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प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ मांगों को लेकर मुखर, 4 अक्तूबर से की कार्य बहिष्कार की तैयारी - Health workers protest

प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ मांगों को लेकर मुखर है. संघ ने मांगों पर गौर ना होने पर 4अक्टूबर को कार्य बहिष्कार का ऐलान किया. साथ ही सभी डॉक्टरों को आगे आने की अपील की है.

uttarakhand health services association
प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने कार्य बहिष्कार का किया ऐलान (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 28, 2024, 7:55 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के डॉक्टरों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. संघ ने अपनी विभिन्न मांगों को लेक ऑनलाइन बैठक आयोजित की. बैठक में सभी जनपदों की कार्यकारिणी तथा सदस्यों ने भाग लिया. बीते दिन प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के डॉक्टरों ने काला फीता बांधकर ओपीडी में मरीजों को इलाज किया. वहीं संघ ने 4अक्टूबर को कार्य बहिष्कार का ऐलान किया.

कार्य बहिष्कार का लिया निर्णय: बता दें कि प्रथम चरण में पीएमएचएस से जुड़े चिकित्सक विगत 18 सितंबर से काला फीता बांधकर ओपीडी में मरीजों का इलाज कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर चिकिसकों ने अब चार अक्टूबर से पूरी तरह से कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया है. संघ ने यह फैसला किया है कि सभी सदस्य चिकित्सक 4 तारीख को मौजूद रहेंगे, इसी तरह कोरोनेशन अस्पताल में सुबह से ओपीडी बंद होने के समय तक धरना दिया जाएगा, जिसमें देहरादून जिले के सभी डॉक्टर प्रतिभाग करेंगे.

सरकार मांगों पर नहीं कर रही गौर: इसी दिन पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय में बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. प्रांतीय स्वास्थ्य सेवा संघ के पदाधिकारी और कोरोनेशन अस्पताल के डेंटिस्ट डॉ पंकज कोहली का कहना है कि इतने आश्वासन देने के बावजूद सरकार मांगों को लेकर गंभीर नहीं है और सिर्फ सरकार की तरफ से आश्वासन दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकारी डॉक्टरों को डीपीसी व एसडीएपीसी का लाभ नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि 4 तारीख से सभी सरकारी अस्पतालों और कार्यालयों में डॉक्टर ओपीडी, आईपीडी, सर्जरी के कार्य से विरक्त रहेंगे. लेकिन अग्रिम नोटिस तक इमरजेंसी और पोस्टमार्टम सेवाएं निरंतर जारी रहेंगी. वहीं डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार के फैसले के बाद मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
पढ़ें-श्रीनगर बेस अस्पताल की डायलिसिस यूनिट दो हफ्ते से ठप, मरीज लगा रहे ऋषिकेश देहरादून की दौड़

देहरादून: उत्तराखंड प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के डॉक्टरों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. संघ ने अपनी विभिन्न मांगों को लेक ऑनलाइन बैठक आयोजित की. बैठक में सभी जनपदों की कार्यकारिणी तथा सदस्यों ने भाग लिया. बीते दिन प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के डॉक्टरों ने काला फीता बांधकर ओपीडी में मरीजों को इलाज किया. वहीं संघ ने 4अक्टूबर को कार्य बहिष्कार का ऐलान किया.

कार्य बहिष्कार का लिया निर्णय: बता दें कि प्रथम चरण में पीएमएचएस से जुड़े चिकित्सक विगत 18 सितंबर से काला फीता बांधकर ओपीडी में मरीजों का इलाज कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर चिकिसकों ने अब चार अक्टूबर से पूरी तरह से कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया है. संघ ने यह फैसला किया है कि सभी सदस्य चिकित्सक 4 तारीख को मौजूद रहेंगे, इसी तरह कोरोनेशन अस्पताल में सुबह से ओपीडी बंद होने के समय तक धरना दिया जाएगा, जिसमें देहरादून जिले के सभी डॉक्टर प्रतिभाग करेंगे.

सरकार मांगों पर नहीं कर रही गौर: इसी दिन पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय में बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. प्रांतीय स्वास्थ्य सेवा संघ के पदाधिकारी और कोरोनेशन अस्पताल के डेंटिस्ट डॉ पंकज कोहली का कहना है कि इतने आश्वासन देने के बावजूद सरकार मांगों को लेकर गंभीर नहीं है और सिर्फ सरकार की तरफ से आश्वासन दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकारी डॉक्टरों को डीपीसी व एसडीएपीसी का लाभ नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि 4 तारीख से सभी सरकारी अस्पतालों और कार्यालयों में डॉक्टर ओपीडी, आईपीडी, सर्जरी के कार्य से विरक्त रहेंगे. लेकिन अग्रिम नोटिस तक इमरजेंसी और पोस्टमार्टम सेवाएं निरंतर जारी रहेंगी. वहीं डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार के फैसले के बाद मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
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