लखनऊ: केंद्रीय चुनाव आयोग ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा में से 9 सीट पर उपचुनाव की घोषणा कर दी. लेकिन, अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर पेंच फंस गया. इस सीट पर उपचुनाव की घोषणा नहीं की गई. इसके पीछे इस सीट का मामला हाइकोर्ट में लंबित होना बताया गया है, जिसमें पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने अवधेश प्रसाद (मिल्कीपुर के पूर्व विधायक, अब फैजाबाद सांसद) के चुनाव के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
जब मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव की तारीख की घोषणा नहीं हुई तो अब पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने अपनी याचिका वापस लेने का फैसला किया है. जिसको लेकर वे बुधवार को हाइकोर्ट पहुंचे. उन्होंने कहा है कि, हमने उपचुनाव का रास्ता साफ करने के लिए केस वापस लेने का फैसला किया है. उन्हें नहीं पता था कि उनकी याचिका की वजह से चुनाव रोक दिया जाएगा.
बाबा गोरखनाथ ने कहा है कि अब जब उपचुनाव की घोषणा नहीं हुई तो मुझे भी आश्चर्य हुआ और मैं तुरंत संगठन से मिलने लखनऊ आया. मैं चाहता हूं कि वहां चुनाव हो. उन्होंने बताया कि 2022 में समाजवादी पार्टी के नेता अवधेश प्रसाद निर्वाचित हुए थे. उनके दस्तावेजों को लेकर हमने याचिका दाखिल की थी. बाद में वह सांसद बन गए और सीट रिक्त हो गई. ऐसे में अब उस याचिका का कोई मतलब नहीं है, रिट पीटिशन शून्य हो गई है. इसलिए हम याचिका वापस ले रहे हैं.
बता दें कि मंगलवार को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की थी. झारखंड में दो चरणों में मतदान होगा. यहां पर 13 और 20 नवंबर को वोटिंग होगी. जबकि, महाराष्ट्र में एक चरण में ही चुनाव होगा. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को वोटिंग होगी. इसी के साथ चुनाव आयोग ने यूपी की 10 में से 9 सीट पर उपचुनाव की तारीख घोषित की थी. उपचुनाव का मतदान 13 नवंबर को होगा. सभी चुनाव की काउंटिंग 23 नवंबर को होगी.
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