लखनऊ : यूपी पुलिस कांस्टेबल के 60 हजार 244 पदों के लिए 17 और 18 फरवरी को होने वाली भर्ती परीक्षा में सेंध लगाकर पेपर लीक करने की कोशिश करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. यूपी एसटीएफ ने दोनों आरोपियों को झांसी से गिरफ्तार किया है. एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक करने के लिए कई गिरोह प्रयासरत थे. यही वजह है कि यूपी एसटीएफ लगातार नजर बनाए हुए है. जानकारी मिलने पर शुक्रवार को ऐसे ही गैंग के दो सदस्य शामली निवासी मोनू कुमार और बिहार के रजनीश रंजन को नवाबाद झांसी से गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से भर्ती परीक्षा के लिए 10 एडमिट कार्ड और पहचान पत्र बरामद हुए हैं.
नौसेना की नौकरी छोड़ पेपर लीक गैंग से जुड़ा मोनू गुर्जर : पूछताछ में आरोपी बीए पास मोनू कुमार उर्फ मोनू गुर्जर ने बताया कि वर्ष 2010 में इंटरमीडिएट के बाद भारतीय नौ-सेना में भर्ती हुआ था और उड़ीसा चिलका में ट्रेनिंग की थी. ट्रेनिंग के दौरान छुट्टी पर आया था और फिर वापस नौकरी पर नहीं गया. इसके बाद 2015 में बीए में प्रवेश लिया था और साथ ही मुखर्जीनगर में एसएससी की तैयारी के लिए कोचिंग करने लगा था. कोचिंग के दौरान ही उसकी मुलाकात मथुरा के मोनू पंडित से हुई, जो परीक्षा में धांधली कराता था. इसके बाद मोनू पंडित के साथ मिलकर ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षाओं में स्क्रीन शेयरिंग के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली कराने में शामिल हो गया.
पेपर लीक कर हर अभ्यर्थी से आठ लाख रुपये लेने की थी योजना : एडीजी ने बताया कि मोनू कुमार उर्फ मोनू गुर्जर ने वर्ष 2022 में झांसी में ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षाएं कराने के लिए एक लैब भी बनाई थी. यहां होने वाली आयोजित परीक्षाओं में गैंग के साथ मिलकर बडे़ पैमाने पर धांधली करने लगा. मोनू कुमार ने बताया कि दो वर्ष पहले टीईटी की परीक्षा का पेपर लीक हो गया था. उसको मोनू पंडित ने ही भेजा था. मोनू पंडित के माध्यम से उसकी मुलाकात मेरठ निवासी आशीष पालीवाल और अतुल पालीवाल से हो गई थी, जो पेपर लीक करने वाले गैंग से जुड़े थे. पुलिस की परीक्षा में भी इस गैंग के द्वारा प्रत्येक कन्डीडेंट से पेपर आउट कराकर पेपर को पढ़वाने के लिए 8-10 लाख रुपये तय किए गए थे.
यूपी की कई सरकारी नौकरियों के पेपर लीक करने की कोशिश : एडीजी एसटीएफ ने बताया कि वर्ष 2023 में राहुल के माध्यम से मोनू कुमार उर्फ मोनू गुर्जर की मुलाकात बिहार के रजनीश रंजन से हुई. इसके बाद मोनू कुमार उर्फ मोनू गुर्जर ने रजनीश रंजन के साथ मिलकर बिहार में होने वाली प्रतियोगी परीक्षओं में धांधली करने का काम शुरू कर दिया. मोनू के अनुसार वर्ष 2023 में राम मनोहर लोहिया अस्पताल की परीक्षा, जो उसकी खुद की झांसी स्थित रघुनाथ प्रसाद तिवारी लैब में हुई थी, जिसमें रिमोट एक्सेस से पेपर कराया जाना था, लेकिन सर्वर डाउन हो जाने के कारण परीक्षा ही नहीं हो पाई थी. मोनू ने बताया कि दो साल पहले हरियाणा में हुई वेटनरी प्रतियोगी परीक्षा का पेपर मोनू पंडित लेकर उसके पास आया था. जो अभ्यार्थियों को बेचा था और इसके एवज में प्रत्यके अभ्यर्थी से आठ लाख रुपये लिए गए थे, लेकिन यह परीक्षा बाद में निरस्त हो गई थी.
वाराणसी में भी सॉल्वर गैंग के दो सदस्य गिरफ्तारः वाराणसी में भी UP STF ने यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के नाम पर अभ्यर्थियों के धोखाधड़ी कर ठगी करने वाले गैंग के दो सदस्यों प्रिन्स कुशवाहा व विजय कुमार को सारनाथ क्षेत्र के सिंहपुर रिंग रोड अण्डरपास के पास गिरफ्तार किया है. इनके पास से तीन मोबाइल, 8प्रवेश पत्र, 32 अभ्यर्थियों के मूल शैक्षणिक प्रमाणपत्र, 24 अभ्यर्थियों के हस्ताक्षरयुक्त सादा बैंक चेक और 18 के हस्ताक्षरयुक्त स्टैम्प पेपर बरामद किया है. UP STF के वाराणसी यूनिट के एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि वंशराज सिंह कुशवाहा अपने गैंग के सदस्यों के साथ वाराणसी एवं आस-पास के जनपदों में अभ्यर्थियों से सम्पर्क करने के लिए सक्रिय था. सरगना द्वारा अपने साथियों के माध्यम से अभ्यर्थियों से सम्पर्क कर परीक्षा उत्तीर्ण कराने के नाम पर लगभग 10-10 लाख रुपये तय किया था. इन लोगों द्वारा अभ्यर्थियों से एडवान्स के तौर पर 50-50 हजार रुपये भी लिए थे. वंशराज सिंह कुशवाहा एसटीएफ के पहुंचने पर भीड़ का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गया.
मऊ में नकल करवाने वाले गैंग का पर्दाफाशः मऊ में भी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों को पेपर हल करने के नाम पर ठगने वाला गिरोह को शुक्रवार को पकड़ा गया है. पुलिस अधीक्षक अविनाश पांडेय ने बताया कि शुक्रवार को स्वाट टीम को एक बड़ी सफलता हाथ लगी. जब अभ्यर्थियों को बरगलाकर उनसे पैसे की ठगी करने वाला एक गिरोह पकड़ में आया, नगर क्षेत्र के आरके कंसल्टेंसी के संचालक रविकांत पांडेय व उनकी टीम द्वारा अभ्यर्थियों को बरगलाकर परीक्षा पेपर हल करने के नाम पर 4 से 9.50 लाख रुपए तक में सौदा तय किया जा रहा था। अभ्यर्थियों से उनके मूल प्रमाण पत्र, अंक पत्र के साथ ही ब्लैंक चेक रखे जा रहे थे। इस मामले में मऊ जनपद के अमित सिंह, सोनू उर्फ सिद्धार्थ, सुनील राजभर, रामकरन राम के अतिरिक्त गाजीपुर के मरदह थाना क्षेत्र का शत्रुघन यादव गिरफ्तार किया गया. गिरोह का मुख्य सरगना रविकांत पांडेय फिलहाल फरार है. इन लोगों के कब्जे से 11 ब्लैंक चेक, 32 मार्कशीट, आधा दर्जन से अधिक आय प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, 11 मोबाइल बरामद हुए हैं.