए तैयार सिस्टम में कर दी जाएगी. ऐसे में कोई भी अभ्यर्थी नेट-जेआरएफ की मार्कशीट में किसी तरह की छेड़छाड़ करता है या नंबर बढ़ाता है तो फॉर्म भरते समय सॉफ्टवेयर की मदद से सही प्राप्तांक पता चल जाएगा.



एक सप्ताह का लग सकता है समय: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की ओर से (ओमओयू) पर काम चल रहा था. बताया जा रहा है कि इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 20 दिन का समय लग गया. विश्वविद्यालय की ओर से एमओयू की स्कैन कॉपी एनटीए को भेजी गई थी. इसके बाद वहां से मांग आई कि एमओयू की हार्ड कॉपी भेजी जाए. अब विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक कार्यालय की ओर से हार्ड कॉपी भेजी गई है. ऐसे में एडमिशन की प्रक्रिया में एक सप्ताह का समय लग सकता है.

यह भी पढ़ें : BHU में 'शास्त्रार्थ महाकुंभ' का शुभारंभ, दक्षिण से लेकर बंगाल तक के विद्वान शास्त्रार्थ परंपरा को पुनर्जीवित करने जुटे

वाराणसी : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में पीएचडी में एडमिशन की प्रक्रिया अभी भी नहीं शुरू हो सकी है. एडमिशन के इंतजार में बैठे विद्यार्थियों को अभी एक सप्ताह और इंतजार करना पड़ सकता है. एनटीए की ओर से नेट-जेआरएफ की परीक्षा परिणाम का डेटा अभी तक विश्वविद्यालय को ट्रांसफर नहीं किया गया है, जिससे कि आवेदनकर्ता विद्यार्थियों के भरे गए आंकड़ों से मिलान किया जा सके. ऐसे में विश्वविद्यालय ने पीएचडी में ऑनलाइन आवेदन के लिए लिंक नहीं जारी किया है.


काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में पीएचडी में एडमिशन के लिए देरी हो रही है, और अभ्यर्थियों का इंतजार भी बढ़ता जा रहा है. विश्वविद्यालय की ओर से मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (ओमओयू) नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को भेजा गया है. अब इसके बाद जब एनटीए की ओर से इस पर हस्ताक्षर होंगे, तब जाकर नेट-जेआरएफ के सफल-असफल अभ्यर्थियों का डेटा विश्वविद्यालय को ट्रांसफर किया जाएगा. इसके बाद ही आवेदन प्रक्रिया शुरू हो सकेगी.



नंबरों के साथ नहीं हो सकेगी छेड़छाड़: विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक, नेट-जेआरएफ परीक्षा में जिन अभ्यर्थियों को सफलता मिली है, एनटीए उनकी पूरी डिटेल विश्वविद्यालय को देगा. अगर एनटीए से डेटा सीधे बीएचयू को मिल जाता है तो डेटा की एंट्री ऑनलाइन आवेदन के लिए तैयार सिस्टम में कर दी जाएगी. ऐसे में कोई भी अभ्यर्थी नेट-जेआरएफ की मार्कशीट में किसी तरह की छेड़छाड़ करता है या नंबर बढ़ाता है तो फॉर्म भरते समय सॉफ्टवेयर की मदद से सही प्राप्तांक पता चल जाएगा.



एक सप्ताह का लग सकता है समय: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की ओर से (ओमओयू) पर काम चल रहा था. बताया जा रहा है कि इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 20 दिन का समय लग गया. विश्वविद्यालय की ओर से एमओयू की स्कैन कॉपी एनटीए को भेजी गई थी. इसके बाद वहां से मांग आई कि एमओयू की हार्ड कॉपी भेजी जाए. अब विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक कार्यालय की ओर से हार्ड कॉपी भेजी गई है. ऐसे में एडमिशन की प्रक्रिया में एक सप्ताह का समय लग सकता है.

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