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दिल्ली ने दिया झटका, फिर भी नवंबर में प्रॉफिट में परिवहन निगम, कमाये कमाए पांच करोड़, जानिये कैसे - UTTARAKHAND TRANSPORT CORPORATION

नवंबर में परिवहन निगम ने बसों के संचालन से 60.56 करोड़ रुपए कमाये, हिल लॉस के रूप में मिला 3.75 करोड़, कुल खर्चे 59.01 करोड़

UTTARAKHAND TRANSPORT CORPORATION
नवंबर में प्रॉफिट में परिवहन निगम (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 6, 2024, 9:35 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में नवंबर का महीना परिवहन निगम के लिए चुनौती भरा रहा है. नवंबर महीने में बढ़े एयर पॉल्यूशन की वजह से परिवहन निगम की 194 बसें दिल्ली रूट से बाहर हो गई थी. जिसके चलते न सिर्फ आम जनता को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा बल्कि परिवहन निगम को भी तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा. जिसके चलते संभावना जताई जा रही थी कि परिवहन निगम को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा, लेकिन परिवहन निगम की वर्तमान स्थिति कुछ और ही बयां कर रही हैं. तमाम चुनौतियों के बावजूद परिवहन निगम का दावा है कि वो नवंबर महीने में 5 करोड़ रुपए के प्रॉफिट में है.

8 महीने में परिवहन निगम को 10.14 करोड़ का प्रॉफिट: साल 2003 में परिवहन निगम के गठन के बाद से ही कुछ सालों को छोड़कर साल 2022 तक लगातार घाटे में ही चल रहा था, लेकिन साल 2022 के बाद परिवहन निगम ने ना सिर्फ अपने सभी लॉस को पूरा किया बल्कि प्रॉफिट में भी गया है. परिवहन निगम से मिली जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 में परिवहन निगम 27 करोड़ रुपए के प्रॉफिट में आया. इसके बाद वित्तीय वर्ष 2023-24 में परिवहन निगम का प्रॉफिट बढ़कर 56 करोड़ तक पहुंचा. वहीं, वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में नवंबर महीने तक यानि 8 महीने में परिवहन निगम को 10.14 करोड़ रुपए का लाभ हो चुका है.

नवंबर में प्रॉफिट में परिवहन निगम (ETV BHARAT)

नवंबर में कमाया 5.30 करोड़ रुपए का प्रॉफिट: दिल्ली में बीएस-4 डीजल बसों पर प्रतिबंध लगने से पहले यानी 15 नवंबर 2024 से पहले उत्तराखंड से 514 बसें दिल्ली रूट पर संचालित हो रही थी. 15 नवंबर के बाद 310 बसें ही दिल्ली रूट पर संचालित हो पाई. जिसके चलते अनुमान लगाया जा रहा था कि कम बसों के संचालन से परिवहन निगम को काफी नुकसान होगा, लेकिन वास्तविक रूप से ऐसा होता दिखाई नहीं दिया. परिवहन निगम से मिली जानकारी के अनुसार, नवंबर 2024 में परिवहन निगम को करीब 5.30 करोड़ रुपए का प्रॉफिट हुआ है. आंकड़ों पर गौर करे तो नवंबर महीने में परिवहन निगम ने बसों के संचालन से 60.56 करोड़ रुपए कमाये. साथ ही सरकार से हिल लॉस के रूप में 3.75 करोड़ रुपए मिले, यानि निगम में कुल 64.31 करोड़ रुपए का कारोबार किया. जिसमें से परिवहन निगम के कुल खर्चे 59.01 करोड़ रुपए निकलकर करीब 5.30 करोड़ रुपए का प्रॉफिट कमाया है.

कैसे प्रॉफिट में आया परिवहन निगम: परिवहन निगम से मिली जानकारी के अनुसार, नवंबर महीने में परिवार निगम को जो 5 करोड़ 30 लख रुपए का प्रॉफिट हुआ है. उसमें से करीब डेढ़ करोड़ रुपए का फायदा दिल्ली की 41 वॉल्वो बस सेवाएं बंद होने की वजह से हुआ है. जब दिल्ली जाने वाली अनुबंध 41 वॉल्वो बसों का संचालन बंद हुआ तो फिर साधारण बसों से ही लोगों का दिल्ली जाना पड़ा. जिसके चलते वॉल्वो से जाने वाले यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा. इसके बाद जहां पहले रोडवेज की बसें 40 से 50 फीसदी सीटें भरकर ही जा रही थी, वहीं, दिल्ली रूट पर बसों की संख्या कम होने के चलते बसों में 80 से 90 फ़ीसदी सीटें भरकर रवाना हो रही थी. जिसके चलते परिवहन निगम को नुकसान की जगह प्रॉफिट हुआ है.

क्या कहते हैं अधिकारी: परिवहन निगम महाप्रबंधक पवन मेहरा ने बताया नवंबर महीने में दिल्ली जाने वाली बीएस-4 डीजल बसों का संचालन दिल्ली रूट पर बंद हो गया था. बावजूद इसके नवंबर महीने में परिवहन निगम को करीब 5 करोड़ रुपए से अधिक का प्रॉफिट हुआ है. ऐसे में परिवहन निगम ने प्लान तैयार किया और कुछ बसों को मोहननगर और कौशांबी तक चलना शुरू किया. यही नहीं, इस दौरान परिवहन निगम को जो 130 बसें प्राप्त हुई उससे भी दिल्ली रूट पर बसों के संचालन बेड़ा बढ़ा. इसके साथ ही अक्टूबर और नवंबर महीने में परिवहन निगम को करीब 26 सीएनजी बसें भी मिली. जिसका भी संचालन दिल्ली रूट पर किया गया. ऐसे में दिल्ली रूट पर पर्याप्त गाड़ियां चल रही हैं. यात्रियों को किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं हो रही है.

पढ़ें-उत्तराखंड की 194 बीएस-4 बसों को 20 दिन बाद मिला दिल्ली में प्रवेश, जानें क्यों लगा था प्रतिबंध

देहरादून: उत्तराखंड में नवंबर का महीना परिवहन निगम के लिए चुनौती भरा रहा है. नवंबर महीने में बढ़े एयर पॉल्यूशन की वजह से परिवहन निगम की 194 बसें दिल्ली रूट से बाहर हो गई थी. जिसके चलते न सिर्फ आम जनता को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा बल्कि परिवहन निगम को भी तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा. जिसके चलते संभावना जताई जा रही थी कि परिवहन निगम को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा, लेकिन परिवहन निगम की वर्तमान स्थिति कुछ और ही बयां कर रही हैं. तमाम चुनौतियों के बावजूद परिवहन निगम का दावा है कि वो नवंबर महीने में 5 करोड़ रुपए के प्रॉफिट में है.

8 महीने में परिवहन निगम को 10.14 करोड़ का प्रॉफिट: साल 2003 में परिवहन निगम के गठन के बाद से ही कुछ सालों को छोड़कर साल 2022 तक लगातार घाटे में ही चल रहा था, लेकिन साल 2022 के बाद परिवहन निगम ने ना सिर्फ अपने सभी लॉस को पूरा किया बल्कि प्रॉफिट में भी गया है. परिवहन निगम से मिली जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 में परिवहन निगम 27 करोड़ रुपए के प्रॉफिट में आया. इसके बाद वित्तीय वर्ष 2023-24 में परिवहन निगम का प्रॉफिट बढ़कर 56 करोड़ तक पहुंचा. वहीं, वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में नवंबर महीने तक यानि 8 महीने में परिवहन निगम को 10.14 करोड़ रुपए का लाभ हो चुका है.

नवंबर में प्रॉफिट में परिवहन निगम (ETV BHARAT)

नवंबर में कमाया 5.30 करोड़ रुपए का प्रॉफिट: दिल्ली में बीएस-4 डीजल बसों पर प्रतिबंध लगने से पहले यानी 15 नवंबर 2024 से पहले उत्तराखंड से 514 बसें दिल्ली रूट पर संचालित हो रही थी. 15 नवंबर के बाद 310 बसें ही दिल्ली रूट पर संचालित हो पाई. जिसके चलते अनुमान लगाया जा रहा था कि कम बसों के संचालन से परिवहन निगम को काफी नुकसान होगा, लेकिन वास्तविक रूप से ऐसा होता दिखाई नहीं दिया. परिवहन निगम से मिली जानकारी के अनुसार, नवंबर 2024 में परिवहन निगम को करीब 5.30 करोड़ रुपए का प्रॉफिट हुआ है. आंकड़ों पर गौर करे तो नवंबर महीने में परिवहन निगम ने बसों के संचालन से 60.56 करोड़ रुपए कमाये. साथ ही सरकार से हिल लॉस के रूप में 3.75 करोड़ रुपए मिले, यानि निगम में कुल 64.31 करोड़ रुपए का कारोबार किया. जिसमें से परिवहन निगम के कुल खर्चे 59.01 करोड़ रुपए निकलकर करीब 5.30 करोड़ रुपए का प्रॉफिट कमाया है.

कैसे प्रॉफिट में आया परिवहन निगम: परिवहन निगम से मिली जानकारी के अनुसार, नवंबर महीने में परिवार निगम को जो 5 करोड़ 30 लख रुपए का प्रॉफिट हुआ है. उसमें से करीब डेढ़ करोड़ रुपए का फायदा दिल्ली की 41 वॉल्वो बस सेवाएं बंद होने की वजह से हुआ है. जब दिल्ली जाने वाली अनुबंध 41 वॉल्वो बसों का संचालन बंद हुआ तो फिर साधारण बसों से ही लोगों का दिल्ली जाना पड़ा. जिसके चलते वॉल्वो से जाने वाले यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा. इसके बाद जहां पहले रोडवेज की बसें 40 से 50 फीसदी सीटें भरकर ही जा रही थी, वहीं, दिल्ली रूट पर बसों की संख्या कम होने के चलते बसों में 80 से 90 फ़ीसदी सीटें भरकर रवाना हो रही थी. जिसके चलते परिवहन निगम को नुकसान की जगह प्रॉफिट हुआ है.

क्या कहते हैं अधिकारी: परिवहन निगम महाप्रबंधक पवन मेहरा ने बताया नवंबर महीने में दिल्ली जाने वाली बीएस-4 डीजल बसों का संचालन दिल्ली रूट पर बंद हो गया था. बावजूद इसके नवंबर महीने में परिवहन निगम को करीब 5 करोड़ रुपए से अधिक का प्रॉफिट हुआ है. ऐसे में परिवहन निगम ने प्लान तैयार किया और कुछ बसों को मोहननगर और कौशांबी तक चलना शुरू किया. यही नहीं, इस दौरान परिवहन निगम को जो 130 बसें प्राप्त हुई उससे भी दिल्ली रूट पर बसों के संचालन बेड़ा बढ़ा. इसके साथ ही अक्टूबर और नवंबर महीने में परिवहन निगम को करीब 26 सीएनजी बसें भी मिली. जिसका भी संचालन दिल्ली रूट पर किया गया. ऐसे में दिल्ली रूट पर पर्याप्त गाड़ियां चल रही हैं. यात्रियों को किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं हो रही है.

पढ़ें-उत्तराखंड की 194 बीएस-4 बसों को 20 दिन बाद मिला दिल्ली में प्रवेश, जानें क्यों लगा था प्रतिबंध

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