देहरादून: उपनल कर्मचारी समान कार्य समान वेतन और नियमितीकरण जैसी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में उपनाल कर्मचारी परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए. इसके बाद पैदल मार्च निकालते हुए सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के न्यू केंट रोड स्थित आवास का घेराव किया. इसी बीच सुरक्षा बल और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्क-मुक्की भी हुई. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने आवास में 1 घंटे का मौन रखा और उपनल कर्मचारियों के आंदोलन में शामिल हुए.
हरीश रावत बोले सरकार उपनल कर्मचारियों पर कर रही अत्याचार: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उपनल कर्मचारी निरंतर कई समय से अत्याचार के शिकार हो रहे हैं और इनमें से कुछ ऐसे कर्मचारी भी होंगे, जिन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा उपनल कर्मी के रूप में बिता दिया है. लेकिन अभी तक उनकों सेवा सुरक्षा नहीं मिल पाई है. उन्होंने कहा कि इनका नियमितीकरण बहुत पहले हो जाना चाहिए था, लेकिन सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है.
मानदेय बढ़ाने में सरकार कर रही टाल-मटोल: हरीश रावत ने कहा कि राज्य की सभी महत्वपूर्ण सेवाएं इन कर्मचारियों के माध्यम से चलाई जा रही हैं, लेकिन सरकार इनका संरक्षण प्रदान नहीं कर रही है और मानदेय बढ़ाने में भी टाल-मटोल कर रही है. अभिभावक होने के नाते वह इससे बहुत दुखी हैं. उन्होंने कहा कि यह कोई राजनीतिक नहीं, बल्कि सामूहिक लड़ाई है. हम सब लोगों को मिलजुल कर उनके भविष्य को सुरक्षित करना होगा.
लोकसभा चुनाव में बदला लेंगे उपनल कर्मचारी: उपनल महासंघ के अध्यक्ष विनोद गोदियाल ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द हाईकोर्ट के नियमितीकरण और समान काम के बदले समान वेतन दिए जाने के आदेश को लागू करें. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई एसएलपी को सरकार को वापस लेना चाहिए. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि हम पूरे प्रदेश में 25000 कर्मचारी हैं और 25000 कर्मचारियों के परिवार मिलकर इस सरकार को लोकसभा चुनाव में सबक सिखाएंगे.
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