लखनऊ : परिवहन विभाग यूपी के कई जिलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोल रहा है. इनके ऑटोमेशन का जिम्मा प्राइवेट कंपनी के पास होगा, जबकि यहां पर जो उपकरण चाहिए, उसकी खरीदारी की जिम्मेदारी राज्य सड़क परिवहन निगम को सौंपी गई है. परिवहन विभाग की तरफ से पांच ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के लिए परिवहन निगम को साढ़े छह करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. इन पैसों से परिवहन निगम एक कार, एक मिनी ट्रक, एक मिनी बस और एक सिम्युलेटर खरीद कर परिवहन विभाग को देगा. ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट पर यह सभी उपकरण ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने आने वाले आवेदकों के लिए जरूरी होंगे. इन्हीं पर आवेदक टेस्ट देंगे.
उपकरण न मिलने से हो रही देरी: उत्तर प्रदेश के पांच स्थानों पर ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनाकर लगभग तैयार हो गए हैं. इनमें गोरखपुर, अयोध्या, मथुरा, प्रयागराज और वाराणसी शामिल हैं. अब आवेदकों को अपने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए इन्हीं ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट पर जाना होगा. इन ड्राइविंग ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट पर अब तक लाइसेंस बनने शुरू भी हो चुके होते, लेकिन अभी तक यहां पर उपकरण नहीं पहुंचे हैं. इसलिए देरी हो रही है. परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि डीटीआई बनकर तैयार हैं, बस उपकरण आते ही इन्हें शुरू कर दिया जाएगा. परिवहन विभाग की तरफ से परिवहन निगम को पांचों ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के लिए बजट उपलब्ध करा दिया गया है. जैसे ही जरूरी उपकरण निगम की तरफ से विभाग को उपलब्ध करा दिए जाएंगे डीटीआई पर ड्राइविंग लाइसेंस बनने शुरू हो जाएंगे.
क्या कहते हैं परिवहन निगम के अफसर : परिवार निगम के प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक) व प्रवक्ता अजीत सिंह का कहना है कि परिवहन विभाग की तरफ से पांच ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट जिनमें गोरखपुर, अयोध्या, मथुरा, वाराणसी और प्रयागराज शामिल हैं, के लिए 6 करोड़ 80 लाख रुपए उपलब्ध कराए गए हैं. इस बजट से परिवहन विभाग को एक मिनी ट्रक, एक मिनी बस, एक कार और एक सिम्युलेटर खरीद कर परिवहन निगम को उपलब्ध कराना है. सभी पांच डीटीआई को यह सामान सप्लाई किया जाएगा, जिससे वहां पर काम शुरू हो सके. इसके लिए टेंडर किया जा रहा है. हरहाल में तीन माह के अंदर जरूरी सामान परिवहन विभाग को परिवहन निगम की तरफ से उपलब्ध करा दिया जाएगा.