लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बस में यात्रियों का कम दूरी का टिकट बनाकर अधिक किराया वसूलने के मामले में परिचालक की संविदा समाप्त कर दी गई है. चालक को रूट से हटा दिया गया है. इसके अलावा बाराबंकी के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक से स्पष्टीकरण, एक सहायक यातायात निरीक्षक का निलंबन, दूसरे को कारण बताओ नोटिस और क्षेत्रीय चेकिंग दल से भी स्पष्टीकरण तलब किया गया है.
बाराबंकी टोल पर चेकिंग में खुली पोल
जानकारी के मुताबिक, मामला इसी माह में कुछ दिन पहले का है. कैसरबाग से बहराइच के रुपैडिहा जा रही बस यूपी 77 एएन 2212 के कंडक्टर धीरेंद्र कुमार ने 43 में से 42 यात्रियों का टिकट दूसरी जगह से बना दिया. मुख्यालय के प्रवर्तन दल ने बाराबंकी के टोल पर चेकिंग के लिए बस को रोक लिया. चेकिंग दल के मुताबिक परिचालक ने 42 यात्रियों का टिकट कम दूरी का बनाया था. पूछताछ में सामने आया कि कैसरबाग बस स्टेशन से सवार हुए यात्रियों का टिकट कमता स्थित अवध बस स्टेशन से बनाया था. यात्रियों ने जब कंडक्टर से टिकट मांगा तो अभी देता हूं कहकर टरका दिया. बाद में यात्रियों को जो टिकट दिया गया, वह कमता स्थित अवध बस स्टेशन से बना हुआ था.
इन पर हुई कार्रवाई
लखनऊ रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि चालक अजय शुक्ला को रूट ऑफ करने के साथ ही बाराबंकी के सहायक यातायात निरीक्षक गुरु प्रकाश वीरेंद्र को निलंबित कर दिया है. आलमबाग के सहायक यातायात निरीक्षक पुत्तन लाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. जिनसे स्पष्टीकरण तलब किया गया है उनका जवाब आने के बाद आगे फैसला लिया जाएगा. कंडक्टर की संविदा समाप्त कर दी गई है.
मृतक आश्रितों ने खत्म किया धरना
लगभग सप्ताह भर से परिवहन निगम मुख्यालय पर नौकरी की मांग को लेकर मृतक आश्रित धरना दे रहे थे, लेकिन मंगलवार सुबह परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक ने उन्हें शासन को भेजी गई बैलेंस शीट की प्रतिलिपि उपलब्ध करा दी. आश्वासन दिया कि अगस्त तक नौकरी मिलने की पूरी संभावना है. अभी अपने घरों को जाइए. बहुत गर्मी हो रही है. बीमार हो रहे हैं. प्रबंध निदेशक के समझाने के बाद मृतक आश्रित धरना खत्म कर अपने घरों को चले गए.