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यूपी के 2.75 लाख मीटर घटिया, चाइनीज पुर्जे लगे, मीटर रीडिंग गड़बड़ कर रहे, UPPCL ने 2 कंपनियों से मांगा जवाब

UP News: उपभोक्ता परिषद की ओर से स्मार्ट मीटर की क्वालिटी को लेकर उठाए गए सवाल. उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने 2 कंपनियों को जारी की नोटिस.

up power corporation issues notice to companies installing 3 lakh substandard smart meters
यूपी में करीब 3 लाख मीटर घटिया क्वालिटी के लगाए जाने का आरोप. (photo credit: etv bharat archive)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

Updated : 3 hours ago

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (up power corporation) ने जिन कंपनियों को उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर (Smart Meter) लगाने का ठेका दिया है वे कंपनियां जमकर खेल कर रही हैं. लाखों उपभोक्ताओं के यहां कंपनियों ने घटिया क्वालिटी के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए हैं. यह खुलासा पावर कॉरपोरेशन की हाई लेवल कमेटी की जांच में हुआ है. अब पावर कारपोरेशन की ओर से तीन कंपनियों के सीईओ को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है. पावर कारपोरेशन के उच्च सूत्रों की मानें तो तीन में से दो कंपनियों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है. उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है. अब तक यह कंपनियां उत्तर प्रदेश के तकरीबन दो लाख 75 हजार उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा चुकी हैं.

उपभोक्ता परिषद ने लगाए आरोपः पावर कारपोरेशन के निदेशक कॉमर्शियल निधि कुमार नारंग की तरफ से स्मार्ट मीटर सप्लाई करने वाली दो कंपनियों के सीईओ को नोटिस जारी किया गया है. जांच में आई खामियों को दूर करने के लिए कहा गया है. जांच में स्मार्ट प्रीपेड मीटर फेल हुए हैं. यह बात सामने आने पर उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि चीन निर्मित कंपोनेंट का प्रयोग स्मार्ट प्रीपेड मीटर में किया गया है. अब पावर कॉरपोरेशन की तकनीकी जांच में इसका खुलासा हो चुका है. घटिया गुणवत्ता के मीटर लगाने का खामियाजा उत्तर प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा.


कई बार घटिया क्वालिटी को लेकर सवाल खड़े किएः परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि काफी समय से उपभोक्ता परिषद इन मुद्दों को पावर कारपोरेशन के अधिकारियों और नियामक आयोग के सामने उठाता रहा है. कई बार मीटर की क्वालिटी को लेकर सवाल भी खड़े किए, शिकायत भी की, लेकिन पावर कारपोरेशन के अधिकारियों के ढुलमुल रवैए का फायदा स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली कंपनियां उठाती रहीं. अब पावर कारपोरेशन को समझ में आया है कि अगर पहले ही ठोस कदम उठाए जाते तो पौने तीन लाख उपभोक्ताओं के यहां घटिया क्वालिटी के स्मार्ट प्रीपेड मीटर नहीं लगे होते. अवधेश वर्मा ने मांग की है कि इन कंपनियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाने चाहिए. इन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए.


क्या खामियां सामने आईं: उन्होंने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर में पावर फैक्टर गलत रिकॉर्ड करना और आरसीटी में तकनीकी खामियां यह साबित करने के लिए पर्याप्त हैं कि मीटर खराब क्वालिटी के हैं. जांच में जो खामियां सामने आई है उनमें आरटीसी का दो घंटे में ट्रिप करना, पावर फैक्टर गलत रिकॉर्ड करना, रिसीवर का गलत फैक्टर बताना अहम हैं. इन खामियों के चलते स्मार्ट प्रीपेड मीटर रीडिंग भार और टाइम सब गलत रिकॉर्ड करेगा, जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को उठाना होगा. इन कंपनियों पर अगर पावर कॉरपोरेशन कड़ी कार्रवाई करेगा तभी कुछ सही हो पाएगा.



अफसर क्या बोलेः उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के डायरेक्टर कॉमर्शियल निधि कुमार नारंग ने बताया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर की जांच पावर कॉरपोरेशन की तकनीकी टीम ने की. जांच में मीटर में कुछ खामियां उजागर हुई हैं. इसके लिए दो कंपनियों के सीईओ को नोटिस भेजा गया है. मामले को गंभीरता से देखा जा रहा है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (up power corporation) ने जिन कंपनियों को उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर (Smart Meter) लगाने का ठेका दिया है वे कंपनियां जमकर खेल कर रही हैं. लाखों उपभोक्ताओं के यहां कंपनियों ने घटिया क्वालिटी के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए हैं. यह खुलासा पावर कॉरपोरेशन की हाई लेवल कमेटी की जांच में हुआ है. अब पावर कारपोरेशन की ओर से तीन कंपनियों के सीईओ को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है. पावर कारपोरेशन के उच्च सूत्रों की मानें तो तीन में से दो कंपनियों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है. उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है. अब तक यह कंपनियां उत्तर प्रदेश के तकरीबन दो लाख 75 हजार उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा चुकी हैं.

उपभोक्ता परिषद ने लगाए आरोपः पावर कारपोरेशन के निदेशक कॉमर्शियल निधि कुमार नारंग की तरफ से स्मार्ट मीटर सप्लाई करने वाली दो कंपनियों के सीईओ को नोटिस जारी किया गया है. जांच में आई खामियों को दूर करने के लिए कहा गया है. जांच में स्मार्ट प्रीपेड मीटर फेल हुए हैं. यह बात सामने आने पर उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि चीन निर्मित कंपोनेंट का प्रयोग स्मार्ट प्रीपेड मीटर में किया गया है. अब पावर कॉरपोरेशन की तकनीकी जांच में इसका खुलासा हो चुका है. घटिया गुणवत्ता के मीटर लगाने का खामियाजा उत्तर प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा.


कई बार घटिया क्वालिटी को लेकर सवाल खड़े किएः परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि काफी समय से उपभोक्ता परिषद इन मुद्दों को पावर कारपोरेशन के अधिकारियों और नियामक आयोग के सामने उठाता रहा है. कई बार मीटर की क्वालिटी को लेकर सवाल भी खड़े किए, शिकायत भी की, लेकिन पावर कारपोरेशन के अधिकारियों के ढुलमुल रवैए का फायदा स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली कंपनियां उठाती रहीं. अब पावर कारपोरेशन को समझ में आया है कि अगर पहले ही ठोस कदम उठाए जाते तो पौने तीन लाख उपभोक्ताओं के यहां घटिया क्वालिटी के स्मार्ट प्रीपेड मीटर नहीं लगे होते. अवधेश वर्मा ने मांग की है कि इन कंपनियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाने चाहिए. इन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए.


क्या खामियां सामने आईं: उन्होंने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर में पावर फैक्टर गलत रिकॉर्ड करना और आरसीटी में तकनीकी खामियां यह साबित करने के लिए पर्याप्त हैं कि मीटर खराब क्वालिटी के हैं. जांच में जो खामियां सामने आई है उनमें आरटीसी का दो घंटे में ट्रिप करना, पावर फैक्टर गलत रिकॉर्ड करना, रिसीवर का गलत फैक्टर बताना अहम हैं. इन खामियों के चलते स्मार्ट प्रीपेड मीटर रीडिंग भार और टाइम सब गलत रिकॉर्ड करेगा, जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को उठाना होगा. इन कंपनियों पर अगर पावर कॉरपोरेशन कड़ी कार्रवाई करेगा तभी कुछ सही हो पाएगा.



अफसर क्या बोलेः उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के डायरेक्टर कॉमर्शियल निधि कुमार नारंग ने बताया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर की जांच पावर कॉरपोरेशन की तकनीकी टीम ने की. जांच में मीटर में कुछ खामियां उजागर हुई हैं. इसके लिए दो कंपनियों के सीईओ को नोटिस भेजा गया है. मामले को गंभीरता से देखा जा रहा है.

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Last Updated : 3 hours ago
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