लखनऊ: योगी सरकार ने प्रदेश के राजस्व न्यायालयों में वर्षों से लंबित स्टाम्प वादों के निस्तारण के लिए समाधान योजना लागू कर दी है. यह योजना 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगी, जिसके तहत पक्षकार बिना अर्थदंड या जुर्माना दिए अपने मामलों का निपटारा कर सकते हैं.
योजना का उद्देश्य न्याय प्रक्रिया को सरल और समयबद्ध बनाना है. साथ ही इससे राज्य सरकार को राजस्व की मूल राशि भी समय पर प्राप्त हो सकेगी. इस योजना के तहत पक्षकार केवल स्टाम्प की बकाया धनराशि जमा करेंगे, जिसके बाद अदालत मुकदमे का निस्तारण कर देगी. जुर्माना और देरी के कारण बढ़ने वाले ब्याज की बाध्यता से उन्हें राहत दी गई है.
बता दें कि प्रदेश के अलग-अलग राजस्व न्यायालयों में कुल 53,631 मामले लंबित हैं. इनमें मंडलीय राजस्व न्यायालय में 4,553, जिलाधिकारी राजस्व न्यायालय में 8,169, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) न्यायालय में 17,643, सहायक आयुक्त स्टाम्प के न्यायालय में 22,731 और मा.सी.सी.आर.ए. प्रयागराज में 535 मामले दर्ज हैं.
समाधान योजना से सरकार को जहां मूल स्टाम्प राशि प्राप्त होगी, वहीं पक्षकारों को मुकदमेबाजी की जटिलताओं और देरी के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं से राहत मिलेगी. यह कदम प्रदेश में न्यायिक व्यवस्था को सुचारु और पारदर्शी बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा. सरकार की इस योजना से न केवल लंबित मामलों का निपटारा तेजी से होगा, बल्कि राजस्व वसूली की प्रक्रिया भी आसान और प्रभावी बनेगी.
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