देहरादून: नए साल पर उत्तराखंड परिवहन निगम अब नए कलेवर में नजर आएगा. इसके लिए परिवहन निगम ने रणनीतियां बनानी शुरू कर दी हैं. फिलहाल उत्तराखंड परिवहन निगम तमाम महत्वपूर्ण बिंदुओं पर असेसमेंट कर रहा है, ताकि यात्रियों को परिवहन की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही परिवहन निगम की आय को बढ़ाया जा सके. दरअसल परिवहन निगम के लिए हमेशा से ही एक बड़ी चुनौती यही रही है कि आय को किस तरह से बढ़ाया जाए. मुख्य रूप से परिवहन निगम रूटों पर यात्रियों की डिमांड के आधार पर बसों का संचालन करने पर फोकस कर रहा है.
परिवहन निगम की एमडी रीना जोशी ने बताया कि निगम की समस्याओं का असेसमेंट किया जा रहा है, ताकि उनको दूर करते हुए प्रॉफिट में लाया जाए. निगम की कुछ गाड़ियां जर्जर हालत में हैं. ऐसे में कोशिश है कि पहाड़ों पर जर्जर स्थिति वाली गाड़ियों का संचालन न किया जाए.
एमडी रीना जोशी ने बताया कि उत्तराखंड शासन ने कुछ फंड भी उपलब्ध कराया है. ऐसे में 100 नई गाड़ियां खरीदने का प्रावधान किया जा रहा है. साथ ही बताया कि पिछले 6 महीने के भीतर 130 नई गाड़ियां खरीदी जा चुकी हैं. दिल्ली में बीएस-6 लागू होने की वजह से निगम को दिक्कतें हो रही हैं. ऐसे में बीएस-6 मॉडल की नई गाड़ियां खरीदकर समस्याओं को दूर किया जाएगा.
इसके साथ ही बसों के संचालन के लिए नए रूट को भी चिन्हित किया जा रहा है, जहां पर बसों की डिमांड है, लेकिन बसों का संचालन नहीं हो रहा है. ऐसे में निगम की कोशिश रहेगी कि जिन रूटों पर बसों की डिमांड है, उन रूटों पर बसों का संचालन किया जाए, ताकि यात्रियों को किसी भी तरह की कोई दिक्कत न हो.
लीन और पीक सीजन का भी असेसमेंट किया जा रहा है. क्योंकि हमेशा ही देखा जा रहा है कि लीन सीजन में यात्री कम मिलते हैं, जबकि रूट पर गाड़ियां उपलब्ध रहती हैं, जिससे निगम को घाटा होता है. ऐसे में लीन सीजन के दौरान डिमांड के अनुसार गाड़ियों का संचालन किया जायेगा.
इसके साथ ही कुछ ऐसे रूट भी हैं, जहां बसों की डिमांड है. लेकिन वहां पर बसों का संचालन नहीं हो रहा है. इस तरह के रूट को चिन्हित कर वहां पर बसों का संचालन किया जाएगा. साथ ही बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों के जिन मार्गों पर बसों की डिमांड कम है, वहां पर छोटी बसों को संचालित करने पर निगम विचार कर रहा है, जिससे निगम को घाटा भी नहीं होगा और यात्रियों को सुविधा भी मिलेगी. इसके अलावा पर्यटन और यात्रा सीजन में बसों की डिमांड का भी असेसमेंट किया जा रहा है. ताकि पर्यटन और यात्रा सीजन के दौरान जितनी गाड़ियों की जरूरत होगी, उतनी ही गाड़ियों का संचालन किया जायेगा.
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