शाहजहांपुर: यूपी के शाहजहांपुर में जब किसान ने खेत में हल चलाया तो जमीन के अंदर हल किसी लोहे से टकरा गया. इसके बाद जब खुदाई की गई तब वहां से पुराने समय की तलवार, खंजर, बरछी और बंदूकें निकलीं. हालांकि, मौके पर निगोही पुलिस और राजस्व विभाग के लोग मौजूद रहे. वहीं, पुरातत्व विभाग को सूचना दे दी गई है.
दरअसल निगोही थाना क्षेत्र के ढकीया तिवारी गांव में खेत जोतते समय जमीन के अंदर से पुराने जमाने के हथियार निकले हैं. गांव के ओमवीर सिंह का कहना है कि यहां पर बहुत पहले बाग था. इस जमीन को बाबूराम ने खरीद लिया था. पहले गांव के लोग यहां से मिट्टी ले जाया करते थे. अब बाबूराम ने यहां मकान बनाने के लिए नींव खुदवाई. आज बाबूराम ने पहली बार इस खेत में हल चलाया, तभी हल से तलवारें टकरा गईं.
जब खुदाई की गई तो इसमें पुराने जमाने की तलवार, बंदूक के बैरल मिले हैं. इतिहासकार विकास खुराना बताते हैं कि बंदूकों का उपयोग अपने रीजन में 18वीं सदी में हुआ करता था. भारत में यह बाबर के समय में शुरू हो गया था. जो पता चला है कि इसकी मुख चांदी की बनी हुई है. इस पर जंक लगी है. लोहा है या सिल्वर है क्योंकि हवा पानी के साथ जो अभिक्रिया होगी उससे इसमें जंक बहुत है.
जो बंदूक है, उसमें जो लकड़ी है उसे दीमक खा गई है. केवल नाल है. बंदूक का मिलना यह दर्शाता है कि यह लगभग 200 साल पुरानी होगी. इन तलवारों की स्टडी के लिए हम लोग डीएम साहब से मांग करेंगे. फिलहाल मौके पर निगोही पुलिस और राजस्व विभाग के लोग मौजूद हैं और पुरातत्व विभाग को सूचना दे दी गई. वहीं इसकी जानकारी क्षेत्र में आग की तरह फैल गई देखने वालों का मेला लगा रहा.
वरिष्ठ इतिहासकार डॉ. विकास खुराना का कहना है कि यह इलाका क्रांतिकारी गतिविधियों के लिए भी प्रख्यात रहा है. 1857 की लड़ाई में अंग्रेजों के खिलाफ गदर की बहुत सी घटनाएं इस क्षेत्र में हुईं. इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि इनका उस दौर से भी कोई ताल्लुक रहा हो. उस समय लड़ाई के हथियार तलवारें और बंदूकें थीं. अध्ययन के बाद स्थिति स्पष्ट की जा सकेगी.