प्रयागराज : गंगा-यमुना अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर लगने वाले महाकुंभ मेला 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं. मंगलवार को मेला प्राधिकरण में बोर्ड की 19वीं बैठक भी हो चुकी है. अब तैयारियों ने और भी तेजी पकड़ ली है. सभा कार्यों को खत्म करने के लिए 31 अक्टूबर तक की डेडलाइन तय की गई है. मेले के दौरान साधु-संतों और संस्थाओं को दी जाने वाली सुविधाओं के लिए ऐप तैयार किया गया है. इसके जरिए कुंभ मेला से जुड़े आवेदन से लेकर शिकायत, सुझाव और तमाम कार्य ऑनलाइन किए जा सकेंगे.
अगले साल 13 जनवरी से महाकुंभ की शुरुआत होगी. कुम्भ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि इस बार महाकुंभ का क्षेत्रफल बढ़ाकर 4000 हेक्टेयर किया गया है. इसके साथ ही मेले से जुड़े स्थायी और अस्थायी 327 कार्य हो रहे हैं. इन्हें तय समय पर पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. मेलाधिकारी ने बताया कि मेला पुलिस व जिला पुलिस और मेला प्रशासन व जिला प्रशासन के समन्वय के लिए एक संयुक्त कमेटी का भी गठन का किया गया है. ये कमेटी मेला क्षेत्र के जीआई बेस्ड रिपोर्ट के आधार पर विस्तृत सर्वेक्षण करेगी. कमेटी की ओर से शासन को कार्यों से जुड़े प्रस्ताव भेजे जाएंगे.
प्रयागराज के कमिश्नर विजय विश्वास पंत भी आए दिन मेले की तैयारियों के बारे में अपडेट लेते रहते हैं. महाकुंभ 2025 में साधु संतों, संस्थाओं तीर्थ पुरोहितों को सॉफ्टवेर के माध्यम से भूमि और सुविधाओं से जुड़े आवेदन एवं आवंटन की व्यवस्था किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है. अब सभी संस्थाएं भूमि एवं सुविधाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन करेंगे. सॉफ्टवेयर में पर महाकुंभ 2013 और कुंभ 2019 के दौरान आवंटन से जुड़ी सुविधा पर्चियों का पिछला डेटा भी मौजूद मिलेगा.