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महिलाओं को राहत दे रही मिशन शक्ति, फ्री में मिल रहा ई-रिक्शा चलाने का प्रशिक्षण, 50 हजार की सब्सिडी के साथ DL की भी सुविधा - CM Yogi Mission Shakti - CM YOGI MISSION SHAKTI

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मिशन शक्ति के तहत स्वरोजगार से जुड़ने की चाह रखने वाली महिलाओं के लिए मिशन शक्ति योजना चलाई जा रही है. इससे जुड़ने वाली महिलाओं को कई तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जा रहीं हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 18, 2024, 8:25 AM IST

लखनऊ : मिशन शक्ति के तहत प्रदेश सरकार की 18 हजार बहनों को निशुल्क ई-रिक्शा चलाने का प्रशिक्षण दिया गया है. ड्राइविंग लाइसेंस और सस्ती ब्याज दरों पर ई-रिक्शा दिलाने की सुविधा भी मुहैया कराई जा रही है. सरकार की तरफ से ई-रिक्शा पर 50 हजार रुपए तक की सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है. हर जिले से 250 और प्रदेश भर से 18 हजार बहनें सरकार की इस योजना से जुड़कर स्वरोजगार की ओर बढ़ रही हैं. रक्षाबंधन के मौके पर प्रदेश सरकार ने इन सभी प्रशिक्षण केंद्रों में राखी के इस त्यौहार को सेलिब्रेट करने का निर्णय लिया है.

योगी सरकार प्रदेश की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें स्वरोजगार उन्मुख ई रिक्शा प्रशिक्षण कार्यक्रम से जोड़ रही है. यूपीकॉन के एमडी प्रवीण सिंह ने बताया कि मिशन शक्ति योजना के तहत ई-रिक्शा प्रशिक्षण कार्यक्रम एमएसएमई विभाग द्वारा संचालित किया गया है. इसके तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम को यूपीकॉन द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत प्रत्येक जनपद से 250 महिलाओं का चयन किया गया और उनको ई-रिक्शा चलाने का प्रशिक्षण दिया गया.

प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को प्रैक्टिकल के साथ क्लास रूम ट्रेनिंग भी दी गई. इसमें उन्हें ई-रिक्शा और ड्राइविंग रूल्स के विषय में बताया गया. यही नहीं योजना के अंतर्गत महिलाओं को ई-रिक्शा की पिंक ड्रेस भी प्रदान की जा रही है और सेफ्टी किट भी उपलब्ध कराई गई है. महिलाओं को आरटीओ के सहयोग से ड्राइविंग लाइसेंस भी दिलाने में मदद की गई है. इसके अतिरिक्त उनको मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत बैंक से सस्ती दरों पर ई-रिक्शा के लिए लोन दिलाने और 50 हजार रुपए तक की सब्सिडी भी प्रदान कराया जा रहा है.

इन शर्तों पर हुआ चयन : मिशन शक्ति के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम दो पार्ट में आयोजित किया गया. पहले चरण में 56200 महिलाओं (प्रति जनपद 750) को 6 दिन का प्रशिक्षण दिया गया था. इसमें तीन दिन महिलाओं के वर्क प्लेस से संबंधी सेफ्टी, सिक्योरिटी, सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी गई थी. इसके बाद तीन दिन उनको उद्यमिता विकास की ट्रेनिंग कराई गई थी. फेज 2 में 250 महिलाएं प्रति जनपद के हिसाब से 18000 महिलाओं को ई-रिक्शा चलाने की ट्रेनिंग दी गई है. ड्राइविंग डोमेन में स्वरोजगार उन्मुख प्रशिक्षण की अवधि 6 माह की है. प्रशिक्षण के लिए महिलाओं का चयन मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना की गाइड लाइंस के तहत किया गया. इसमें 10वीं पास 18 से 40 वर्ष की महिलाओं का चयन किया गया.

उच्चतम क्वालिटी के रिक्शा होंगे उपलब्ध : प्रवीण सिंह ने बताया कि योजना के तहत ई-रिक्शा की स्टैंडर्ड कॉस्ट 1.98 लाख रुपए निर्धारित की गई है. हमने जेम पोर्टल के माध्यम से ई-रिक्शा कंपनीज का चयन किया है. ये कंपनियां लिथियम आयन बैटरी वाले ई-रिक्शा बनाती हैं जो सबसे उच्चतम क्वालिटी के होते हैं. 1.98 हजार में योजना के अंतर्गत योग्य पाई जाने वाली महिलाओं को 49 हजार 500 रुपए तक की सब्सिडी मिलेगी. बाकी की राशि के लिए बैंकों से सस्ती दरों पर लोन दिलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम नवंबर 2023 से शुरू हुआ है. अभी बैचवार यह कार्यक्रम चल रहा है.

महिला सशक्तिकरण की नजीर बनेंगी महिला ड्राइवर : इस परियोजना का उद्देश्य चयनित महिला उम्मीदवारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उपयुक्त कौशल में प्रशिक्षित कर सशक्त बनाना है. इससे न सिर्फ वो अपने परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी का निर्वहन कर सकेंगी, बल्कि सड़क पर महिला सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण की रोल मॉडल के रूप में महिलाओं को प्रेरित करेंगी. यही नहीं, इससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साधनों में पुरुष एकाधिकार भी समाप्त होगा और परिवहन के लिए महिलाओं को अपनी सुविधानुसार वाहन चालक चुनने का विकल्प भी मिलेगा.

यह भी पढ़ें : इंजीनियरिंग छात्रों ने तैयार किया घातक AI रोबोट सोल्जर, 2 KM तक सभी दिशाओं में दुश्मनों पर करेगा गोलियों की बौछार

लखनऊ : मिशन शक्ति के तहत प्रदेश सरकार की 18 हजार बहनों को निशुल्क ई-रिक्शा चलाने का प्रशिक्षण दिया गया है. ड्राइविंग लाइसेंस और सस्ती ब्याज दरों पर ई-रिक्शा दिलाने की सुविधा भी मुहैया कराई जा रही है. सरकार की तरफ से ई-रिक्शा पर 50 हजार रुपए तक की सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है. हर जिले से 250 और प्रदेश भर से 18 हजार बहनें सरकार की इस योजना से जुड़कर स्वरोजगार की ओर बढ़ रही हैं. रक्षाबंधन के मौके पर प्रदेश सरकार ने इन सभी प्रशिक्षण केंद्रों में राखी के इस त्यौहार को सेलिब्रेट करने का निर्णय लिया है.

योगी सरकार प्रदेश की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें स्वरोजगार उन्मुख ई रिक्शा प्रशिक्षण कार्यक्रम से जोड़ रही है. यूपीकॉन के एमडी प्रवीण सिंह ने बताया कि मिशन शक्ति योजना के तहत ई-रिक्शा प्रशिक्षण कार्यक्रम एमएसएमई विभाग द्वारा संचालित किया गया है. इसके तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम को यूपीकॉन द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत प्रत्येक जनपद से 250 महिलाओं का चयन किया गया और उनको ई-रिक्शा चलाने का प्रशिक्षण दिया गया.

प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को प्रैक्टिकल के साथ क्लास रूम ट्रेनिंग भी दी गई. इसमें उन्हें ई-रिक्शा और ड्राइविंग रूल्स के विषय में बताया गया. यही नहीं योजना के अंतर्गत महिलाओं को ई-रिक्शा की पिंक ड्रेस भी प्रदान की जा रही है और सेफ्टी किट भी उपलब्ध कराई गई है. महिलाओं को आरटीओ के सहयोग से ड्राइविंग लाइसेंस भी दिलाने में मदद की गई है. इसके अतिरिक्त उनको मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत बैंक से सस्ती दरों पर ई-रिक्शा के लिए लोन दिलाने और 50 हजार रुपए तक की सब्सिडी भी प्रदान कराया जा रहा है.

इन शर्तों पर हुआ चयन : मिशन शक्ति के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम दो पार्ट में आयोजित किया गया. पहले चरण में 56200 महिलाओं (प्रति जनपद 750) को 6 दिन का प्रशिक्षण दिया गया था. इसमें तीन दिन महिलाओं के वर्क प्लेस से संबंधी सेफ्टी, सिक्योरिटी, सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी गई थी. इसके बाद तीन दिन उनको उद्यमिता विकास की ट्रेनिंग कराई गई थी. फेज 2 में 250 महिलाएं प्रति जनपद के हिसाब से 18000 महिलाओं को ई-रिक्शा चलाने की ट्रेनिंग दी गई है. ड्राइविंग डोमेन में स्वरोजगार उन्मुख प्रशिक्षण की अवधि 6 माह की है. प्रशिक्षण के लिए महिलाओं का चयन मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना की गाइड लाइंस के तहत किया गया. इसमें 10वीं पास 18 से 40 वर्ष की महिलाओं का चयन किया गया.

उच्चतम क्वालिटी के रिक्शा होंगे उपलब्ध : प्रवीण सिंह ने बताया कि योजना के तहत ई-रिक्शा की स्टैंडर्ड कॉस्ट 1.98 लाख रुपए निर्धारित की गई है. हमने जेम पोर्टल के माध्यम से ई-रिक्शा कंपनीज का चयन किया है. ये कंपनियां लिथियम आयन बैटरी वाले ई-रिक्शा बनाती हैं जो सबसे उच्चतम क्वालिटी के होते हैं. 1.98 हजार में योजना के अंतर्गत योग्य पाई जाने वाली महिलाओं को 49 हजार 500 रुपए तक की सब्सिडी मिलेगी. बाकी की राशि के लिए बैंकों से सस्ती दरों पर लोन दिलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम नवंबर 2023 से शुरू हुआ है. अभी बैचवार यह कार्यक्रम चल रहा है.

महिला सशक्तिकरण की नजीर बनेंगी महिला ड्राइवर : इस परियोजना का उद्देश्य चयनित महिला उम्मीदवारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उपयुक्त कौशल में प्रशिक्षित कर सशक्त बनाना है. इससे न सिर्फ वो अपने परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी का निर्वहन कर सकेंगी, बल्कि सड़क पर महिला सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण की रोल मॉडल के रूप में महिलाओं को प्रेरित करेंगी. यही नहीं, इससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साधनों में पुरुष एकाधिकार भी समाप्त होगा और परिवहन के लिए महिलाओं को अपनी सुविधानुसार वाहन चालक चुनने का विकल्प भी मिलेगा.

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