देहरादून: उत्तराखंड सचिवालय में सैकड़ों कर्मचारियों पर लटक रही वसूली की तलवार अब हट गई है. शासन ने करीब 12 साल पुराने मामले में आदेश जारी करते हुए वेतन उच्चीकरण के विवाद को खत्म कर दिया है. मामले में उत्तराखंड सचिवालय संघ काफी लंबे समय से शासन से राहत की मांग कर रहा था. जिस पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की सहमति के बाद आदेश कर दिया गया है.
सचिवालय भत्ते में कटौती के आधार पर बढ़ाया गया था ग्रेड पे: दरअसल, उत्तराखंड सचिवालय में साल 2012 के दौरान सचिवालय प्रशासन ने समीक्षा अधिकारी, समीक्षा अधिकारी लेखा, अनुभाग अधिकारी, अनुभाग अधिकारी लेखा, अपर निजी सचिव और निजी सचिव पद पर ग्रेड पे बढ़ाने का आदेश किया था. सचिवालय कर्मचारियों का यह ग्रेड पे सचिवालय भत्ते में की गई कटौती के आधार पर बढ़ाया गया था.
पिछले 12 साल से उत्तराखंड सचिवालय में इसी आदेश के तहत कर्मियों को ग्रेड पे में बढ़ोतरी का लाभ मिल रहा था, लेकिन अचानक 6 महीने पहले ट्रेजरी के स्तर पर 2012 में हुई इस ग्रेड पे बढ़ोतरी पर आपत्ति दर्ज कर दी गई. आपत्ति में कहा गया कि 6 महीने से कम के समय में ग्रेड पे में उच्चीकरण नहीं हो सकता. जिसको लेकर सेवानिवृत्ति और मौजूदा समय में काम कर रहे करीब 800 सचिवालय कर्मियों से वसूली की संभावना बन गई थी.
साल 2012 में सचिवालय भत्ते से ₹200 की कटौती करते हुए समीक्षा अधिकारी और समीक्षा अधिकारी लेखा को 4600 ग्रेड पे से बढ़ाकर 4800 ग्रेड पे दिए जाने का आदेश हुआ था. इसी तरह अनुभाग अधिकारी, अनुभाग अधिकारी लेखा और निजी सचिव में भी सचिवालय भत्ते में ₹600 कटौती करते हुए ग्रेड पे को 4800 से बढ़ाकर 5400 रुपए किया गया था.
वहीं, शासन ने सचिवालय संघ की मांग को देखते हुए इन कर्मचारियों के 6 महीना पूरा होने में बचे करीब 1 महीने के समय को नोजल मानते हुए वेतन उच्चीकरण (इंक्रीमेंट) के विवाद को खत्म कर दिया है. उत्तराखंड सचिवालय संघ ने करीब 800 कर्मचारी से जुड़े इस आदेश के होने के बाद खुशी का इजहार किया है.
सचिवालय संघ की तरफ से लगातार इसके लिए प्रयास किया जा रहा था. आखिरकार सरकार ने संघ की बात को सही मानते हुए इस पर आदेश कर दिया है. जिससे प्रदेश के सेवानिवृत और काम कर रहे करीब 800 कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलने जा रही है. - राकेश जोशी, महासचिव, उत्तराखंड सचिवालय संघ
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