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यूपी का नया कानून; अपराधियों की संपत्ति पीड़ितों में बंटेगी, DM के पास होगा अधिकार - UP NEW CRIMINAL LAW

डीजीपी प्रशांत कुमार ने नए नियम को लेकर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 107, 107(6) के तहत कार्रवाई की SOP जारी की.

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अपराधियों की संपत्ति पीड़ितों में बंटेगी, DM के पास होगा अधिकार. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 26, 2024, 2:04 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब अपराध से अर्जित की गई संपत्तियों को जब्त या कुर्क कर अपराधियों से पीड़ित लोगों को बांटी जाएगी. डीजीपी प्रशांत कुमार ने इसको लेकर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 107, 107(6) के तहत कार्रवाई की SOP जारी की है, जिसमें सभी पुलिस कप्तानों और पुलिस कमिश्नर को बताया गया है कि कुर्क की गई संपत्ति के संबंध में आरोपी 14 दिन में कोई जवाब नहीं देता है तो कोर्ट एक पक्षीय आदेश दे सकता है.

इसके बाद इन संपत्तियों को नीलाम किया जाएगा. इसके अलावा उनके द्वारा कारित किए गए अपराध से प्रभावित लोगों को दो महीने में संपत्ति बांटने का आदेश डीएम जारी कर सकते हैं. डीजीपी प्रशांत कुमार द्वारा जारी एसओपी के अनुसार, कोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी अपराधियों की कुर्क की गई संपत्तियों को पीड़ितों के बीच दो महीने के भीतर बांट सकते हैं. फिलहाल अभी योगी सरकार अपराधियों की कुर्क की गई संपत्ति पर जरूरतमंदों के लिए आवास बना रही है.

SOP के मुताबिक, ऐसे मामलों में पुलिस कप्तान या पुलिस कमिश्नर की इजाजत लेकर अदालत में प्रार्थना पत्र देना होगा, जिसके बाद कोर्ट आरोपी की ओर से दी गई सफाई पर विचार कर संपत्ति की कुर्की के आदेश जारी कर सकती है. यदि कोर्ट संपत्ति को अपराध से अर्जित मानते हुए आदेश देती है तो ऐसी संपत्तियों को अपराध से प्रभावित लोगों के बीच बांटा जा सकता है.

बता दें कि सरकार ने माफिया रहे अतीक अहमद की प्रयागराज स्थित संपत्ति पर गरीबों के लिए आवास बनवाए थे, जबकि मुख्तार अंसारी की लखनऊ स्थित कुर्क की गई संपत्ति पर गरीबों के लिए आवास बनाए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः IAS अधिकारी प्रवीण कुमार निलंबित; लालगंज SDM रहते दिया था एक पक्षीय स्टे ऑर्डर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब अपराध से अर्जित की गई संपत्तियों को जब्त या कुर्क कर अपराधियों से पीड़ित लोगों को बांटी जाएगी. डीजीपी प्रशांत कुमार ने इसको लेकर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 107, 107(6) के तहत कार्रवाई की SOP जारी की है, जिसमें सभी पुलिस कप्तानों और पुलिस कमिश्नर को बताया गया है कि कुर्क की गई संपत्ति के संबंध में आरोपी 14 दिन में कोई जवाब नहीं देता है तो कोर्ट एक पक्षीय आदेश दे सकता है.

इसके बाद इन संपत्तियों को नीलाम किया जाएगा. इसके अलावा उनके द्वारा कारित किए गए अपराध से प्रभावित लोगों को दो महीने में संपत्ति बांटने का आदेश डीएम जारी कर सकते हैं. डीजीपी प्रशांत कुमार द्वारा जारी एसओपी के अनुसार, कोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी अपराधियों की कुर्क की गई संपत्तियों को पीड़ितों के बीच दो महीने के भीतर बांट सकते हैं. फिलहाल अभी योगी सरकार अपराधियों की कुर्क की गई संपत्ति पर जरूरतमंदों के लिए आवास बना रही है.

SOP के मुताबिक, ऐसे मामलों में पुलिस कप्तान या पुलिस कमिश्नर की इजाजत लेकर अदालत में प्रार्थना पत्र देना होगा, जिसके बाद कोर्ट आरोपी की ओर से दी गई सफाई पर विचार कर संपत्ति की कुर्की के आदेश जारी कर सकती है. यदि कोर्ट संपत्ति को अपराध से अर्जित मानते हुए आदेश देती है तो ऐसी संपत्तियों को अपराध से प्रभावित लोगों के बीच बांटा जा सकता है.

बता दें कि सरकार ने माफिया रहे अतीक अहमद की प्रयागराज स्थित संपत्ति पर गरीबों के लिए आवास बनवाए थे, जबकि मुख्तार अंसारी की लखनऊ स्थित कुर्क की गई संपत्ति पर गरीबों के लिए आवास बनाए जा रहे हैं.

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