आगरा: सीएम योगी ने बहुचर्चित आगरा के जगदीशपुरा कांड में पुलिस की किरकिरी होने पर जे रविन्दर गौड को नया कमिश्नर बना दिया था. कमिश्नर जे रविन्दर गौड ने कमिश्नरेट में कम्युनिटी पुलिसिंग को लेकर कवायद की. अधिनस्थों के साथ बैठक की. मगर, लगातार आगरा पुलिस में सिपाही, दारोगा और इंस्पेक्टर के कारनामे पुलिस की किरकिरी करा रहे हैं. रकाबगंज थाने की निलंबित इंस्पेक्टर की इश्कबाजी से पुलिस की खूब फजीहत हो रही है. ऐसे ही एक साल की बात करें तो जिले में छेड़छाड़, दुष्कर्म, वसूली और कर्तव्य में लापरवाही तक के आरोप में पुलिसकर्मी फंस रहे हैं.
दरअसल, यूपी में आगरा पुलिस कमिश्नरेट के रकाबगंज थाना की प्रभारी इंस्पेक्टर और उनके प्रेमी इंस्पेक्टर पवन नागर की सरकारी आवास से खींच कर पिटाई से पुलिस की खूब किरकिरी हो रही है. सरेआम इंस्पेक्टर की पत्नी और परिजनों ने इंस्पेक्टर पवन नागर और महिला इंस्पेक्टर की पिटाई की. जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड कर रहे हैं.
जिसमें पुलिस कमिश्नर जे रविन्दर गौड ने महिला इंस्पेक्टर, दो मुख्य आरक्षी को निलंबित कर दिया. जबकि, छह पुलिसकर्मी को लाइन हाजिर किया है. आगरा में पुलिस का ये चेहरा पहली बार सामने नहीं आया है. पहले भी सिपाही से लेकर दारोगा और इंस्पेक्टर भी महकमे की खूब किरकिरी करा चुके हैं. हर बार लाइन हाजिर और निलंबन की कार्रवाई हुई. मगर, सुधार नहीं हुआ.
दूसरे जिले जाएंगे दोषी पुलिसकर्मी: बहुचर्चित रकाबगंज की महिला थाना प्रभारी और इंस्पेक्टर पवन नागर की मारपीट का तमाशा देखने वाले आठ पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई है. डीसीपी सिटी सूरज राय ने रकाबगंज थाना के मुख्य आरक्षी विशाल व हरिकेश को निलंबित किया है. इसके साथ ही दारोगा सुनील लाबा, दारोगा देवेंद्र, महिला थाने की मुख्य आरक्षी रेखा, सिपाही अंकित, पीआरवी पर तैनात सिपाही गिरीश और चालक राजेंद्र को लाइन हाजिर किया है. अब इन सभी आठ पुलिसकर्मियों का दूसरे जिले में स्थानांतरण किया जाएगा. इसको लेकर पुलिस अधिकारी मंथन कर रहे हैं. इसके साथ ही विभागीय जांच भी कराई जाएगी.
आगरा के बहुचर्चित मामले
- 17 सितंबर-2023: बरहन थाना में तैनात दरोगा संदीप कुमार एक घर में घुसा था. जिस पर युवती से दुष्कर्म का आरोप लगा था. युवती के शोर मचाने पर उसे पकड़ा गया और लोगों ने जमकर पिटाई करके पुलिस को सौंपा था. आरोपी दरोगा संदीप कुमार जेल भी गया.
- फरवरी-2024: बिल्डर और पुलिस ने जगदीशपुरा थाना क्षेत्र के बैनारा फैक्ट्री के पास 10 हजार वर्ग गज जमीन कब्जाने के लिए साजिश रची थी. इस बहुचर्चित मामले में जगदीशपुरा के तत्कालीन एसओ जितेंद्र कुमार, बिल्डर कमल चौधरी उनके बेटे धीरू चौधरी सहित 18 को नामजद किया गया था. बाद में पीड़ित ही आरोपी निकले.
- 23 जून-2024: एत्मादउद्दौला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर दुर्गेश कुमार मिश्रा पर प्रशिक्षु दारोगा ने कमरे में सोने बुलाने, छेड़छाड़ समेत अन्य गंभीर आरोप लगाए. जिसमें इंस्पेक्टर और एसएसआई अमित प्रसाद को निलंबित किया गया था.
- 21 जुलाई-2024: जिले में एसआई मोहित शर्मा को निबोहरा थाना का थानाध्यक्ष बनाया. एसआई मोहित ने थाना का चार्ज लिया. मगर, हिस्ट्रीशीटर ने थानाध्यक्ष मोहित शर्मा का थाना में स्वागत किया मामला पहनाई. जिससे पुलिस की किरकिरी हुई और एसआई मोहित की थानेदारी चली गई.
- 26 जुलाई-2024: ताजगंज थाना की तोरा पुलिस चौकी इंचार्ज एसआई आकाश सिंह यादव ने भाजपा कार्यकर्ता कृष्णा राजपूत के साथ मारपीट की. दारोगा पर चौकी में भाजपा कार्यकर्ता को थूक चटवाने का आरोप है. दारोगा आकाश सिंह यादव को लाइन हाजिर किया गया है.
- अवैध वसूली में 56 पुलिसकर्मी निलंबित: आगरा पुलिस कमिश्नरेट में अवैध वसूली और कार्य में लापरवाही बरतने पर 56 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था. जिसमें कई पुलिसकर्मियों ने पासपोर्ट सत्यापन के दौरान रिश्वत मांगी थी. पुलिस कमिश्नर ने शिकायत पर मिलने पर जांच कराई. इसके बाद कार्रवाई की. 24 घंटे में 56 से अधिक पुलिसकर्मी निलंबित होने से प्रदेश में खूब चर्चा हुई.
कार्यशाला से सुधार की कवायद: आगरा पुलिस कमिश्नरेट में पुलिसकर्मी अपने कारनाने से किरकिरी करा रहे हैं. ताजगंज थाना की तोरा चौकी प्रभारी के भाजपा कार्यकर्ता को चौकी में थूक चटवाने और पिटाई की घटना सामने आई तो पुलिस कमिश्नर जे रविंदर गौड ने पुलिस के व्यवहार सुधारने की नई पहल की. जिसके तहत पर्यटन थाना में एक कार्यशाला आयोजित की गई. जिले में पुलिसकर्मियों के व्यवहार का सर्वे किया जा रहा है.
एसीपी ताज सुरक्षा सैय्यद अरीब अहमद ने बताया कि बीते दिनों व्यवहार वैज्ञानिकों ने आगरा पुलिस के 50 दारोगा का सर्वे किया था. जिसके बाद ही कार्याशाला आयोजित की गई. जिसका उद्देश्य पुलिसकर्मियों को आए दिन विवाद में फंसने से बचाना था. वर्दी पहनकर जनता की सेवा करना और उनकी शिकायतें सुनकर समाधान करना ही उनकी ड्यूटी है. यदि कोई ऊंची आवाज में बात करता है तो उसके इस व्यवहार को जानने की कोशिश करें. जिससे पुलिस की जनता के बीच छवि बेहतर होगी.
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