गोंडा : रेलवे स्टेशन पर बिहार के मोतिहारी जाने के लिए खड़ी 16 नाबालिगों को RPF की ओर से पकड़ा गया था. 29 जुलाई को RPF ने यह कार्रवाई की थी. 31 जुलाई को मामले में आरपीएफ ने स्मार्ट वैल्यू लिमिटेड कंपनी और किशोरियों को साथ लेकर जा रहीं 3 महिलाओं पर मानव तस्करी में केस दर्ज किया. कंपनी की भी कुंडली खंगाली जा रही है.
ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की पहल पर यह कार्रवाई की गई. स्मार्ट वैल्यू लिमिटेड कंपनी में ट्रेनिंग और नौकरी दिलाने के नाम पर 15 नाबालिग लड़कियों और एक नाबालिग लड़के को बिहार के मोतिहारी ले जाया जा रहा था. 29 जुलाई को आरपीएफ, सीआइबी और एचटीयू ने गोंडा रेलवे स्टेशन से इन सभी को बरामद किया था.
लड़कियों को झुंड में देख आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर को आशंका हुई. आरपीएफ टीम ने जब लड़कियों से पूछताछ की तो इन लोगों ने बताया कि वैल्यू शॉप नाम की कोई कंपनी है, वहां ट्रेनिंग और उसके बाद नौकरी दिलाने के नाम पर उनको बिहार ले जाया जा रहा है. कई किशोरियां तो सवालों के सही जवाब तक नहीं दे पा रहीं थीं.
मानव तस्करी की आशंका पर सभी नाबालिगों को रेस्क्यू कर चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया था. चाइल्ड लाइन के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर आशीष मिश्रा ने विधिक प्रक्रिया अपनाने के बाद नाबालिग लड़कियों और लड़के को उनके परिजनों को सौंप दिया. वहीं आरपीएफ की टीम इसकी जांच में जुटी हुई थी. आरपीएफ जांच के दौरान मानव तस्करी से जुड़ा मामला पाया गया है.
ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने गोंडा आरपीएफ पोस्ट इंचार्ज नरेंद्र पाल सिंह ने बताया गोंडा रेलवे स्टेशन पर 16 संदिग्ध नाबालिग मिले थे. जांच के बाद मामला मानव तस्करी से जुड़ा पाया गया. इसके बाद इस मामले में धारा 143 (5) के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है. कंपनी के कामकाज की जांच की जा रही है.