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दिल्ली से लौटे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य; अब लखनऊ में गोलबंदी, मंत्री-नेताओं से कर रहे मीटिंग - UP Deputy CM Keshav Prasad Maurya

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 13, 2024, 11:48 AM IST

Updated : Jun 14, 2024, 9:08 AM IST

चर्चा है कि केशव प्रसाद मौर्य को यूपी बीजेपी के संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है. इस बीच केशव प्रसाद मौर्य से मिलने वाले नेताओं का जमावड़ा भी बढ़ता जा रहा है. उत्तर प्रदेश भाजपा के नेताओं को यह महसूस होने लगा है निश्चित तौर पर भविष्य में मौर्य को कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है.

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दिल्ली से लौटकर केशव प्रसाद मौर्य ने लखनऊ में मंत्री और नेताओं से मुलाकात की. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली में 5 दिन तक बीजेपी नेताओं से मुलाकात के बाद बुधवार की दोपहर बाद लखनऊ वापस आ गए हैं. यहां उन्होंने उत्तर प्रदेश स्तर के नेताओं से मुलाकात करना शुरू कर दी है. कई मंत्रियों और पूर्व मंत्रियों ने उनसे भेंट की है.

चर्चा है कि केशव प्रसाद मौर्य को यूपी बीजेपी के संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है. इस बीच केशव प्रसाद मौर्य से मिलने वाले नेताओं का जमावड़ा भी बढ़ता जा रहा है. उत्तर प्रदेश भाजपा के नेताओं को यह महसूस होने लगा है निश्चित तौर पर भविष्य में मौर्य को कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है.

केशव प्रसाद 5 दिन तक दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के अनेक नेताओं से मिलते रहे. साल 2016 में जब वे उत्तर प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष बने थे तब भी वे लगातार इसी तरह से दिल्ली में डेरा जमाए हुए थे. माहौल बिल्कुल वैसा ही है और केशव प्रसाद मौर्य के समर्थक मान रहे हैं कि निश्चित तौर पर उनको कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संगठन दे सकता है.

वर्तमान स्थितियों में माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी को उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल में स्थान दिया जा सकता है. जबकि उनके स्थान पर केशव प्रसाद मौर्य भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बन सकते हैं.

कभी चाय और अखबार बेचते थे केशव प्रसाद मौर्य: साल 2014 के लोकसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य राज्य की फूलपुर सीट से सांसद बने थे. केशव प्रसाद का जन्म सिराथू जिला कौशांबी के एक बेहद साधारण किसान परिवार में हुआ. खेती करते हुए उन्होंने चाय की दुकान भी चलाई और अखबार भी बेचे. गरीबी और संघर्ष के बीच केशव प्रसाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े और श्रीराम जन्म भूमि और गोरक्षा के लिए आंदोलन करते हुए जेल भी गए.

विश्व हिंदू परिषद के प्रचारक रहे हैं मौर्य: 2002 और 2007 में लगातार दो विधानसभा चुनाव हारने के बाद वह 2012 में कौशाम्बी जिले के सिराथू विधानसभा सीट से विधायक चुने गए. बाद में 2014 लोकसभा चुनाव में फूलपुर से जीत दर्ज की. मौर्य 18 साल तक गंगापार और यमुनापार में विश्व हिंदू परिषद के प्रचारक भी रहे हैं. इन्हें अध्यक्ष बनाने के पीछे राज्य में दलित वोट हासिल करना भी बड़ा कारण माना जा रहा है.

केशव प्रसाद मौर्य हिंदूवादी छवि और पिछड़ों के नेता: केशव प्रसाद मौर्य में तीन विशेषताएं हैं जिन्होंने उनका 2016 में भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था. उनका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से बेहतर तालमेल है. इसके अतिरिक्त विश्व हिंदू परिषद में रहने की वजह से उनकी हिंदूवादी छवि भी है. साथ ही उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के पिछड़ों में सर्वमान्य नेता के तौर पर केशव प्रसाद मौर्य पहचाने जाते हैं.

ये भी पढ़ें: 'अकेले यूपी ने ही भाजपा के 400 पार के नारे की निकाल दी हवा'; अजय राय ने मोदी-योगी पर बोला हमला

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली में 5 दिन तक बीजेपी नेताओं से मुलाकात के बाद बुधवार की दोपहर बाद लखनऊ वापस आ गए हैं. यहां उन्होंने उत्तर प्रदेश स्तर के नेताओं से मुलाकात करना शुरू कर दी है. कई मंत्रियों और पूर्व मंत्रियों ने उनसे भेंट की है.

चर्चा है कि केशव प्रसाद मौर्य को यूपी बीजेपी के संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है. इस बीच केशव प्रसाद मौर्य से मिलने वाले नेताओं का जमावड़ा भी बढ़ता जा रहा है. उत्तर प्रदेश भाजपा के नेताओं को यह महसूस होने लगा है निश्चित तौर पर भविष्य में मौर्य को कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है.

केशव प्रसाद 5 दिन तक दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के अनेक नेताओं से मिलते रहे. साल 2016 में जब वे उत्तर प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष बने थे तब भी वे लगातार इसी तरह से दिल्ली में डेरा जमाए हुए थे. माहौल बिल्कुल वैसा ही है और केशव प्रसाद मौर्य के समर्थक मान रहे हैं कि निश्चित तौर पर उनको कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संगठन दे सकता है.

वर्तमान स्थितियों में माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी को उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल में स्थान दिया जा सकता है. जबकि उनके स्थान पर केशव प्रसाद मौर्य भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बन सकते हैं.

कभी चाय और अखबार बेचते थे केशव प्रसाद मौर्य: साल 2014 के लोकसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य राज्य की फूलपुर सीट से सांसद बने थे. केशव प्रसाद का जन्म सिराथू जिला कौशांबी के एक बेहद साधारण किसान परिवार में हुआ. खेती करते हुए उन्होंने चाय की दुकान भी चलाई और अखबार भी बेचे. गरीबी और संघर्ष के बीच केशव प्रसाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े और श्रीराम जन्म भूमि और गोरक्षा के लिए आंदोलन करते हुए जेल भी गए.

विश्व हिंदू परिषद के प्रचारक रहे हैं मौर्य: 2002 और 2007 में लगातार दो विधानसभा चुनाव हारने के बाद वह 2012 में कौशाम्बी जिले के सिराथू विधानसभा सीट से विधायक चुने गए. बाद में 2014 लोकसभा चुनाव में फूलपुर से जीत दर्ज की. मौर्य 18 साल तक गंगापार और यमुनापार में विश्व हिंदू परिषद के प्रचारक भी रहे हैं. इन्हें अध्यक्ष बनाने के पीछे राज्य में दलित वोट हासिल करना भी बड़ा कारण माना जा रहा है.

केशव प्रसाद मौर्य हिंदूवादी छवि और पिछड़ों के नेता: केशव प्रसाद मौर्य में तीन विशेषताएं हैं जिन्होंने उनका 2016 में भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था. उनका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से बेहतर तालमेल है. इसके अतिरिक्त विश्व हिंदू परिषद में रहने की वजह से उनकी हिंदूवादी छवि भी है. साथ ही उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के पिछड़ों में सर्वमान्य नेता के तौर पर केशव प्रसाद मौर्य पहचाने जाते हैं.

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Last Updated : Jun 14, 2024, 9:08 AM IST
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