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जल जीवन मिशन योजना का समय विस्तार चाहता है राज्य, जल आपूर्ति पर मुख्य सचिव के ये निर्देश

सोमवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जल आपूर्ति कार्यक्रम की 11वीं उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक की.

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मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने की बैठक. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

देहरादून: जल आपूर्ति कार्यक्रम की 11वीं उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को सोशल ऑडिट को प्रभावी बनाने की दिशा में कदम उठाए जाने के निर्देश दिए. इस दौरान जल जीवन मिशन के समय सीमा विस्तार के लिए भारत सरकार को भी तत्काल पत्र लिखे जाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं.

प्रदेश में जल आपूर्ति योजनाओं पर बेहतर क्रियान्वयन को लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. इस दौरान योजनाओं में लोगों के फीडबैक को तवज्जो दिए जाने खासतौर पर महिलाओं की योजनाओं पर राय लेने के लिए कहा गया. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को जल आपूर्ति योजनाओं के सोशल ऑडिट को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं. इस दौरान आम लोगों की योजनाओं को लेकर संतुष्टि को विशेष रूप से फोकस में रखने और इसी आधार पर योजनाओं को तय करने के लिए भी कहा गया है.

वहीं शिकायत निवारण तंत्र को भी मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मजबूत बनाने के लिए कहा है. मुख्य सचिव ने यह सब निर्देश उत्तराखंड जल आपूर्ति कार्यक्रम की 11वीं उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक के दौरान दिए. बैठक के दौरान जल जीवन मिशन के समय सीमा विस्तार को लेकर भी चर्चा की गई, जिसके बाद मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को इसके लिए भारत सरकार को तत्काल पत्र भेजे जाने के लिए निर्देशित किया है.

दरअसल, जल जीवन मिशन योजना के तहत विभिन्न कार्य किए जाने हैं और कार्य पूरे हो सकें, इसके लिए राज्य को योजना में कुछ और समय की आवश्यकता महसूस हो रही है. बैठक के दौरान पेयजल से जुड़ी योजनाओं में आम लोगों की प्रतिक्रिया को अहम बताया गया, ताकि आम लोगों को जलापूर्ति के साथ गुणवत्ता युक्त पेयजल की आपूर्ति हो सके.

शिकायत निवारण तंत्र पर भी अधिकारियों को विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है. इस दौरान 48 घंटे के भीतर शिकायतों के निवारण करने के निर्देश दिए गए. उपभोक्ताओं के संतुष्टीकरण के लिए जरूरी कदम उठाने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को जलापूर्ति में संतुष्ट करने के लिए कहा गया है. उत्तराखंड जल आपूर्ति कार्यक्रम के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी फर्म की समय सीमा को बढ़ाने का भी अनुमोदन दिया गया.

इसके साथ ही कार्यक्रम के एनवायरनमेंट ऑडिट पर प्रशासनिक और वित्तीय अनुमोदन भी दिया गया है. बैठक के दौरान जानकारी दी गई की 975 करोड़ रुपए लागत की विश्व बैंक से सहायता प्राप्त जल आपूर्ति कार्यक्रम में देहरादून टिहरी हरिद्वार नैनीताल और उधम सिंह नगर के 22 अर्ध शहरी क्षेत्र में 100% वॉल्यूम मीटरिंग के साथ 16 घंटे हर दिन जल आपूर्ति की जा रही है.

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देहरादून: जल आपूर्ति कार्यक्रम की 11वीं उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को सोशल ऑडिट को प्रभावी बनाने की दिशा में कदम उठाए जाने के निर्देश दिए. इस दौरान जल जीवन मिशन के समय सीमा विस्तार के लिए भारत सरकार को भी तत्काल पत्र लिखे जाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं.

प्रदेश में जल आपूर्ति योजनाओं पर बेहतर क्रियान्वयन को लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. इस दौरान योजनाओं में लोगों के फीडबैक को तवज्जो दिए जाने खासतौर पर महिलाओं की योजनाओं पर राय लेने के लिए कहा गया. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को जल आपूर्ति योजनाओं के सोशल ऑडिट को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं. इस दौरान आम लोगों की योजनाओं को लेकर संतुष्टि को विशेष रूप से फोकस में रखने और इसी आधार पर योजनाओं को तय करने के लिए भी कहा गया है.

वहीं शिकायत निवारण तंत्र को भी मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मजबूत बनाने के लिए कहा है. मुख्य सचिव ने यह सब निर्देश उत्तराखंड जल आपूर्ति कार्यक्रम की 11वीं उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक के दौरान दिए. बैठक के दौरान जल जीवन मिशन के समय सीमा विस्तार को लेकर भी चर्चा की गई, जिसके बाद मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को इसके लिए भारत सरकार को तत्काल पत्र भेजे जाने के लिए निर्देशित किया है.

दरअसल, जल जीवन मिशन योजना के तहत विभिन्न कार्य किए जाने हैं और कार्य पूरे हो सकें, इसके लिए राज्य को योजना में कुछ और समय की आवश्यकता महसूस हो रही है. बैठक के दौरान पेयजल से जुड़ी योजनाओं में आम लोगों की प्रतिक्रिया को अहम बताया गया, ताकि आम लोगों को जलापूर्ति के साथ गुणवत्ता युक्त पेयजल की आपूर्ति हो सके.

शिकायत निवारण तंत्र पर भी अधिकारियों को विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है. इस दौरान 48 घंटे के भीतर शिकायतों के निवारण करने के निर्देश दिए गए. उपभोक्ताओं के संतुष्टीकरण के लिए जरूरी कदम उठाने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को जलापूर्ति में संतुष्ट करने के लिए कहा गया है. उत्तराखंड जल आपूर्ति कार्यक्रम के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी फर्म की समय सीमा को बढ़ाने का भी अनुमोदन दिया गया.

इसके साथ ही कार्यक्रम के एनवायरनमेंट ऑडिट पर प्रशासनिक और वित्तीय अनुमोदन भी दिया गया है. बैठक के दौरान जानकारी दी गई की 975 करोड़ रुपए लागत की विश्व बैंक से सहायता प्राप्त जल आपूर्ति कार्यक्रम में देहरादून टिहरी हरिद्वार नैनीताल और उधम सिंह नगर के 22 अर्ध शहरी क्षेत्र में 100% वॉल्यूम मीटरिंग के साथ 16 घंटे हर दिन जल आपूर्ति की जा रही है.

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