लखनऊ : कूड़ा प्रबंधन को लेकर नगर निगम के विशेष सदन की बैठक में बुधवार को बड़ा हंगामा हो गया. सरोजनीनगर द्वितीय वार्ड से बीजेपी के पार्षद राम नरेश रावत ने नगर आयुक्त पर सीधे तौर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा दिया. पार्षद के आरोप पर नगर आयुक्त ने अपना भाषण बीच में छोड़ दिया. मेयर सुषमा खर्कवाल ने अपने ही पार्टी के पार्षद को जमकर लताड़ लगाई. सदन के पटल से उन्होंने कहा कि सदन हम सभी की मां बराबर है. मां के लिए पार्षद ने अभद्र भाषा का उपयोग किया है. इसके अलावा पार्षद ने नगर आयुक्त पर गलत आरोप लगाया है. ऐसे पार्षद को सदन में रहने की कोई जरूरत नहीं है. मेयर ने पार्षद के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत होने की बात कही. उन्होंने कहा कि जो खुद भ्रष्टाचार के दलदल में है वह दूसरों पर आरोप लगा रहा है. वहीं, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहा कि गलत आरोप को कभी बर्दाश्त नहीं करूंगा. बगैर साक्ष्य के अगर किसी ने भी गलत आरोप लगाए तो उसे किसी हालत में नहीं छोड़ूगा.
सदन बीच में छोड़कर चले गए नगर आयुक्त : भ्रष्टाचार का आरोप लगाने पर नगर आयुक्त अपना आपा खो बैठे और पार्षद को सदन के पटल से ही जमकर खरी खोटी सुनाई. देखते ही देखते विशेष सदन की बैठक नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह वर्सेज पार्षद राम नरेश रावत के विवाद में तब्दील हो गई. दोनों काफी देर तक एक दूसरे से बहस करते रहे. इसके बाद नगर आयुक्त सदन बीच में छोड़कर जाने लगे तो बीजेपी पार्षदों ने उन्हें समझाकर रोकने का काफी प्रयास किया लेकिन, नगर आयुक्त सभी को एक किनारे कर चले गए. वहीं, नगर आयुक्त के सदन छोड़ने पर मेयर भी पार्षद के ऊपर भड़क गईं. मेयर ने उसे सदन से बाहर जाने के लिए कहा तो पार्षद मेयर से भी भिड़ गए. पार्षद ने मेयर को जवाब देते हुए कहा कि कोई आपकी दया से बीजेपी से टिकट नहीं मिला है जो सदन से बाहर चला जाऊं. पार्टी में काम करने से टिकट मिला और जीतकर आया हूं. उन्होंने जोन एक के जोनल अफसर को तत्काल हजरतगंज इंस्पेक्टर को कॉल कर पुलिस बुलाकर पार्षद को बाहर करने का निर्देश जारी कर दिया. पुलिस बल आने से पहले बीजेपी के कई पार्षद सदन से बाहर जाने के लिए राम नरेश को समझाने पहुंचे तो उनसे भी भिड़ंत हो गई. इस दौरान पार्षद रामनरेश व सदन के उपाध्यक्ष गिरीश गुप्ता नोकझोंक हो गई. यह देखकर सदन के उपाध्यक्ष के पक्ष में अन्य पार्षद भी लामबंद हो गए. सभी ने सदन से घसीटकर पार्षद राम नरेश को बाहर किया.
सदन से निकाले जाने पर सुसाइड की दी धमकी : पार्षद राम नरेश रावत ने सदन से बाहर निकाले जाने पर नगर निगम के मुख्यालय में आत्महत्या करने की धमकी दे डाली. उसने कहा कि मेरी मौत के जिम्मेदार सीधे तौर पर नगर आयुक्त और मेयर होंगी. पार्षद की धमकी सुनकर साथी पार्षद उन्हें पकड़कर दोबारा सदन में ले आए, किसी तरह उन्हें समझा बुझाकर शांत कराया गया.
आईएएस लॉबी हुई सक्रिय : भ्रष्टाचार के आरोप पर नगर आयुक्त बहुत ज्यादा नाराज हो गए. उन्होंने गुस्से में कहा कि ऐसी बात के लिए क्रिमनल केस तक करूंगा. इस घटनाक्रम की जानकारी नगर आयुक्त के साथी बैचमेट आईएएस को मिली. इसके बाद शासन में बैठी आईएएस लॉबी सक्रिय हो गई. सदन के बीच में ही नगर आयुक्त को तमाम आईएएस की कॉल आना शुरू हो गई. वहीं, नगर आयुक्त से अभद्रता को लेकर नगर निगम मुख्यालय के अधिकारी और कर्मचारी भी लामबंद नजर आए. नगर आयुक्त के साथ सभी अपर नगर आयुक्त भी सदन की कार्यवाही के बीच बाहर निकल गए. उप लेखा अधिकारी एपी तिवारी ने सदन में कहा कि इस तरह पार्षद के गलत आरोप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अगर पार्षद को सदन से बाहर नहीं किया गया तो अधिकारी और कर्मचारी कार्य बहिष्कार करेंगे. कार्य बहिष्कार के लिए सदन में कर्मचारी नेता आनंद वर्मा और शशि मिश्रा भी पहुंच गए.
बीजेपी के नगर अध्यक्ष को बुलाना पड़ा : पार्षद की टिप्पणी के बाद मेयर ने सदन स्थगित कर बीजेपी नगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी को बुला लिया. मेयर ने नगर अध्यक्ष को पार्षद के कृत्य के बारे में बताया. इस दौरान नगर अध्यक्ष ने नगर आयुक्त से भी मुलाकात कर पार्षद के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर कार्रवाई का आश्वासन दिया. आश्वासन मिलने के बाद मेयर के कमरे में पार्षद राम नरेश रावत से भी नगर अध्यक्ष ने मुलाकात की. इसके बाद नगर आयुक्त और मेयर दोबारा सदन की कार्यवाही में चले गए.
'गलत आरोप पर किसी को नहीं छोडूंगा' : दोबारा सदन की कार्यवाही में नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहा कि गलत आरोप को कभी बर्दाश्त नहीं करूंगा. बगैर साक्ष्य के अगर किसी ने भी गलत आरोप लगाए तो उसे किसी हालत में नहीं छोड़ूगा. उन्होंने कहा कि हम सभी शहर के नागरिकों के लिए काम कर रहे हैं. दिन रात अधिकारी व कर्मचारी व्यवस्था को सुधारने में लगे हैं. ऐसे में इस तरह के आरोप काफी दुखी करते हैं.
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