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यूपी के उद्यमी आंदोलन की राह पर; बोले- इंडस्ट्रियल जमीन को फ्री होल्ड करे सरकार, बदले ब्रिटिश कानून - UP Entrepreneurs

इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को पूरे प्रदेश में वार्ता करके कहा कि अब सरकार से सीधी बात होगी. कहा कि सरकार को बदलना होगा ब्रिटिश काल कानून.

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औद्योगिक क्षेत्र स्थित आईआईए भवन में वार्ता करते आईआईए के पदाधिकारी. (Photo Credit; IIA Media Cell)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 20, 2024, 7:00 PM IST

कानपुर: प्रदेश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में अहम भूमिका निभाने वाले हजारों उद्यमी सरकार से खासा नाराज हो गए हैं. शुक्रवार को इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) के पदाधिकारियों ने सूबे के सभी शहरों में एक साथ वार्ता की और कहा कि अब सरकार को औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड करना होगा.

उद्यमियों का कहना था कि उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) से भूखंड लेने पर उनके द्वारा कुल राशि का भुगतान करने के बावजूद उन्हें लीज पर ही भूखंड मिलता है. इसके अलावा अगर वह अपना उत्पाद बदलना चाह रहे हैं या कोई और काम है तो सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं.

बाबूओं को बिना चढ़ावा चढ़ाए, उनकी फाइलें एप्रूव नहीं होती. इसलिए अब अगर सरकार नहीं मानी तो सभी एकजुट होकर पूरे प्रदेश में आंदोलन करेंगे. आईआईए के महामंत्री हर्षल अग्रवाल ने कहा, पूरे प्रदेश में पदाधिकारियों ने सांसदों व विधायकों को अपनी ओर से ज्ञापन सौंपा है. जबकि कानपुर के पनकी औद्योगिक क्षेत्र स्थित आईआईए भवन में वार्ता के दौरान तरुण खेत्रपाल, आलोक अग्रवाल, दिनेश बरासिया, संजय जैन, विक्रांत अग्रवाल आदि उपस्थित रहे.

उद्यमी महासम्मेलन में सीएम योगी के सामने गर्माया था मुद्दा: उद्यमियों ने बताया कि साल 2023 में जब उद्यमी महासम्मेलन का आयोजन लखनऊ में किया गया था, तो वहां सीएम योगी के सामने औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड किए जाने का मुद्दा गर्माया था. मगर, उसके बाद से सरकार के जिम्मेदारों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. उद्यमियों ने बताया, कि इस मामले को लेकर 30 नवंबर 2023 से लेकर 14 सितंबर 2024 तक 22 ऐसी गतिविधियां आयोजित की गईं, जिससे सरकार का ध्यान केंद्रित हो. लेकिन, सभी ने इसे अनसुना कर दिया, जिससे उद्यमी आक्रोशित हैं.

औद्योगिक भूमि फ्री होल्ड होने से ये लाभ होंगे

  • प्रशासनिक परेशानियां कम होने से उद्यमियों का समय बचेगा जिससे प्रदेश में औद्योगिक विकास तेजी से होगा.
  • प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद व राजस्व में वृद्धि होगी, इससे सरकार का वन ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य जल्दी पूरा होगा.
  • फ्री होल्ड भूमि पर नए औद्योगिक निवेश के अवसर पैदा होंगे, जो सरकार की प्राथमिकता है.
  • लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड करने पर जो राजस्व सरकार को मिलेगा, उससे सरकार नए औद्योगिक क्षेत्र सृजित कर सकेगी.
  • उप्र की रैंकिंग ईज आफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ ईज आफ डूइंग मैन्युफेक्चरिंग में भी बढ़ेगी, जिससे टीज आफ डूइंग बिजनेस खत्म होगा.

क्या कहते हैं अधिकारी: उद्योग उपायुक्त सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि उद्यमियों के आरोप निराधार हैं. अगर उनकी कोई समस्या है तो वह व्यक्तिगत आकर बताएं. हम उनका समाधान कराएंगे.

ये भी पढ़ेंः निशांत की दर्दभरी कहानी; मां-बाप ने 8 साल पहले अस्पताल में छोड़ा, अब हो गई मौत, कौन करेगा अंतिम संस्कार

कानपुर: प्रदेश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में अहम भूमिका निभाने वाले हजारों उद्यमी सरकार से खासा नाराज हो गए हैं. शुक्रवार को इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) के पदाधिकारियों ने सूबे के सभी शहरों में एक साथ वार्ता की और कहा कि अब सरकार को औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड करना होगा.

उद्यमियों का कहना था कि उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) से भूखंड लेने पर उनके द्वारा कुल राशि का भुगतान करने के बावजूद उन्हें लीज पर ही भूखंड मिलता है. इसके अलावा अगर वह अपना उत्पाद बदलना चाह रहे हैं या कोई और काम है तो सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं.

बाबूओं को बिना चढ़ावा चढ़ाए, उनकी फाइलें एप्रूव नहीं होती. इसलिए अब अगर सरकार नहीं मानी तो सभी एकजुट होकर पूरे प्रदेश में आंदोलन करेंगे. आईआईए के महामंत्री हर्षल अग्रवाल ने कहा, पूरे प्रदेश में पदाधिकारियों ने सांसदों व विधायकों को अपनी ओर से ज्ञापन सौंपा है. जबकि कानपुर के पनकी औद्योगिक क्षेत्र स्थित आईआईए भवन में वार्ता के दौरान तरुण खेत्रपाल, आलोक अग्रवाल, दिनेश बरासिया, संजय जैन, विक्रांत अग्रवाल आदि उपस्थित रहे.

उद्यमी महासम्मेलन में सीएम योगी के सामने गर्माया था मुद्दा: उद्यमियों ने बताया कि साल 2023 में जब उद्यमी महासम्मेलन का आयोजन लखनऊ में किया गया था, तो वहां सीएम योगी के सामने औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड किए जाने का मुद्दा गर्माया था. मगर, उसके बाद से सरकार के जिम्मेदारों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. उद्यमियों ने बताया, कि इस मामले को लेकर 30 नवंबर 2023 से लेकर 14 सितंबर 2024 तक 22 ऐसी गतिविधियां आयोजित की गईं, जिससे सरकार का ध्यान केंद्रित हो. लेकिन, सभी ने इसे अनसुना कर दिया, जिससे उद्यमी आक्रोशित हैं.

औद्योगिक भूमि फ्री होल्ड होने से ये लाभ होंगे

  • प्रशासनिक परेशानियां कम होने से उद्यमियों का समय बचेगा जिससे प्रदेश में औद्योगिक विकास तेजी से होगा.
  • प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद व राजस्व में वृद्धि होगी, इससे सरकार का वन ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य जल्दी पूरा होगा.
  • फ्री होल्ड भूमि पर नए औद्योगिक निवेश के अवसर पैदा होंगे, जो सरकार की प्राथमिकता है.
  • लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड करने पर जो राजस्व सरकार को मिलेगा, उससे सरकार नए औद्योगिक क्षेत्र सृजित कर सकेगी.
  • उप्र की रैंकिंग ईज आफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ ईज आफ डूइंग मैन्युफेक्चरिंग में भी बढ़ेगी, जिससे टीज आफ डूइंग बिजनेस खत्म होगा.

क्या कहते हैं अधिकारी: उद्योग उपायुक्त सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि उद्यमियों के आरोप निराधार हैं. अगर उनकी कोई समस्या है तो वह व्यक्तिगत आकर बताएं. हम उनका समाधान कराएंगे.

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