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आर-पार की लड़ाई के मूड में उपनलकर्मी,  महारैली कर आज करेंगे सचिवालय कूच - UPNL WORKERS PROTEST

नियमितीकरण की मांग को लेकर उपनल कर्मचारी लामबंद, महारैली के रूप में कूच करेंगे सचिवालय

UPNL WORKERS PROTEST
उपनल कर्मियों का सचिवालय कूच (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 10, 2024, 6:22 PM IST

Updated : Nov 11, 2024, 5:57 AM IST

देहरादून: उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने अपनी तमाम मांगों को लेकर आज सचिवालय कूच करने का निर्णय लिया है. उपनल कर्मचारी महारैली निकालते हुए सचिवालय का घेराव करेंगे. जिसके लिए जिसमें संघ ने कर्मचारियों से अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने को लेकर उपनल कर्मियों ने अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है. मोर्चे ने आज महारैली कर सचिवालय कूच करने का फैसला किया है. महारैली को सफल बनाने के लिए उपनल संयुक्त मोर्चा और महासंघ के पदाधिकारीयों ने आज अपने संदेश जारी किए है.

उपनल कर्मियों का सचिवालय कूच (ETV BHARAT)

क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला: बता दें पिछले माह 15 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार की नियमितीकरण के खिलाफ एसएलपी खारिज कर दी थी. वर्ष 2018 में नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा लिया गया उपनल कर्मियों के नियमितीकरण के पक्ष में लिए गए निर्णय को सुप्रीम कोर्ट ने यथावत रखा. इसके बाद उपनल कर्मियों के प्रति सरकार की उदासीनता को लेकर कर्मचारी अब आर पार की लड़ाई के लिए तैयार हो गए हैं. जिसका पहला चरण 11 नवंबर को विशाल महारैली सचिवालय कूच के रूप में होने जा रहा है. उपनल संयुक्त मोर्चा और महासंघ प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारी ने सोमवार को महत्वपूर्ण आपातकालीन सेवाओं से संबंधित विभागों दून मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय, ऊर्जा निगम, वन विभाग सहित अन्य विभागों में पहुंचकर उपनल कर्मचारियों के साथ मीटिंग की है.

उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के तमाम पदाधिकारियों ने अपने संदेश जारी करते हुए अधिक से अधिक संख्या में महारैली में पहुंचने की अपील की है. उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने कहा अगर महारैली के बाद भी सरकार ने अगर उपनल कर्मियों की मांगे नहीं मानी तो उन्हें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने पर मजबूर होना पड़ेगा. महासंघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष महेश भट्ट और महामंत्री विनय प्रसाद ने कहा सरकार यदि जल्द से जल्द उपनल कर्मियों के मामले में कोई ठोस निर्णय नहीं लेती तो 11 नवंबर के बाद प्रदेश की ऊर्जा, चिकित्सा और परिवहन जैसी आपातकालीन सेवाएं पूर्ण रूप से बंद कर दी जाएंगी.

पढ़ें- उत्तराखंड में नियमितीकरण का 'डबल स्टैंडर्ड', उपनल कर्मियों को लेकर 'कंफ्यूजन', जानिए पूरा मामला

पढे़ं- नियमितीकरण की मांग को लेकर उपनल कर्मचारी मुखर, 11 नवंबर को सचिवालय करेंगे कूच

देहरादून: उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने अपनी तमाम मांगों को लेकर आज सचिवालय कूच करने का निर्णय लिया है. उपनल कर्मचारी महारैली निकालते हुए सचिवालय का घेराव करेंगे. जिसके लिए जिसमें संघ ने कर्मचारियों से अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने को लेकर उपनल कर्मियों ने अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है. मोर्चे ने आज महारैली कर सचिवालय कूच करने का फैसला किया है. महारैली को सफल बनाने के लिए उपनल संयुक्त मोर्चा और महासंघ के पदाधिकारीयों ने आज अपने संदेश जारी किए है.

उपनल कर्मियों का सचिवालय कूच (ETV BHARAT)

क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला: बता दें पिछले माह 15 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार की नियमितीकरण के खिलाफ एसएलपी खारिज कर दी थी. वर्ष 2018 में नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा लिया गया उपनल कर्मियों के नियमितीकरण के पक्ष में लिए गए निर्णय को सुप्रीम कोर्ट ने यथावत रखा. इसके बाद उपनल कर्मियों के प्रति सरकार की उदासीनता को लेकर कर्मचारी अब आर पार की लड़ाई के लिए तैयार हो गए हैं. जिसका पहला चरण 11 नवंबर को विशाल महारैली सचिवालय कूच के रूप में होने जा रहा है. उपनल संयुक्त मोर्चा और महासंघ प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारी ने सोमवार को महत्वपूर्ण आपातकालीन सेवाओं से संबंधित विभागों दून मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय, ऊर्जा निगम, वन विभाग सहित अन्य विभागों में पहुंचकर उपनल कर्मचारियों के साथ मीटिंग की है.

उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के तमाम पदाधिकारियों ने अपने संदेश जारी करते हुए अधिक से अधिक संख्या में महारैली में पहुंचने की अपील की है. उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने कहा अगर महारैली के बाद भी सरकार ने अगर उपनल कर्मियों की मांगे नहीं मानी तो उन्हें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने पर मजबूर होना पड़ेगा. महासंघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष महेश भट्ट और महामंत्री विनय प्रसाद ने कहा सरकार यदि जल्द से जल्द उपनल कर्मियों के मामले में कोई ठोस निर्णय नहीं लेती तो 11 नवंबर के बाद प्रदेश की ऊर्जा, चिकित्सा और परिवहन जैसी आपातकालीन सेवाएं पूर्ण रूप से बंद कर दी जाएंगी.

पढ़ें- उत्तराखंड में नियमितीकरण का 'डबल स्टैंडर्ड', उपनल कर्मियों को लेकर 'कंफ्यूजन', जानिए पूरा मामला

पढे़ं- नियमितीकरण की मांग को लेकर उपनल कर्मचारी मुखर, 11 नवंबर को सचिवालय करेंगे कूच

Last Updated : Nov 11, 2024, 5:57 AM IST
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