नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में मेरठ के बीटेक तृतीय वर्ष के छात्र हर्ष चौहान ऐसी डिवाइस के साथ पहुंचे हैं, जो मूक बधिरों की आवाज बनेगी. एआई आधारित मशीन सिग्निफाई डिवाइस की मदद से मूक बधिरों से आसानी से संवाद कर पाएंगे. उन्हें लोगों की भाषा समझने में परेशानी नहीं होगी.
हर्ष ने बताया कि करीब 2 साल पहले वह दिल्ली मेट्रो से यात्रा कर रहे थे. उन्होंने देखा कि दो मूक बधिर अपनी साइन इशारों की भाषा में बात कर रहे थे. लेकिन पुलिस वालों को उन पर संदेह हो गया. जबकि, वह सिर्फ आपस में बातचीत करने की कोशिश कर रहे थे. इसके बाद उन्होंने सोचा कि लाखों लोगों को इस प्रकार की समस्या से रोजाना जूझना पड़ता है. घर लौटने के बाद उन्होंने इस विषय पर जानकारी जुटानी शुरू की.
गूंगे बहरे लोगों के लिए विकसित किया उपकरण: उन्होंने गूंगे-बहरे लोगों के लिए लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों के साथ बातचीत के बाद सिग्निफाई डिवाइस बनाई. यह उपकरण गूंगे बहरे लोगों के लिए विकसित किया गया है. इसके साथ ही हर्ष ने बताया कि सिग्निफाई डिवाइस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) व मशीन लर्निंग (एमएल) तकनीक का प्रयोग किया गया है. यह यूजर साइन लैंग्वेज (सांकेतिक भाषा) को ऑडियो में बदल कर सामने वाले व्यक्ति तक प्रभावी ढंग से पहुंचाता है.
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सिग्निफाई के लिए अवॉर्ड भी जीता: हर्ष ने बताया कि डिवाइस के निर्माण के लिए उन्होंने 2.5 लाख रुपये का निवेश किया है. एक उपकरण बनाने की लागत करीब 15,000 हजार रुपये की आती है. हर्ष को उम्मीद है कि सरकार से मदद मिलने के बाद इस मशीन की कीमत लगभग 2 हजार रुपये से लेकर 4 हजार के बीच रह जायेगी. जिससे आम आदमी तक इसकी पहुंच आसान हो जाएगी. इस डिवाइस को पेटेंट करने के लिए उन्होंने आवेदन भी दिया है. सिग्निफाई के लिए हर्ष को एकेटीयू इनोवेशन अवार्ड भी मिला है.
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