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उत्तरकाशी मस्जिद विवाद मामले में 5 दिसंबर को होगी सुनवाई, सरकार ने कहा- महापंचायत को नहीं दी है अनुमति - MOSQUE DISPUTE IN UTTARKASHI

उत्तरकाशी मस्जिद विवाद मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई, अगली सुनवाई के लिए 5 दिसंबर की अगली तारीख तय

nainital high court
नैनीताल हाईकोर्ट (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 27, 2024, 2:23 PM IST

Updated : Nov 27, 2024, 4:39 PM IST

नैनीताल: उत्तरकाशी के भटवाड़ी रोड स्थित मस्जिद विवाद को लेकर दायर याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ती विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने अगली सुनवाई आगामी 5 दिसंबर को तय की है. हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए उत्तरकाशी डीएम और एसपी से कानून व्यवस्था बनाए रखने को कहा है. साथ ही कोर्ट को भी अवगत कराने के आदेश दिए हैं.

आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि आगामी 1 दिसंबर को मस्जिद को लेकर महापंचायत होने जा रही है, जिस पर भी रोक लगाई जाए. इस पर राज्य सरकार की कोर्ट को बताया गया है कि एक दिसंबर को होने वाली महापंचायत के लिए प्रशासन ने कोई अनुमति नहीं दी है. वर्तमान में वहां पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उत्तरकाशी पुलिस दिन-रात गश्त कर रही है, अभी स्थिति पूरी तरह से सामान्य है.

दरअसल, उत्तरकाशी की अल्पसंख्यक सेवा समिति ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें समिति का कहना है कि बीते 24 सितंबर से कुछ संगठनों ने भटवाड़ी रोड स्थित सुन्नी समुदाय की मस्जिद को अवैध बताया गया. साथ ही उसे ध्वस्त करने की लगातार धमकी दी जा रही है. इस वजह से वहां पर दो समुदायों के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इसलिए उत्तरकाशी में मस्जिद की सुरक्षा करने के आदेश राज्य सरकार को दिए जाएं.

याचिका में आगे कहा गया है यह मस्जिद पूरी तरह से वैध है. साल 1969 में जमीन खरीद कर उस पर मस्जिद बनाई गई है. जबकि, साल 1986 में वक्फ कमिश्नर ने इसका निरीक्षण किया था, जिसमें मस्जिद वैध पाई गई. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डॉक्टर कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कोर्ट को ये भी बताया कि इस तरीके के भड़काऊ बयान देना सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है.

सभी राज्यों को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देकर कहा है कि अगर किसी जाति, धर्म या समुदाय के खिलाफ भड़काऊ बयान का सहारा लिया जाता है तो राज्य सरकार सीधे उस पर मुकदमा दर्ज करें. ऐसा नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन माना जाएगा, लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक इस मामले (उत्तरकाशी मस्जिद विवाद) में किसी के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया. साथ ही कहा गया है कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है. बता दें कि 1 दिसंबर को मामले में हिंदू संगठनों ने महापंचायत बुलाई है.

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नैनीताल: उत्तरकाशी के भटवाड़ी रोड स्थित मस्जिद विवाद को लेकर दायर याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ती विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने अगली सुनवाई आगामी 5 दिसंबर को तय की है. हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए उत्तरकाशी डीएम और एसपी से कानून व्यवस्था बनाए रखने को कहा है. साथ ही कोर्ट को भी अवगत कराने के आदेश दिए हैं.

आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि आगामी 1 दिसंबर को मस्जिद को लेकर महापंचायत होने जा रही है, जिस पर भी रोक लगाई जाए. इस पर राज्य सरकार की कोर्ट को बताया गया है कि एक दिसंबर को होने वाली महापंचायत के लिए प्रशासन ने कोई अनुमति नहीं दी है. वर्तमान में वहां पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उत्तरकाशी पुलिस दिन-रात गश्त कर रही है, अभी स्थिति पूरी तरह से सामान्य है.

दरअसल, उत्तरकाशी की अल्पसंख्यक सेवा समिति ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें समिति का कहना है कि बीते 24 सितंबर से कुछ संगठनों ने भटवाड़ी रोड स्थित सुन्नी समुदाय की मस्जिद को अवैध बताया गया. साथ ही उसे ध्वस्त करने की लगातार धमकी दी जा रही है. इस वजह से वहां पर दो समुदायों के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इसलिए उत्तरकाशी में मस्जिद की सुरक्षा करने के आदेश राज्य सरकार को दिए जाएं.

याचिका में आगे कहा गया है यह मस्जिद पूरी तरह से वैध है. साल 1969 में जमीन खरीद कर उस पर मस्जिद बनाई गई है. जबकि, साल 1986 में वक्फ कमिश्नर ने इसका निरीक्षण किया था, जिसमें मस्जिद वैध पाई गई. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डॉक्टर कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कोर्ट को ये भी बताया कि इस तरीके के भड़काऊ बयान देना सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है.

सभी राज्यों को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देकर कहा है कि अगर किसी जाति, धर्म या समुदाय के खिलाफ भड़काऊ बयान का सहारा लिया जाता है तो राज्य सरकार सीधे उस पर मुकदमा दर्ज करें. ऐसा नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन माना जाएगा, लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक इस मामले (उत्तरकाशी मस्जिद विवाद) में किसी के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया. साथ ही कहा गया है कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है. बता दें कि 1 दिसंबर को मामले में हिंदू संगठनों ने महापंचायत बुलाई है.

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Last Updated : Nov 27, 2024, 4:39 PM IST
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