गोरखपुर : एआई आधारित रोबोट सोल्जर जंग के मैदान में दुश्मनों के दांत खट्टे कर देगा. इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा के छात्रों ने देश के जवानों की सुरक्षा के लिए यह अनोखा रोबोट तैयार किया है. बीसीए और बीटेक द्वितीय वर्ष के 8 छात्रों ने इसका आविष्कर किया है. यह रोबोट 2 किलोमीटर दूर से ही गोलियां दाग सकता है. इस एआई ह्यूमन रोबोट का वजन लगभग 55 किलोग्राम है. इसे मेटल, स्टील, फाइबर से डिजाइन किया गया है. खास बात यह है कि इस रोबोट को ऑटो और मैनुअल दोनों ही तरह से चलाया जा सकता है.
बीसीए और बीटेक द्वितीय वर्ष के आदित्य मद्धेशिया, मेराज हुसैन, नीरज गुप्ता, प्रियांशु गुप्ता, विकाश मौर्या, सुमित गुप्ता, आरुषि श्रीवास्तव और स्नेहा पांडेय ने मिलकर संस्थान के इन्नोवेशन सेल में इस खास रोबोट को तैयार किया है. उन्होंने बताया कि इस रोबोट की लंबाई लगभग 6.6 इंच है. इसके बाएं कंधे पर छात्रों ने 18 एमएम का इलेक्ट्रॉनिक मशीन गन लगाया है. इसे सेना के जवान 2 किमी दूर से रिमोट से संचालित कर सकते हैं. सैनिक कैमरों की नजर में आए रोबोट की मदद से दुश्मनों पर गोलीबारी कर सकेंगे. रोबोट 2 किमी दूर खड़े दुश्मन को भी मार गिराएगा.
कुल 12 इलेक्ट्रॉनिक मशीनगन के बैरल का इस्तेमाल : प्रियांशु गुप्ता, आदित्य कुमार और आरुषि ने बताया कि ऑटो मोड पर रोबोट अपने सामने दुश्मन को देखते ही गोलियों की बौछार कर देता है. छात्रों ने बताया एआई रोबोट में कुल 12 इलेक्ट्रॉनिक मशीन गन के बैरल को लगाया गया है. यह एक साथ अलग दिशा में दुश्मनों पर गोलाबारी कर सकता है. एक एआई रोबोट बॉर्डर पर लगभग 2 किलोमीटर का एरिया कवर कर सकता है. यह रोबोट एक जगह पर खड़े होकर 360 डिग्री घूमकर कर चारों तरफ नजर रख सकता है. इसके अलावा फायरिंग भी कर सकता है.
अपने देश के सैनिकों को पहचान लेगा रोबोट : इस रोबोट के सामने जैसे कोई अपना सैनिक आता है तो यह अपने ट्रिगर को लॉक कर देता है. अपने देश के जवानों के सामने आने पर यह उन पर फायरिंग नहीं करता है. छात्र इस मॉडल को कॉलेज प्रबंधन के माध्यम से रक्षा मंत्रालय को भेजने में जुटे हैं. छात्रों ने बताया कि अक्सर बॉर्डर पर दुश्मनों सें आमने- सामने की लड़ाई में कई बार हमारे सेना के जवान शहीद हो जाते हैं. अब यह एआई रोबोट बॉर्डर पर दुश्मनों को मुहतोड़ जवाब देने के साथ देश के जवानों की सुरक्षा भी करेगा.
इन उपकरणों का हुआ इस्तेमाल : इस रोबोट को बॉर्डर पर बने बंकरों में तैनात किया जा सकता है. इसकी मदद सें हमारे सेना के जवान दुश्मनों के नजर में नहीं आएंगे. दूर कहीं सुरक्षित स्थान सें दुश्मनों को एआई रोबोट के माध्यम सें आसानी सें निशाना बना सकेंगे. रोबोट में लगे सेंसर बॉर्डर पर दुश्मन के आने की जानकारी कंट्रोल रूम तक पहुंचाएगा. इससे रोबोट और सेना के अधिकारी सचेत हो जाएंगे. दुश्मन को सबक सिखा सकेंगे. रोबोट को बनाने में, गियर मोटर आर्म्स, हाई पावर गियर मोटर, मेटल पाइप, कैमरा, सर्वो मोटर्स, RF रिमोट कंट्रोल, 12 वोल्ट बैट्री, मोटरसाइकिल पार्ट्स इत्यादि उपकरणों का प्रयोग किया गया हैं.
बनाने में लगा 6 महीन का समय : इसे बनाने में लगभग एक लाख 80 हजार रुपये का खर्च आया है. छह माह का समय इसे तैयार करने में लगा है. संस्थान के निदेशक डॉ. एनके सिंह ने बताया हमारे संस्थान के छात्रों ने देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एआई रोबोट प्रोजेक्ट तैयार किया है. यह भविष्य मे बॉर्डर पर जवानों के जान-माल की सुरक्षा करेगा. देश हित में जवानों की सुरक्षा के लिए छात्रों का प्रयास सराहनीय है. छात्रों के प्रोजेक्ट को और आगे बढ़ाने के लिए संस्थान छात्रों का हर संभव मदद करेगा. संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल के अनुसार यह रोबोट काफी उपयोगी साबित होगा.
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