लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बलरामपुर जिले के सीमावर्ती इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ के हालात का जायजा लिया. जिसके बाद उन्होंने राहत शिविर में पहुंचकर बच्चों को दुलार किया उन्हें पुरस्कार बांटे. साथ ही राहत सामग्री का भी वितरण किया. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ पीड़ितों से कहा कि, उनको परेशान होने की जरुरत नहीं है. बाढ़ के दौरान राहत और बाढ़ के बाद पुनर्वास को लेकर सरकार पूरी तरह से गंभीर है. किसी को भी परेशानी नहीं होने दी जाएगी.
योगी आदित्यनाथ ने बाद में राहत शिविर पहुंचकर बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की. बच्चों के बीच में मुख्यमंत्री ने खिलौने और चॉकलेट बांटे. इसके बाद में बाढ़ पीड़ितों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, संकट की इस घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी हुई है. उनको परेशान होने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है. हम फिलहाल तो राहत पहुंचाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं. बाढ़ के दौरान जिनको भारी नुकसान होगा उनके पुनर्वास का भी पूरा इंतजाम किया जाएगा. इसके साथ ही जनता की परेशानी को दूर करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए.
वहीं जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि, नेपाल से राप्ती नदी का पानी छोड़े जाने के बाद सीमावर्ती जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हुई है. जिसको लेकर सरकार हर संभव कोशिश कर रही है. सभी जिलों के अधिकारी अपने स्तर से प्रयासरत हैं. संबंधित जिलों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. जहां बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन और रहने का सारा इंतजाम किया गया है. उन्हें किसी तरह की परेशानी ना हो इसका हर संभव प्रयास किया जा रहा है.
श्रावस्ती के बाढ़ पीड़ितों से मिले सीएम योगी
श्रावस्ती: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को श्रावस्ती जिले का दौरा कर बाढ़ के हालात का जायजा लिया. जिसके बाद उन्होंने राहत शिविर में पहुंचकर बच्चों को दुलार किया. उन्हें पुरस्कार बांटे. साथ ही राहत सामग्री का भी वितरण किया. राप्ती बैराज पहुंच कर रेस्क्यू करने वाली टीम और फंसे हुए लोगों की सूचना देने वाली महिला रेखा और गांव के गाइड को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ पीड़ितों से कहा कि, उनको परेशान होने की जरुरत नहीं है. बाढ़ के दौरान राहत और बाढ़ के बाद पुनर्वास को लेकर सरकार पूरी तरह से गंभीर है. किसी को भी परेशानी नहीं होने दी जाएगी.
सीएम योगी ने 5 एडीएम और 5 आपदा विशेषज्ञ से किया जवाब-तलब
लखनऊ: बाढ़ कार्यों में लापरवाही बरतने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच जिले के एडीएम एफआर और आपदा विशेषज्ञों से स्पष्टीकरण तलब किया है. इन पांचों जिलों के लापरवाह अधिकारियों को दो दिन के अंदर जवाब मांगा है. बताया जा रहा है कि, जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर सीएम योगी सख्त कार्रवाई कर सकते हैं. राहत आयुक्त ने बताया कि, सीएम योगी के निर्देश पर लखनऊ के एडीएम एफआर राकेश सिंह, आपदा विशेषज्ञ अमर सिंह, प्रतापगढ़ के एडीएम एफआर त्रिभुवन विश्वकर्मा, आपदा विशेषज्ञ अनुपम शेखर तिवारी, अंबेडकरनगर के एडीएम एफआर सदानंद गुप्ता, आपदा विशेषज्ञ सूर्यभान सिंह को नोटिस जारी की गई है. इसके साथ ही बाढ़ संबंधी कार्यों में शिथिलता बरतने पर सीतापुर के एडीएम एफआर नितीश कुमार सिंह, आपदा विशेषज्ञ हीरालाल और बलिया के एडीएम एफआर देवेंद्र प्रताप सिंह, आपदा विशेषज्ञ पियुष कुमार सिंह को भी नोटिस जारी की गई है.
बाढ़ प्रभावित कैथानी का मंत्री ने किया दौरा
हरदोई: यूपी के हरदोई में योगी सरकार में राज्यमंत्री उच्च शिक्षा रजनी तिवारी और जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने गर्रा नदी की बाढ़ से प्रभावित ग्राम उमरिया कैथानी का भ्रमण किया और ग्रामीणों से संवाद कर उनकी समस्याओ के बारे में जाना. इस मौके पर जिलाधिकारी ने चिकित्सा विभाग को निर्देश दिए कि, गांव में बीमारों की जांच कर दवा उपलब्ध कराए और पेय जल को शुद्ध करने के लिए कलोरीन की गोलियां वितरित की जाए. साथ ही उन्होंने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि, प्रभावित परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थान पर भेंजे और उनके अस्थायी रूप से रहने और खाने की उचित व्यवस्था कराई जाए. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सभी विद्यालय बंद कर दिए जाए. पशुपालन विभाग को निर्देश दिए कि, पशुओं के भूसे चारे आदि की पर्याप्त व्यवस्था की जाए. पशुओं के सुरक्षित स्थान पर ठहरने की उचित व्यवस्था कराई जाए.
बसंतापुर गांव में मगरमच्छ को ग्रामीणों ने पकड़क वापस नदी में छोड़ा
लखीमपुर खीरी: यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में बाढ़ के पानी के साथ एक मगरमच्छ गांव में घुस आया. इस मगरमच्छ को लोगों ने पकड़कर बिजली के खम्भे से बांध दिया. फिर इस मगरमच्छ को लोगों ने नदी में छोड़ दिया. मगर का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. यह तस्वीर पलिया तहसील के बसंतापुर गांव का बताया जा रहा है. जब गांव में मगरमच्छ को लोगों ने देखा तो वन विभाग को सूचना दी, लेकिन वन विभाग की टीम खुद बाढ़ की चपेट में थी. जिसके बाद गांव वालों ने खुद हिम्मत कर मगरमच्छ को पकड़ा. बाद में वन विभाग से फोन पर संपर्क किया गया तो वन विभाग ने मगरमच्छ को नदी में छोड़ने के लिए कहा. इसके बाद गांव वालों ने मिलकर मगरमच्छ को पास जा रहा है सुरक्षित नाले में छोड़ दिया.