हल्द्वानी: उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन यानी आंचल डेयरी दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में लगातार मुकाम हासिल कर रहा है. इसी कड़ी में अब आंचल डेयरी पशुओं के गोबर और कचरे और धान गेहूं के पराली से गोबर गैस और पेंट का उत्पादन करने जा रहा है. उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन इसके लिए पहले चरण में उधम सिंह नगर के खटीमा और श्रीनगर में प्लांट लगाने जा रहा है.
प्रबंध निदेशक उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन जयदीप अरोड़ा ने बताया कि डेयरी फेडरेशन किसानों और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए पीपीपी मोड के तहत गोबर से बायोगैस, पेंट और जैविक खाद तैयार करेगा. जिसके लिए डेयरी फेडरेशन ने सितारगंज और श्रीनगर में में प्लांट लगाने जा रहा है. योजना के तहत 70 फीसदी सरकार तो 30 फीसदी निजी कंपनी निवेश करेगी. योजना के तहत गोबर कचरे और धान, गेहूं की पराली से बायोगैस के साथ पेंट तैयार किया जाएगा. जबकि वेस्ट मटेरियल से खाद तैयार किया जाएगा.
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योजना के तहत दोनों प्लांट को लगाने के लिए 8 करोड़ रुपए का बजट खर्च किया जा रहा है. एक प्लांट को तैयार करने में करीब ₹4 करोड़ का खर्च आएगा. उधम सिंह नगर में तैयार होने वाले प्लांट की डेढ़ सौ टन श्रीनगर में तैयार होने वाले प्लांट की क्षमता 20 टन होगी. प्रबंध निदेशक जयदीप अरोड़ा ने बताया कि सरकार की मंशा है कि पशुपालकों के आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जाए.डेयरी विकास विभाग गोबर खरीद की इस नई स्कीम के जरिए किसानों को लाभ मिलेगा. साथ ही विभाग को राजस्व के साथ ऊर्जा निर्माण के क्षेत्र में भी अपना अहम योगदान देने जा रहा है.
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उन्होंने बताया कि योजना के तहत पशुपालकों के घर से ही उनके गोबर का कलेक्शन होगा. जहां पशुपालकों को अपने गोबर के उचित दाम भी मिलेंगे. योजना के तहत उत्तराखंड डेयरी समितियों से जुड़े दुग्ध उत्पादकों से दूध की खरीद की जाती है. ऐसे में अब उनके पशुओं के गोबर की भी खरीद की जाएगी.उन्होंने बताया कि उन्होंने बताया कि पहले चरण की सफलता के बाद प्रदेश में अन्य जगहों पर प्लांट को लगाने की कार्य योजना तैयार की जाएगी.