लखनऊ : यूपी में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मौसम में काफी बदलाव आ गया है. कुछ जगहों पर 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं. मुजफ्फरनगर समेत यूपी के कई जिलों में रविवार को ओलावृष्टि के साथ बारिश हुई. सोमवार को भी मौसम विज्ञानियों ने कुछ जिलों में बारिश की संभावना जताई है. उनका कहना है कि मंगलवार से बारिश और ओलावृष्टि से राहत मिल सकती है. मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 4 मार्च को रात तक प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा. 5 मार्च को दोपहर बाद धूप निकल सकती है.
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक दानिश अंसारी ने बताया कि इस समय मौसम में बदलाव हुआ है. जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बीते दिन शनिवार को बर्फबारी होने से मौसम में परिवर्तन आया है. इसके अलावा दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड में हल्की बारिश हुई. लेकिन, कई इलाकों में न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रहा. जिसका असर कहीं न कहीं उत्तर प्रदेश पर भी पड़ा है. उत्तर प्रदेश के भी कई जिलों में बीते दिन से लगातार बारिश हो रही है. वहीं, कुछ जिले ऐसे हैं. जहां पर बारिश का नामोनिशान नहीं है. उन्होंने बताया कि जब तक जम्मू कश्मीर हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड में बर्फबारी होगी तब तक उत्तर प्रदेश में खुशनुमा मौसम बना रहेगा और बारिश भी होगी.
बारिश, तेज हवाओं ने गेहूं और तिलहन की फसलों को किया बर्बाद : उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में बारिश के साथ ओलावृष्टि और तेज हवाओं के चलने से किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. बारिश से जहां खेतों में खड़ी फसलें सड़ने के कगार पर पहुंच जाएंगी, वहीं हवाओं के चलने से गेहूं, चना और मटर की फसलों को काफी नुकसान पहुंचेगा.
मौसम का उतार-चढ़ाव जारी : प्रगतिशील किसान रामशरण वर्मा कहते हैं कि फसलों की पैदावार में प्रकृति का बहुत बड़ा योगदान होता है. इस बार मौसम में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. अक्टूबर-नवंबर तक गर्मी ही पड़ती रही, वहीं जनवरी से अच्छी खासी ठंड पड़ने लगी. इससे पहले फसलों को बारिश का पानी नहीं मिल पाया और फिर भीषण ठंड से तिलहन की फसलों को नुकसान पहुंचने लगा.
फरवरी माह के अंत में कई जिलों में बारिश, ओलावृष्टि और हवाओं के चलते गेहूं, चना, मटर, आलू और तिलहन की फसलों को नुकसान पहुंचा. अब बारिश के चलते भले कम नुकसान होता लेकिन तेज हवाएं चल गईं इससे गेहूं के पौधे खेत में ही बिखर गए हैं. खेत में जल जमाव के कारण अब गेहूं के पौधे सड़ जाएंगे. जिससे गेहूं का उत्पादन कम हो जाएगा.
आलू की फसलों को भी पहुंचेगा नुकसान : किसान रामशरण वर्मा के मुताबिक इस बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं के कारण खेतों में 70 से 80% खड़ी आलू की फसल को भी नुकसान पहुंचेगा. आलू जमीन के अंदर होता है अगर पानी भर जाएगा तो उसके सड़ने की संभावना है. डैमेज होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाएगी. सरसों के फूल झड़ जाएंगे. गेहूं की बालियों पर असर पड़ेगा. मटर भी नुकसान के दायरे में आएगी. ऐसे में कहा जाता है कि बेमौसम बारिश किसानों के लिए हानिकारक ही साबित होती है तो यह बारिश और तेज हवाएं फसलों के लिए नुकसानदायक ही साबित हो रही हैं.
यह भी पढ़ें : कहीं आपके बच्चे को भी तो नहीं मोबाइल की लत, संस्कारों से दूर कर रहा सोशल मीडिया एडिक्शन, करें यह उपाय