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नौकरी दिलाने वाली वेबसाइट से निकाली CV, युवक से ठगे ₹23 लाख, चीन-पाकिस्तान कनेक्शन वाले 2 ठग अरेस्ट - CYBER ​​FRAUD CASE IN UTTARAKHAND

विदेशों में बैठे साइबर ठगों की मदद से एक एप के माध्यम से USDT क्रिप्टो करेंसी खातों में धनराशि का हुआ लेनदेन.

Cyber ​​​​fraud in Dehradun Uttarakhand
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 3, 2025, 2:39 PM IST

Updated : Jan 3, 2025, 3:46 PM IST

देहरादून: साइबर धोखाधड़ी के 2 आरोपियों को दून एसटीएफ ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है, जबकि पुलिस ने 4 आरोपियों को नोटिस दिए हैं. देहरादून निवासी एक पीड़ित के साथ एक नौकरी दिलाने के नाम से करीब 23 लाख रुपये की साइबर धोखाधड़ी की गई थी. साथ ही विदेशों में बैठे साइबर ठगों की मदद से बिनेंस ऐप के माध्यम से USDT क्रिप्टो करेंसी खातों में धनराशि का लेनदेन सामने आया है.

नौकरी का झांसा देकर ठगी: एसटीएफ की ओर से बताया गया है कि, मोहब्बेवाला (देहरादून) निवासी एक व्यक्ति ने जून 2024 को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में बताया था कि नौकरी खोजने के लिए एक वेबसाइट पर पीड़ित ने जॉब सर्च किया था. इसके बाद पीड़ित को व्हाट्सएप नंबर से फोन आय और बताया कि उन्हें जॉब वेबसाइट के जरिए उनका रिज्यूम मिला है. फिर रजिस्ट्रेशन चार्ज के नाम पर 14,800 रुपये मांगे गए.

साइबर धोखाधड़ी के आरोपी गिरफ्तार. (ETV Bharat)

पीड़ित द्वारा भुगतान करने के बाद lintojacob@hrsuntorybfe.com से इंटरव्यू के लिए SKYPE पर फोन आया. लगभग 1 घंटे तक टेक्निकल इंटरव्यू लिया गया. उसके बाद 22 नवंबर 2023 को फाइनल राउंड के लिए इंटरव्यू लेने के बाद सिलेक्शन हो जाने की बात कहकर दस्तावेज वेरिफिकेशन, जॉब सिक्योरिटी, फास्ट ट्रैक वीजा और IELTS exam आदि के नाम पर क्विक सॉल्यूशन (Quick Solution) अकाउंट में रुपये जमा कराये गये.

लाखों की ठगी को दिया अंजाम: इसके बाद पीड़ित को बताया गया कि उसके द्वारा IELTS exam के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया था, जिस कारण उसका वीजा कैंसिल किया जा रहा है और पीड़ित को पैसा 3 महीने में वापस करने की बात कही गयी. इसके बाद इसी प्रकार पीड़ित को अन्य व्हाट्सएप नंबर से दोबारा कॉल आयी और UK की एक कंपनी में AVP (Operation) पद की वेकैंसी की बात बताकर फिर से वही रजिस्ट्रेशन, इंटरव्यू वाले प्रोसेस को दोहराया गया और पीड़ित से दोबारा अलग-अलग खातों में भुगतान कराकर कुल 22 लाख 96 हजार रुपये की साइबर ठगी की गई.

मिलती जुलती ईमेल आईडी से ठगी: पैसे ऐंठने के लिए साइबर ठगों ने पीड़ित की ईमेल आईडी पर जानी-मानी कंपनियों के नाम से मिलती जुलती ईमेल आईडी- jacob@carriercocacola.com, lintojacob@hrsuntorybfe.com, support@jobphent.se, support@jobphent.com और contact@recuritmentjob.in से संपर्क किया.

24 अगस्त 2024 को साइबर थाना पुलिस टीम ने घटना के मास्टरमाइंड और मुख्य आरोपियों को चिन्हित करते हुए मुकदमों में 3 आरोपी अलमास आजम, अनस आजम और सचिन अग्रवाल को मेट्रो स्टेशन जनकपुरी वेस्ट दिल्ली से गिरफ्तार किया था और 4 आरोपियों को 41A CrPC का नोटिस तामील कराया जा चुका है. (चूंकि ये केस 1 जुलाई 2024 से पहले यानी 26 जून 2024 को दर्ज हुआ था, इसलिए 41ए सीआरपीसी का नोटिस तामील कराया गया है.)

कई शिकायतों पर एक्टिव हुई पुलिस: जिसके बाद अब पुलिस टीम ने मुकदमे में 2 अन्य आरोपी रवि ढींगरा (निवासी नोएडा गौतमबुद्ध नगर) और हरपाल सिंह (निवासी नागल राय वेस्ट दिल्ली) को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से 17 मोबाइल फोन, 3 लैपटॉप और दर्जनों सिम कार्ड बरामद हुए हैं. अपराध में शमिल पाए जाने पर 04 आरोपी शिखा वर्मा, सोनम ढींगरा, वर्षा पंवार और मीनू शर्मा को नोटिस तामील कराये गए हैं. आरोपियों के बैंक अकाउंटों पर पूरे भारतवर्ष के अलग-अलग राज्यों से भी NCRP पर शिकायतें दर्ज हैं.

मामले में क्या बोले एसएसपी: एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया है कि आरोपियों के दुबई, चीन और पाकिस्तान से कनेक्शन है, जिनके संबंध में इनके मोबाइल फोन में भी व्हाट्सएप, टेलीग्राम के माध्यम से चैटिंग पाई गई है. आपस में बैंक खातों की यूपीआई आईडी, खातों की डिटेल्स, क्यूआर कोड, स्केनर आदि का आदान-प्रदान भी किया गया है. साथ ही इसके USDT क्रिप्टो करेंसी में एक दूसरे से खातों में भारतीय रुपये का ट्रांजेक्शन संबंधी चैट्स पाई गई है.

साइबर ठगी का तरीका: बता दें कि, नौकरी के लिए ऑनलाइन जॉब प्लेटफॉर्म्स पर साइबर अपराधी सक्रिय होकर लोगों को टारगेट करते हैं. ये लोग फर्जी आईडी से प्राप्त मोबाइल नंबरों, व्हाट्सएप, टेलीग्राम और जानी मानी कंपनियों के नाम से मिलती जुलती फर्जी ईमेल आईडी बनाकर ऑनलाइन नौकरी के इच्छुक लोगों से संपर्क कर उन्हें विश्वास में लेकर विदेश में नौकरी के लिए दस्तावेज वेरिफिकेशन, रजिस्ट्रेशन, जॉब सिक्योरिटी, फास्ट ट्रैक वीजा आदि के नाम पर धोखाधड़ी करते हैं.

पढ़ें-

देहरादून: साइबर धोखाधड़ी के 2 आरोपियों को दून एसटीएफ ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है, जबकि पुलिस ने 4 आरोपियों को नोटिस दिए हैं. देहरादून निवासी एक पीड़ित के साथ एक नौकरी दिलाने के नाम से करीब 23 लाख रुपये की साइबर धोखाधड़ी की गई थी. साथ ही विदेशों में बैठे साइबर ठगों की मदद से बिनेंस ऐप के माध्यम से USDT क्रिप्टो करेंसी खातों में धनराशि का लेनदेन सामने आया है.

नौकरी का झांसा देकर ठगी: एसटीएफ की ओर से बताया गया है कि, मोहब्बेवाला (देहरादून) निवासी एक व्यक्ति ने जून 2024 को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में बताया था कि नौकरी खोजने के लिए एक वेबसाइट पर पीड़ित ने जॉब सर्च किया था. इसके बाद पीड़ित को व्हाट्सएप नंबर से फोन आय और बताया कि उन्हें जॉब वेबसाइट के जरिए उनका रिज्यूम मिला है. फिर रजिस्ट्रेशन चार्ज के नाम पर 14,800 रुपये मांगे गए.

साइबर धोखाधड़ी के आरोपी गिरफ्तार. (ETV Bharat)

पीड़ित द्वारा भुगतान करने के बाद lintojacob@hrsuntorybfe.com से इंटरव्यू के लिए SKYPE पर फोन आया. लगभग 1 घंटे तक टेक्निकल इंटरव्यू लिया गया. उसके बाद 22 नवंबर 2023 को फाइनल राउंड के लिए इंटरव्यू लेने के बाद सिलेक्शन हो जाने की बात कहकर दस्तावेज वेरिफिकेशन, जॉब सिक्योरिटी, फास्ट ट्रैक वीजा और IELTS exam आदि के नाम पर क्विक सॉल्यूशन (Quick Solution) अकाउंट में रुपये जमा कराये गये.

लाखों की ठगी को दिया अंजाम: इसके बाद पीड़ित को बताया गया कि उसके द्वारा IELTS exam के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया था, जिस कारण उसका वीजा कैंसिल किया जा रहा है और पीड़ित को पैसा 3 महीने में वापस करने की बात कही गयी. इसके बाद इसी प्रकार पीड़ित को अन्य व्हाट्सएप नंबर से दोबारा कॉल आयी और UK की एक कंपनी में AVP (Operation) पद की वेकैंसी की बात बताकर फिर से वही रजिस्ट्रेशन, इंटरव्यू वाले प्रोसेस को दोहराया गया और पीड़ित से दोबारा अलग-अलग खातों में भुगतान कराकर कुल 22 लाख 96 हजार रुपये की साइबर ठगी की गई.

मिलती जुलती ईमेल आईडी से ठगी: पैसे ऐंठने के लिए साइबर ठगों ने पीड़ित की ईमेल आईडी पर जानी-मानी कंपनियों के नाम से मिलती जुलती ईमेल आईडी- jacob@carriercocacola.com, lintojacob@hrsuntorybfe.com, support@jobphent.se, support@jobphent.com और contact@recuritmentjob.in से संपर्क किया.

24 अगस्त 2024 को साइबर थाना पुलिस टीम ने घटना के मास्टरमाइंड और मुख्य आरोपियों को चिन्हित करते हुए मुकदमों में 3 आरोपी अलमास आजम, अनस आजम और सचिन अग्रवाल को मेट्रो स्टेशन जनकपुरी वेस्ट दिल्ली से गिरफ्तार किया था और 4 आरोपियों को 41A CrPC का नोटिस तामील कराया जा चुका है. (चूंकि ये केस 1 जुलाई 2024 से पहले यानी 26 जून 2024 को दर्ज हुआ था, इसलिए 41ए सीआरपीसी का नोटिस तामील कराया गया है.)

कई शिकायतों पर एक्टिव हुई पुलिस: जिसके बाद अब पुलिस टीम ने मुकदमे में 2 अन्य आरोपी रवि ढींगरा (निवासी नोएडा गौतमबुद्ध नगर) और हरपाल सिंह (निवासी नागल राय वेस्ट दिल्ली) को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से 17 मोबाइल फोन, 3 लैपटॉप और दर्जनों सिम कार्ड बरामद हुए हैं. अपराध में शमिल पाए जाने पर 04 आरोपी शिखा वर्मा, सोनम ढींगरा, वर्षा पंवार और मीनू शर्मा को नोटिस तामील कराये गए हैं. आरोपियों के बैंक अकाउंटों पर पूरे भारतवर्ष के अलग-अलग राज्यों से भी NCRP पर शिकायतें दर्ज हैं.

मामले में क्या बोले एसएसपी: एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया है कि आरोपियों के दुबई, चीन और पाकिस्तान से कनेक्शन है, जिनके संबंध में इनके मोबाइल फोन में भी व्हाट्सएप, टेलीग्राम के माध्यम से चैटिंग पाई गई है. आपस में बैंक खातों की यूपीआई आईडी, खातों की डिटेल्स, क्यूआर कोड, स्केनर आदि का आदान-प्रदान भी किया गया है. साथ ही इसके USDT क्रिप्टो करेंसी में एक दूसरे से खातों में भारतीय रुपये का ट्रांजेक्शन संबंधी चैट्स पाई गई है.

साइबर ठगी का तरीका: बता दें कि, नौकरी के लिए ऑनलाइन जॉब प्लेटफॉर्म्स पर साइबर अपराधी सक्रिय होकर लोगों को टारगेट करते हैं. ये लोग फर्जी आईडी से प्राप्त मोबाइल नंबरों, व्हाट्सएप, टेलीग्राम और जानी मानी कंपनियों के नाम से मिलती जुलती फर्जी ईमेल आईडी बनाकर ऑनलाइन नौकरी के इच्छुक लोगों से संपर्क कर उन्हें विश्वास में लेकर विदेश में नौकरी के लिए दस्तावेज वेरिफिकेशन, रजिस्ट्रेशन, जॉब सिक्योरिटी, फास्ट ट्रैक वीजा आदि के नाम पर धोखाधड़ी करते हैं.

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Last Updated : Jan 3, 2025, 3:46 PM IST
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