वाराणसी : शहर में शुक्रवार शाम चाइनीज मांझे की चपेट में आकर एक अधिवक्ता बाल बाल बच गए. मांझा अधिवक्ता के गले में उलझ गया था. हालांकि अधिवक्ता ने सूझबूझ से काम लेते हुए अपनी अंगुलियां गर्दन के बीच में फंसा दीं. इसके अलावा हेलमेट पहनने की वजह से गर्दन बच गई. हालांकि इस दौरान अधिवक्ता की अंगुलियां गंभीर रूप से कट गईं. अधिवक्ता की अंगुलियों में पांच टांके लगे हैं.
अधिवक्ता जाबाज खान दीवानी न्यायालय से सीनियर के साथ बाइक से अपने गांव गंजारी लौट रहे थे. शहर के चौकाघाट फ्लाईओवर पर पहुंचने पर हवा में उड़ रहा मांझा जाबाज खान की गर्दन पर आकर अटक गया. हालांकि हेलमेट पहनने की वजह से गर्दन बच गई. इसी दौरान अधिवक्ता ने अपनी अंगुलियां मांझे में फंसा दीं. इससे अंगुलियां बुरी तरह कट गईं. इसके बाद उनके सीनियर साथी उन्हें कबीरचौरा अस्पताल ले गए और इलाज कराया. अधिवक्ता की अंगुलियां में पांच टांके लगे हैं.
कबीरचौरा अस्पताल के ड्यूटी इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि चाइनीज मांझा प्रतिबंधित है. ये बच्चों के अभिभावकों को समझना होगा. अभिभावकों को बुरी आदतों के साथ मांझे के नुकसान के बारे में भी सचेत करें. चीनी मांझा नायलॉन या कांच-लेपित पदार्थों जैसे सिंथेटिक पदार्थों से बना होता है. यह मांझा शहरी वन्यजीवों के लिए काफी खतरनाक होता है. इन डोरियों की तीक्ष्णता इतनी होती है कि वे किसी भी जीवित प्राणी के मांस और हड्डियों को काट सकती है. जिससे घातक चोट लग सकती है.
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