देहरादून: उत्तराखंड में प्रस्तावित 38वें नेशनल गेम्स को लेकर खेल मंत्री रेखा आर्य ने एक समीक्षा बैठक आयोजित की. मीटिंग में हल्द्वानी गौलापार में बन रही स्टेट स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के साथ-साथ नेशनल गेम्स की तैयारी के संबंध में विभागीय अधिकारियों से चर्चा की गई. साथ ही स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फंड यानी खेल विकास निधि को लेकर चर्चा हुई.
30 सितंबर से पहले जारी होगी विज्ञप्ति: खेल मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फंड यानी खेल विकास निधि के संदर्भ में 30 सितंबर से पहले खिलाड़ियों से संबंधित विज्ञप्ति जारी करने और हल्द्वानी गौलापार में बन रही खेल यूनिवर्सिटी को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा की गई. उन्होंने बताया कि कुमाऊं में बनने जा रहे 234 करोड़ के प्रस्तावित गर्ल्स स्पोर्ट्स कॉलेज को लेकर भी समीक्षा की गई. खेल विभाग की पूरी कोशिश रहेगी कि खेल यूनिवर्सिटी और गर्ल्स स्पोर्ट्स कॉलेज दोनों का भूमि पूजन और शिलान्यास नेशनल गेम्स के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाए.
1 अक्टूबर से होगा खेल महाकुंभ: खेल मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि आगामी नेशनल गेम्स से पहले प्रदेश में राज्य स्तरीय खेल होने हैं. राज्य स्तरीय खेलों की जिम्मेदारी उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन की है. आज से (20 सितंबर) उधमसिंह नगर रुद्रपुर में उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन द्वारा राज्य स्तरीय खेलों की शुरुआत की गई है. उन्होंने बताया कि खेल विभाग द्वारा 1 अक्टूबर से खेल महाकुंभ की शुरुआत की जाएगी.
आखिर कब होंगे नेशनल गेम्स: खेल मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि नेशनल गेम्स को लेकर उन्होंने भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन की मुखिया पीटी उषा से मुलाकात की है और उन्हें आश्वासन मिला है कि जल्द से जल्द उत्तराखंड में होने जा रहे नेशनल गेम्स को लेकर डेट डिक्लेरेशन का काम होगा और जल्द ही आगामी नेशनल गेम्स की तारीख मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष पीटी उषा और केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया को सभी तैयारियां की रिपोर्ट भेज दी गई है.
खेलों के ग्राउंड आधुनिक तकनीक से तैयार: उत्तराखंड में प्रस्तावित राष्ट्रीय खेलों के दृष्टिगत तमाम एथलेटिक्स ट्रैक, हॉकी, बैडमिंटन, बॉक्सिंग, वॉलीबॉल इत्यादि सभी खेलों के ग्राउंड और सभी आधुनिक तकनीक को राष्ट्रीय स्तर के मानकों के आधार पर तैयार किया जा चुका है. राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड में दो मुख्य स्थल देहरादून और हल्द्वानी को चयनित किया गया था.
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