देहरादून: उत्तराखंड में पेंशनर्स को लाभ देने के लिए जल्द ही वित्त विभाग से हरी झंडी मिल सकती है. राज्य में पेंशनर्स की कम्युटेड पेंशन में कटौती की अवधि को कम करने से लेकर अतिरिक्त बेसिक पेंशन बढ़ोत्तरी पर विचार चल रहा है. माना जा रहा है कि वित्त विभाग ने इस पर सकारात्मक रुख दिखाया तो हजारों पेंशनर्स को इसका फायदा मिल सकता है.
सरकारी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें पेंशन में लाभ देने को लेकर विचार चल रहा है. उत्तराखंड में वित्त विभाग पेंशनर्स को लाभ देने के लिए फिलहाल मंथन कर रहा है और माना जा रहा है कि जल्द ही इस पर हरी झंडी भी दी जा सकती है.
दरअसल, भारत सरकार ने पेंशनर्स को अतिरिक्त पेंशन देने का लाभ दिया है. इसमें 80 साल की उम्र पूरी करने वाले पेंशनर्स को 20 प्रतिशत की अतिरिक्त पेंशन, इसी तरह 85 साल से ज्यादा उम्र वालों को 30 प्रतिशत, जबकि 90 से ज्यादा उम्र वाले पेंशनर्स को 40 प्रतिशत और 95 साल से ज्यादा उम्र वाले पेंशनर्स को 50 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन देने का लाभ दिया है. 100 साल या इससे ज्यादा उम्र वाले पेंशनर्स को 100 प्रतिशत अधिक पेंशन केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही है.
इसी को देखते हुए उत्तराखंड सरकार भी राज्य में पेंशनर्स को अतिरिक्त पेंशन देने पर विचार कर रही है. खास बात यह है कि देश के कई राज्य भी इसी तरह अपने राज्य के पेंशनर्स को एक उम्र सीमा के बाद अतिरिक्त पेंशन देने का फैसला कर चुकी हैं.
इधर उत्तराखंड में इस पर एक समिति की रिपोर्ट के आधार पर विचार करना शुरू कर दिया है. माना जा रहा है कि जल्द ही वित्त विभाग इस पर कोई निर्णय ले सकता है. शासन में अपर मुख्य सचिव वित्त आनंदवर्धन की अध्यक्षता में इस मामले को लेकर बैठक होने जा रही है, जिसमें 65 साल से 70 साल तक की उम्र वाले पेंशनर्स को 5 प्रतिशत, इसी तरह 70 से 75 साल की उम्र वाले पेंशनर्स को 10 प्रतिशत और 75 से 80 साल तक की उम्र वाले पेंशनर्स को 15 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन दिए जाने पर विचार किया जाएगा.
वित्त विभाग सेवानिवृत्ति पेंशनर्स की कम्युटेड पेंशन में कटौती की अवधि को भी काम करने पर विचार कर रहा है. अब तक कम्युटेड पेंशन की कटौती 15 साल तक की जाती रही है, लेकिन अब इसमें पेंशनर्स को राहत देते हुए इसकी समय सीमा 10 साल किए जाने पर विचार हो रहा है. उत्तराखंड में पेंशनर्स की संख्या करीब 1 लाख 25 हजार है. ऐसे में पेंशनर्स को अतिरिक्त पेंशन का लाभ देने पर करोड़ का बोझ राज्य पर पड़ेगा. हालांकि तमाम राज्य और केंद्र सरकार भी इस पर निर्णय ले चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि उत्तराखंड भी इसे आने वाले दिनों में हरी झंडी देने जा रहा है.
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