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राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण ने तैयार की मेंटल हेल्थ पॉलिसी, कैंप में मौजूद रहेंगे विशेषज्ञ, यहां खुलेगा नशा मुक्ति केंद्र - Uttarakhand Mental Health Policy

Mental health policy in Uttarakhand उत्तराखंड में संचालित नशा मुक्ति केंद्रों की मनमानी पर लगाम लगाने को लेकर राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण ने मेंटल हेल्थ पॉलिसी तैयार की है. जिसके तहत प्रदेश में संचालित सभी नशा मुक्ति केंद्रों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. प्रदेश में अभी तक कुल 97 मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों और नशा मुक्ति केन्द्रों ने राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में अपना रजिस्ट्रेशन कराया है.

Mental health policy
स्वास्थ्य विभाग बैठक (Photo- Health Department)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 9, 2024, 7:52 AM IST

देहरादून: राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष आर राजेश कुमार ने प्राधिकरण के कार्यों और योजनाओं की समीक्षा को लेकर बैठक की. बैठक के दौरान प्राधिकरण के अध्यक्ष आर राजेश कुमार ने अधिकारियों और कर्मचारियों को इस बाबत निर्देश दिए, कि मेंटल हेल्थ पॉलिसी पर पूरी गंभीरता के साथ काम करें.

समीक्षा बैठक के दौरान आर राजेश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आईईसी के जरिए मेन्टल हेल्थ का बड़े स्तर पर प्रचार प्रसार किए जाए. साथ ही सभी जिलों में जागरूकता अभियान भी चलाया जाए. इसके अलावा प्रदेश के सुदूरवर्ती एवं दूरस्थ क्षेत्रों में लगाए जाने वाले हेल्थ कैंपों में मेंटल हेल्थ के विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाए. ताकि जरूरतमंद लोगों को मानसिक स्वास्थ्य परामर्श दिया जा सके. यही नहीं, मानसिक रोग में इस्तेमाल होने वाली सभी जरूरी दवाइयां स्वास्थ्य विभाग की ओर से उपलब्ध कराई जाएंगी.

उत्तराखंड मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में खाली पड़े गैर सरकारी पदों को भरने के लिए तय किए गए अनुभव में रियायत देने संबंधी प्रस्ताव शासन को भेजे जाएं. अध्यक्ष ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आउटरीच हेल्थ कैम्प में मेन्टल हेल्थ विषय पर जागरूकता और परामर्श को बढ़ावा दिया जाए. यही नहीं, मेन्टल हेल्थ विषय पर कार्य करने के लिये अध्यक्ष ने सभी जिलों को आदेश भी जारी किए. मानसिक रोग के रोगियों के लिये राज्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थान, सेलाकुई के साथ ही दून चिकित्सालय, कोरोनेशन चिकित्सालय और अन्य जिलों के प्रमुख चिकित्सालयो में औषधियों की उपलब्धता और वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिये.

बच्चों एवं किशोरों के लिये निम्हांस बेंगलुरु की ओर से कराये जा रहे एप्डिमोलॉजिकल सर्वे डाटा को समाज कल्याण विभाग के साथ साझा करने के निर्देश दिए. प्रदेश में अभी तक कुल 97 मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों और नशा मुक्ति केन्द्रों ने राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. इसके अलावा, हल्द्वानी जिले में खोले जाने वाले नशा मुक्ति केन्द्र की मौजूदा स्थिति को देखते हुए समाज कल्याण विभाग को प्रकिया में तेजी लाने को लेकर पत्र भी लिखा है.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में नशा मुक्ति केंद्रों की नहीं चलेगी मनमानी, अनिवार्य हुआ रजिस्ट्रेशन करवाना

देहरादून: राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष आर राजेश कुमार ने प्राधिकरण के कार्यों और योजनाओं की समीक्षा को लेकर बैठक की. बैठक के दौरान प्राधिकरण के अध्यक्ष आर राजेश कुमार ने अधिकारियों और कर्मचारियों को इस बाबत निर्देश दिए, कि मेंटल हेल्थ पॉलिसी पर पूरी गंभीरता के साथ काम करें.

समीक्षा बैठक के दौरान आर राजेश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आईईसी के जरिए मेन्टल हेल्थ का बड़े स्तर पर प्रचार प्रसार किए जाए. साथ ही सभी जिलों में जागरूकता अभियान भी चलाया जाए. इसके अलावा प्रदेश के सुदूरवर्ती एवं दूरस्थ क्षेत्रों में लगाए जाने वाले हेल्थ कैंपों में मेंटल हेल्थ के विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाए. ताकि जरूरतमंद लोगों को मानसिक स्वास्थ्य परामर्श दिया जा सके. यही नहीं, मानसिक रोग में इस्तेमाल होने वाली सभी जरूरी दवाइयां स्वास्थ्य विभाग की ओर से उपलब्ध कराई जाएंगी.

उत्तराखंड मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में खाली पड़े गैर सरकारी पदों को भरने के लिए तय किए गए अनुभव में रियायत देने संबंधी प्रस्ताव शासन को भेजे जाएं. अध्यक्ष ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आउटरीच हेल्थ कैम्प में मेन्टल हेल्थ विषय पर जागरूकता और परामर्श को बढ़ावा दिया जाए. यही नहीं, मेन्टल हेल्थ विषय पर कार्य करने के लिये अध्यक्ष ने सभी जिलों को आदेश भी जारी किए. मानसिक रोग के रोगियों के लिये राज्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थान, सेलाकुई के साथ ही दून चिकित्सालय, कोरोनेशन चिकित्सालय और अन्य जिलों के प्रमुख चिकित्सालयो में औषधियों की उपलब्धता और वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिये.

बच्चों एवं किशोरों के लिये निम्हांस बेंगलुरु की ओर से कराये जा रहे एप्डिमोलॉजिकल सर्वे डाटा को समाज कल्याण विभाग के साथ साझा करने के निर्देश दिए. प्रदेश में अभी तक कुल 97 मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों और नशा मुक्ति केन्द्रों ने राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. इसके अलावा, हल्द्वानी जिले में खोले जाने वाले नशा मुक्ति केन्द्र की मौजूदा स्थिति को देखते हुए समाज कल्याण विभाग को प्रकिया में तेजी लाने को लेकर पत्र भी लिखा है.
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